महाकुंभ को लेकर नेपाल बार्डर पर सख्त रहेगी सुरक्षा:एडीजी, कमिश्नर, डीआइजी ने परखी सुरक्षा की स्थिति, नेपाल के अधिकारियों से की बात
प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ 2025 को लेकर नेपाल बार्डर पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। पुलिस के साथ सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान भी इसपर नजर रखेंगे। गुरुवार को एडीजी जोन केएस प्रताप कुमार, कमिश्नर अनिल ढींगरा व डीआइजी आनन्द कुलकर्णी नौतनवां पहुंचे और सीमा पर सुरक्षा की स्थिति देखी। उन्होंने सख्ती बरतने के निर्देश दिए। नेपाल के अधिकारियों एवं बार्डर पर तैनात सभी एजेंसियों के साथ समन्वय बैठक कर सुरक्षा को लकर चर्चा की। महाकुंभ एवं खिचड़ी मेला को लेकर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बाद नेपाल बार्डर पर भी विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की खामी न रह जाए, यह देखने के लिए वरिष्ठ अधिकारी वहां गए थे। नेपाल के अधिकारियों से सहयोग की अपील समन्वय बैठक में एडीजी जोन ने नेपाल के अधिकारियों से सहयोग की अपील की। उन्होंने एसएसबी के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों को एलर्ट रहने का निर्देश दिया। सीमा पर आने-जाने वालों की सघन जांच करने एवं पगडंडियों पर पेट्रोलिंग तेज करने को कहा गया। संवेदनशील मार्गों पर सीसीटीवी व ड्रोन के माध्यम से होगी निगरानी अधिकारियों ने कहा कि संवेदनशील मार्गों पर सीसीटीवी व ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाए। नेपाल एवं भारत के अधिकारी नियमित रूप से सूचनाओं को साझा करें। उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों की ओर से नेपाल के अधिकारियों का पूरा सहयोग किया जाएगा। नेपाल के अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। भारत व नेपाल के जवान संयुक्त रूप से करेंगे पेट्रोलिंग एडीजी जोन ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि भारत व नेपाल के जवान संयुक्त रूप से बार्डर पर पेट्रोलिंग करेंगे। नेपाल के अधिकारियों ने पूरा सहयोग का आश्वासन दिया है। आने वाले दिनों में चेकिंग बढ़ाई जाएगी ताकि देश विरोधी तत्व उस रास्ते से प्रवेश न कर पाएं।

महाकुंभ को लेकर नेपाल बार्डर पर सख्त रहेगी सुरक्षा
महाकुंभ मेला, जो विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, इस वर्ष भी अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए चर्चित रहा है। नेपाल बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एडिशनल डिप्टी जनरल (एडीजी), कमिश्नर, और डिप्टी इंडियन पुलिस (डीआइजी) ने स्थिति का गहन मूल्यांकन किया है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कार्यक्रम के दौरान किसी तरह की सुरक्षा चूक न हो, इसीलिए सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
सुरक्षा की स्थिति का मूल्यांकन
सुरक्षा की स्थिति का मूल्यांकन करते समय, अधिकारियों ने बार्डर पर लगे बैरिकेड्स, चेकपॉइंट्स और संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखी। नेपाल के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर संवाद करते हुए, भारतीय अधिकारियों ने दोनों देशों के मध्य सहयोग और समन्वय पर जोर दिया।
नेपाल के अधिकारियों से बातचीत
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा की संपूर्ण स्थिति सुनिश्चित करने के लिए, नेपाल के अधिकारियों से भी वार्ता की गई। सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के दृष्टिकोण से दोनों देशों के बीच सामंजस्य आवश्यक है। इसके लिए सीमाई क्षेत्रों में नियमित दौरे और सुरक्षा तैनाती की योजना बनाई गई है।
समुदाय की भूमिका
स्थानीय समुदाय और श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। सभी संबंधित सरकारी एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि वे श्रद्धालुओं को सुरक्षित पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाएँ। इसके साथ, स्थिति पर समय-समय पर देखरेख करना और श्रद्धालुओं को जागरूक करना भी आवश्यक होगा।
समुदाय की सुरक्षा और संतोष सुनिश्चित करने के लिए, चरणबद्ध योजना के तहत विभिन्न कोविड-19 उपायों एवं अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।
समुचित सुरक्षा व्यवस्था का होना किसी भी बड़े आयोजन की सफलता के लिए अनिवार्य है। इसमें स्थानीय पुलिस बल, अर्धसैनिक बल और अन्य संबंधित एजेंसियों का योगदान भी शामिल है।
महाकुंभ के आयोजन में भारतीय और नेपाली अधिकारियों के बीच समन्वय का अधिक महत्व है। यह न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को बढ़ाता है बल्कि युद्धाभ्यास से पहले आवश्यक जानकारी साझा करने में भी मदद करता है।
इस प्रकार, सुरक्षा को लेकर की गई सभी व्यवस्था महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की भलाई सुनिश्चित करेगी।
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