महराजगंज में शीतकालीन सारस गणना 16-17 दिसंबर को:गणना में नर और मादा सारस के साथ उनके बच्चों की भी गणना की जाएगी

महराजगंज। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के विभिन्न रेंज कार्यालयों में आगामी 16 और 17 दिसंबर को शीतकालीन सारस गणना की जाएगी। इस गणना में नर और मादा सारस के साथ उनके बच्चों की भी गणना की जाएगी। वन विभाग ने गणना को सफल बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। वन कर्मियों को मिले निर्देश पकड़ी रेंज, दक्षिणी चौक, उत्तरी चौक, मधवलिया, लक्ष्मीपुर, निचलौल और शिवपुर रेंज में सारस गणना के लिए वन कर्मियों को सभी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस दो दिन की गणना में प्रत्येक रेंज से डेटा संग्रहित किया जाएगा। पिछले ग्रीष्मकालीन सारस गणना के दौरान महराजगंज जिले में कुल 359 सारस पाए गए थे। जिनमें से पकड़ी रेंज में 66, दक्षिणी चौक में 36, उत्तरी चौक में 54, मधवलिया में 56, लक्ष्मीपुर में 83, निचलौल में 40 और शिवपुर में 4 सारस दर्ज किए गए थे। सारस गणना का महत्व प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) निरंजन सुर्वे ने कहा कि सारस गणना के जरिये वन्य जीवों के संरक्षण प्रयासों का आकलन किया जाता है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि इन पक्षियों का प्राकृतिक आवास सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि इस बार सारसों की संख्या में वृद्धि की संभावना है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शीतकालीन गणना में कितनी वृद्धि होती है। सारसों की घटती संख्या पर चिंता भारतीय सारस दुनिया के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक हैं, जो तेजी से समाप्त हो रहे हैं। इनका प्राकृतिक विरासत और आर्द्र भूमि के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है। सारसों की लगातार घटती संख्या पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए चिंता का कारण बन चुकी है।

Dec 1, 2024 - 10:45
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महराजगंज में शीतकालीन सारस गणना 16-17 दिसंबर को:गणना में नर और मादा सारस के साथ उनके बच्चों की भी गणना की जाएगी
महराजगंज। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के विभिन्न रेंज कार्यालयों में आगामी 16 और 17 दिसंबर को शीतकालीन सारस गणना की जाएगी। इस गणना में नर और मादा सारस के साथ उनके बच्चों की भी गणना की जाएगी। वन विभाग ने गणना को सफल बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। वन कर्मियों को मिले निर्देश पकड़ी रेंज, दक्षिणी चौक, उत्तरी चौक, मधवलिया, लक्ष्मीपुर, निचलौल और शिवपुर रेंज में सारस गणना के लिए वन कर्मियों को सभी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस दो दिन की गणना में प्रत्येक रेंज से डेटा संग्रहित किया जाएगा। पिछले ग्रीष्मकालीन सारस गणना के दौरान महराजगंज जिले में कुल 359 सारस पाए गए थे। जिनमें से पकड़ी रेंज में 66, दक्षिणी चौक में 36, उत्तरी चौक में 54, मधवलिया में 56, लक्ष्मीपुर में 83, निचलौल में 40 और शिवपुर में 4 सारस दर्ज किए गए थे। सारस गणना का महत्व प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) निरंजन सुर्वे ने कहा कि सारस गणना के जरिये वन्य जीवों के संरक्षण प्रयासों का आकलन किया जाता है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि इन पक्षियों का प्राकृतिक आवास सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि इस बार सारसों की संख्या में वृद्धि की संभावना है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शीतकालीन गणना में कितनी वृद्धि होती है। सारसों की घटती संख्या पर चिंता भारतीय सारस दुनिया के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक हैं, जो तेजी से समाप्त हो रहे हैं। इनका प्राकृतिक विरासत और आर्द्र भूमि के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है। सारसों की लगातार घटती संख्या पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए चिंता का कारण बन चुकी है।

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