महाकुंभ में कैसे आएं..कहां ठहरें, पार्किंग कहां है:​​​​​​​स्टेशन से 24 हजार कदम पैदल चलना होगा; विशेष स्नान के दिन 10 किमी पहले रोका जाएगा

अगर आप प्रयागराज महाकुंभ में आ रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं? किन-किन जगहों पर रोका जाएगा? कहां रह सकते हैं? रहने के लिए कितना खर्च होगा? कहां-कहां घूम सकते हैं? कहां, क्या खा सकते हैं? इन सारे सवालों के जवाब जानिए… महाकुंभ को लेकर यूपी सरकार का अनुमान है कि 40 करोड़ लोग संगम स्नान के लिए प्रयागराज आएंगे। ये श्रद्धालु 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच आएंगे। 2019 में जब अर्द्धकुंभ हुआ था, तब करीब 24 करोड़ लोग आए थे। मेला प्रशासन का अनुमान है कि सर्वाधिक 21% लोगों के जौनपुर रूट से महाकुंभ पहुंचने की संभावना है, जबकि रीवा और बांदा मार्ग से 18% श्रद्धालु आएंगे। इसी तरह, वाराणसी मार्ग से 16%, कानपुर मार्ग से 14% , मिर्जापुर मार्ग से 12% श्रद्धालु आ सकते हैं। लखनऊ मार्ग से 10% और प्रतापगढ़ मार्ग से 9% लोगों के आने की संभावना है। बसों को 10 किलोमीटर पहले रोक दिया जाएगा प्रयागराज में एंट्री के लिए मुख्य रूप से 7 रास्ते हैं। बस और निजी वाहन से आने वाले लोग इन्हीं रास्तों से होते हुए संगम पहुंचेंगे। कुल 6 राजसी स्नान (शाही स्नान) हैं। इसमें मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर ज्यादा भीड़ होगी। राजसी स्नानों से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक कुंभ मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन होगा। यह नियम उन सड़कों पर लागू होगा, जो सीधे संगम को जाती हैं। इसे ऐसे समझिए, बस के जरिए अगर आप लखनऊ या अयोध्या की तरफ से आ रहे हैं तो मलाका के ही पास आपकी बस खड़ी हो जाएगी। इसी तरह से कानपुर, वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, चित्रकूट से आने वाली बसों को भी संगम से करीब 10 किलोमीटर पहले रोक दिया जाएगा। निजी वाहनों को सुविधानुसार ही आगे आने दिया जाएगा। प्रशासन ने पूरे जिले में कुल छोटी और बड़ी 102 पार्किंग बनाई हैं। इनमें 70% पार्किंग स्नान घाट से 5 किलोमीटर के अंदर हैं। बाकी 30% पार्किंग 5 से लेकर 10 किलोमीटर की दूरी पर हैं। 24 सैटेलाइट पार्किंग हैं, इनमें से 18 मेला क्षेत्र में और 6 प्रयागराज शहर में। यहां पीने का पानी, शौचालय, प्राथमिक इलाज, पब्लिक एड्रेस सिस्टम मौजूद है। प्रयागराज जंक्शन से 24 हजार कदम पैदल चलना होगा महाकुंभ के दौरान 3 हजार स्पेशल ट्रेन शुरू की गई हैं। ये ट्रेनें 13 हजार से अधिक फेरे लगाएंगी। जिले में प्रयागराज जंक्शन के अलावा 8 सब-स्टेशन हैं। ये कुल तीन जोन उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे में बांटे गए हैं। कानपुर, दीनदयाल उपाध्याय, सतना, झांसी से होते हुए जो ट्रेन कुंभ में पहुंचेगी, वह प्रयागराज जंक्शन पर रुकेगी। यहीं से गाड़ी चलेगी भी। सतना, झांसी और दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन की तरफ से जो रूटीन गाड़ियां आएंगी उन्हें नैनी और छिवकी जंक्शन पर रोका जाएगा। प्रमुख स्नान पर्व पर कुंभ के लिए स्पेशल गाड़ियों को भी वहीं रोके जाने की संभावना है। लखनऊ, अयोध्या और जौनपुर की तरफ से जो ट्रेनें कुंभ में आएंगी उन्हें फाफामऊ स्टेशन, प्रयाग स्टेशन व प्रयागराज संगम स्टेशन पर रोका जाएगा। जिस दिन प्रमुख स्नान होंगे उस दिन प्रयागराज संगम स्टेशन तक ट्रेनों को नहीं जाने दिया जाएगा। कानपुर की तरफ से आने वाली गाड़ियों को सूबेदारगंज स्टेशन पर रोका जाएगा। वाराणसी, गोरखपुर व मऊ की तरफ से जो गाड़ियां कुंभ में आएंगी, उन्हें झूंसी व रामबाग स्टेशन पर रोका जाएगा। रामबाग शहर के अंदर है इसलिए प्रमुख स्नान पर्व पर ट्रेनों को झूंसी में रोकने की तैयारी है। प्रयागराज जंक्शन सहित सभी 9 स्टेशनों पर अंदर जाने और बाहर आने के रास्ते अलग-अलग होंगे। जैसे प्रयागराज जंक्शन पर एक नंबर प्लेटफॉर्म की तरफ से एंट्री होगी, सिविल लाइंस की तरफ से आप प्लेटफॉर्म से बाहर निकल सकते हैं। यहां से संगम की दूरी करीब 12 किलोमीटर है। एक व्यक्ति औसतन 2 कदम में एक मीटर की दूरी पूरी करता है। ऐसे में उसे मुख्य स्नान पर्व पर 24 हजार कदम पैदल चलकर पहुंचना होगा। रेलवे ने महाकुंभ के लिए टोल फ्री नंबर 1800 4199 139 जारी किया है। किसी भी तरह की पूछताछ आप इस नंबर पर कर सकते हैं। इन 25 शहरों के लिए फ्लाइट प्रयागराज से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, इंदौर, अहमदाबाद, कोलकाता, जयपुर, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, हैदराबाद, भोपाल, चेन्नई, पुणे, गोवा, नागपुर, जम्मू, पटना, गोवा, अयोध्या, रायपुर, देहरादून, जबलपुर, चंडीगढ़, बिलासपुर के लिए फ्लाइट रहेगी। महाकुंभ आएं तो कहां रुकें महाकुंभ में आने वाले लोगों के लिए ठहरने की व्यापक व्यवस्था की गई है। मेले में 10 लाख लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है। इनमें फ्री और पेड दोनों तरह की व्यवस्था है। जैसे आप लग्जरी व्यवस्था चाहते हैं तो संगम के ही किनारे बस सकते हैं। वहां डोम सिटी बसाई जा रही। इसका किराया प्रतिदिन का 80 हजार रुपए से लेकर सवा लाख रुपए तक है। इसके आसपास 2000 कैंप की टेंट सिटी बनाई गई है। यहां रहने पर आपको 3 हजार से लेकर 30 हजार रुपए तक देना होगा। इसके लिए बुकिंग भी पहले करानी होगी। पूरे शहर में 42 लग्जरी होटल हैं। सभी की अपनी वेबसाइट है, जिसके जरिए आप उनके बारे में जान सकते हैं और बुक कर सकते हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 100 आश्रयस्थल हैं, हर आश्रयस्थल में 250 बेड हैं। 10 हजार से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की है। स्टेशन के आसपास 50 होटल, पूरे शहर में 204 गेस्ट हाउस अगर आप ट्रेन के जरिए आते हैं और प्रयागराज जंक्शन पर उतरते हैं, तो स्टेशन के आसपास 50 होटल हैं। वहां ठहर सकते हैं। इसके अलावा स्टेशन के बाहर प्रयागराज नगर निगम ने रैन बसेरा बनाया है। उसमें ठंड से बचाव की सारी व्यवस्था है। संगम के आसपास कुल 3 हजार बेड के रैन बसेरा बनाए गए हैं। पूरे जिले में कुल 204 गेस्ट हाउस हैं। 90 धर्मशाला हैं, कुंभ के दौरान सभी में ठहरने की व्यवस्था होगी। संगम के आसपास के इलाके में घरों को पीजी हाउस में बदला गया है। पर्यटन विभाग ने उन्हें लाइसेंस और ट्रेनिंग दी है। आप यहां ठहर सकते हैं। कुंभ में घूमने के लिए मै

Jan 12, 2025 - 04:35
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महाकुंभ में कैसे आएं..कहां ठहरें, पार्किंग कहां है:​​​​​​​स्टेशन से 24 हजार कदम पैदल चलना होगा; विशेष स्नान के दिन 10 किमी पहले रोका जाएगा
अगर आप प्रयागराज महाकुंभ में आ रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं? किन-किन ज

महाकुंभ में कैसे आएं..कहां ठहरें, पार्किंग कहां है

महाकुंभ एक बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु और तीर्थ यात्री एकत्र होते हैं। इस महाकुंभ में भाग लेने के लिए सही योजना बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम आपको यहां बताएंगे कि आप महाकुंभ में कैसे आएं, कहां ठहरें और पार्किंग की व्यवस्था कैसे करें। प्रतिवर्ष महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होती है, इसलिये योजनाबद्ध तरीके से जाना और रहना अधिक सहज बनाता है।

कैसे आएं

महाकुंभ में जाने के लिए विभिन्न परिवहन विकल्प उपलब्ध हैं। यदि आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं, तो आपको स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंचना होगा। स्टेशन से महाकुंभ स्थल तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 24 हजार कदम पैदल चलना होगा। इससे पहले की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आप अपने साथ रहने वाले सामान और जरूरी चीजों को ध्यान में रखें।

कहां ठहरें

महाकुंभ के दौरान ठहरने की व्यवस्था करना बेहद मायने रखता है। महाकुंभ क्षेत्र में कई धर्मशालाएं, होटल और अस्थायी कैंप स्थापित किए जाते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार बुकिंग कर सकते हैं। यदि आप भीड़-भाड़ से बचना चाहते हैं, तो पहले से स्थान निर्धारित करना अच्छा रहेगा।

पार्किंग स्थान

महाकुंभ स्थल पर पहुंचने के लिए आपको अपनी गाड़ी पार्क करने की आवश्यकता पड़ेगी। पार्किंग की उचित व्यवस्था की गई है, लेकिन विशेष स्नान के दिनों के दौरान 10 किमी पहले ही वाहनों को रोका जाएगा। इसका मतलब है कि आप वहां तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी होगी।

सभी श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने सफर की योजना पहले से बना लें और यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। खासकर यदि आप बड़े समूह में यात्रा कर रहे हैं।

महाकुंभ का त्यौहार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी एक महत्वपूर्ण साधन है। अपने यात्रा अनुभवों को साझा करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करें।

News by indiatwoday.com

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