संत प्रेमानंद महाराज के नहीं होंगे रात्रि दर्शन:अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की रात्रि पद यात्रा,स्वास्थ्य अनुकूल न होने का बताया कारण
आध्यात्मिक धर्म गुरु संत प्रेमानंद महाराज के रात्रि दर्शन अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। यह निर्णय गुरुवार को आश्रम प्रबंधन ने लिया। बताया गया कि महाराज जी का स्वास्थ्य अनुकूल नहीं है जिसके कारण अनिश्चितकाल के लिए रात्रि दर्शन नहीं होंगे। रात्रि पदयात्रा करते थे संत प्रेमानंद महाराज संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन देर रात 2 बजकर 20 मिनट पर अपने निवास स्थान श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से शिष्यों के साथ पदयात्रा पर निकलते हैं। वह इस दौरान रास्ते में खड़े भक्तों को दर्शन देते हुए करीब डेढ़ किलोमीटर दूर रमणरेती में स्थित अपने आश्रम केली कुंज पहुंचते हैं। करीब 45 मिनट के इस सफर के दौरान बड़ी संख्या में लोग उनके दर्शनों के लिए रास्ते के दोनों तरफ खड़े रहते हैं। यह कहा आश्रम ने रात्रि दर्शन बंद करने के बारे के केली कुंज आश्रम ने सूचना जारी करते हुए कहा कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य और बढ़ती भीड़ को देखते हुए महाराज जी जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 2 बजे से श्री हित केली कुंज जाते थे,जिसमें सब दर्शन पाते थे वह अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जाता है। इस सूचना के अनुसार अब संत प्रेमानंद महाराज गुरुवार रात से पदयात्रा पर नहीं निकलेंगे। संत प्रेमानंद महाराज के रात्रि भ्रमण पर हुआ था विवाद आध्यात्मिक धर्म गुरु संत प्रेमानंद महाराज के रात्रि भ्रमण पर निकलने को लेकर विवाद हुआ था । निवास स्थान से आश्रम जाने वाले रास्ते में पड़ने वाली सोसायटी की महिलाओं ने इसका विरोध किया। महिलाओं का आरोप है कि जब महाराज जी निकलते हैं तब तेज आवाज में ढोल बजते हैं तो कभी कभी आतिशबाजी चलाई जाती है। इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पा रही। NRI ग्रीन सोसाइटी के निवासियों ने किया प्रदर्शन वृंदावन में प्रेम मंदिर के पीछे पड़ने वाली सोसाइटी NRI ग्रीन के वाशिंदे हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। महिलाओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी। जिस पर लिखा था यह कौन सी भक्ति और दर्शन हैं यह तो बल शक्ति का प्रदर्शन है। इसके अलावा लिखा था धर्म के नाम पर लोग उड़ा रहे नियमों की धज्जियां। महिलाओं ने कहा था नहीं हो पा रही नींद पूरी प्रदर्शन कर रही NRI ग्रीन सोसाइटी में रहने वाली महिलाओं ने कहा कि देर रात तेज आवाज में ढोल नगाड़े बजते हैं। कभी कभी आतिशबाजी की जाती है। शोर शराबा होने के कारण वह लोग ढंग से सो नहीं पा रहे उनकी नींद पूरी नहीं हो रही। सुबह बच्चों को स्कूल जाना होता है,पति काम पर जाते हैं इसके अलावा कई महिलाएं भी नौकरी पेशा है उनको काम पर जाने में देरी हो जाती है। जिसकी बजह से आए दिन ऑफिस से सुनना पड़ता है। मना करने पर भी नहीं मानते लोग सोसाइटी के लोगों द्वारा प्रदर्शन करने पर केली कुंज आश्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि रास्ते में खड़े होने वाले लोग महाराज जी के शिष्य नहीं हैं और न ही उनको महाराज जी या उनसे जुड़े किसी भी शिष्य द्वारा बुलाया जाता है। यह लोग कई बार लाउड स्पीकर पर भजन कीर्तन करते हैं जिसको लेकर मना भी किया जाता रहा है। पदयात्रा के दौरान ध्वनि प्रदूषण न करने की हमेशा अपील की जाती रही है।

संत प्रेमानंद महाराज के नहीं होंगे रात्रि दर्शन
हाल ही में, संत प्रेमानंद महाराज के रात्रि दर्शन में अस्थायी रूप से स्थगन का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय की मुख्य वजह संत प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य अनुकूल न होना बताया गया है। संत प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता और उनके अनुयायियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, यह समाचार उनके भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।
अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई रात्रि पद यात्रा
इस घोषणा के साथ-साथ यह भी बताया गया कि रात्रि पद यात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया है। भक्तों को संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने से वंचित रहना पड़ेगा, जिससे उनकी भावनाओं पर असर पड़ेगा। संत प्रेमानंद महाराज के अनुयायी उनके स्वास्थ्य की प्रगति की कामना कर रहे हैं।
स्वास्थ्य अनुकूल न होने का कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, संत प्रेमानंद महाराज की हालिया स्वास्थ्य स्थिति ने उनके रात्रि दर्शन और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों पर असर डाला है। भक्तों को उनकी सेहत को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है। संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य में सुधार होते ही दर्शन और रात्रि पद यात्रा फिर से आरंभ की जाएगी।
भक्तों से यह अनुरोध किया गया है कि वे संत प्रेमानंद महाराज के लिए प्रार्थना करें और उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार की कामना करें। इस कठिन समय में संत प्रेमानंद महाराज की भक्ति में डटे रहना ही उनके अनुयायियों का कर्त्तव्य है।
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