मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा बताया:इसमें दावा- मोदी सरकार ने मुइज्जू का तख्तापलट करने की कोशिश की

मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा करार दिया है। भारत के दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने शनिवार को एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में कहा कि कुछ लोग दोनों देशों के रिश्तों में दरार डालना चाहते हैं। हमने वो खबर देखी है। हमें नहीं पता कि उन्हें ये जानकारी कहां से मिली। खलील ने कहा- ये रिपोर्ट फर्जी, झूठी और बेबुनियाद है। इस रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है। मालदीव और भारत सरकार दोनों समझते हैं कि हम आपस में अच्छे और मजबूत रिश्ते रखने के लिए काम कर रहे हैं। अब्दुल्ला खलील भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान भारत-मालदीव के बीच द्विपक्षीय व्यापार में स्थानीय मुद्रा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है। भारत ने कहा था- वॉशिंगटन पोस्ट की कोई साख नहीं भारत ने शुक्रवार को इस रिपोर्ट को झूठा बताया था और वॉशिंगटन पोस्ट की साख पर सवाल उठाए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था- आप उनकी एक्टिविटी में एक पैटर्न देख सकते हैं। मैं उन पर यकीन करने या फिर न करने का काम आप पर छोड़ता हूं। जहां तक हमारा सवाल है, हम मानते हैं कि उनकी साख नहीं है। रिपोर्ट में दावा- भारत ने चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की 30 दिसंबर को छपी वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत ने मालदीव में हुए चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी। मोदी सरकार, भारत समर्थक इब्राहिम सोलिह को चुनाव जिताना जाहती थी। जब मुइज्जू ने चुनाव जीत लिया तो मोदी सरकार ने भारत समर्थक नेता को मालदीव का राष्ट्रपति बनाने की कोशिश की थी। इसमें यह भी दावा किया गया था कि भारत की खुफिया एजेंसी RAW ने मालदीव के विपक्षी पार्टी के नेताओं से राष्ट्रपति मुइज्जू को हटाने पर चर्चा भी की थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया था कि उसके पास डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नाम के कुछ दस्तावेज मौजूद हैं। इनमें मुइज्जू को सत्ता से हटाने की प्लानिंग है। रिपोर्ट के मुताबिक मुइज्जू को सत्ता से हटाने के लिए 40 सांसदों को रिश्वत देने का प्लान बनाया गया था। इनमें मुइज्जू की पार्टी के सांसद भी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों के अलावा सेना और पुलिस के 10 सीनियर अधिकारियों और कुछ आपराधिक गिरोहों को भी पैसे देने का प्लान बनाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए साजिश करने वालों ने 51 करोड़ रुपए की मांग रखी थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने मालदीव के दो अधिकारियों के हवाले बताया है कि ये रकम भारत से मांगी जानी थी। पूर्व राष्ट्रपति नशीद बोले- भारत कभी ऐसा नहीं करेगा हालांकि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी पार्टी के नेता, मोहम्मद नशीद ने भी इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसी किसी साजिश की जानकारी नहीं और भारत कभी भी ऐसी साजिश का समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत कभी ऐसा कदम नहीं उठाएगा, क्योंकि वह हमेशा मालदीव के लोकतंत्र का समर्थन करता है। भारत ने कभी हम पर शर्तें नहीं थोपीं। ..................................................... ये खबर भी पढ़ें... भारत से डायलॉग शुरू करना चाहता है पाकिस्तान:कहा- टैंगो के लिए दो की जरूरत; भारत का जवाब- PAK के मामले में T का मतलब टेररिज्म पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भारत से फिर से बातचीत शुरू करने की इच्छा जताई है। ARY न्यूज के मुताबिक डार ने गुरुवार को दोनों देशों में संबंध सुधारने की अपील करते हुए कहा कि टैंगो (डायलॉग) के लिए दो की जरूरत होती है। उन्होंने दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए पॉजिटिव माहौल बनाने की बात कही। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jan 4, 2025 - 22:45
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मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा बताया:इसमें दावा- मोदी सरकार ने मुइज्जू का तख्तापलट करने की कोशिश की
मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा करार दिया है। भारत के दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्

मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा बताया

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रिपोर्ट का सारांश

हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट ने एक विवादास्पद रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मुइज्जू का तख्तापलट करने की कोशिश की। इस रिपोर्ट के बाद, मालदीव सरकार ने इसे कठोर शब्दों में खारिज कर दिया है। सरकारी प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट को 'झूठ' की संज्ञा दी और कहा कि यह राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है।

मालदीव सरकार की प्रतिक्रिया

मालदीव के प्रशासन ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के पीछे की मंशा पर प्रश्न उठाया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ऐसे आरोप न तो सच्चे हैं और न ही किसी ठोस तथ्य पर आधारित हैं। वक्ता ने यह भी कहा कि ऐसे आरोप मतभेद पैदा करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं और इनका बहुत कम वास्तविकता से लेना-देना है।

मोदी सरकार की स्थिति

भारतीय सरकार ने भी इस प्रकार के आरोपों को नकारा है। केंद्र सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्तों को महत्व देता है और ऐसी नकारात्मक खबरें केवल मिथ्या हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वॉशिंगटन पोस्ट का इस प्रकार का लेखन अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अविश्वास बढ़ा सकता है।

विश्लेषक क्या कहते हैं?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के आरोपों का असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है। खासतौर पर मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच, भारतीय सरकार की छवि को लेकर ऐसी रिपोर्ट्स चिंताजनक हो सकती हैं। विश्लेषकों ने इस विषय पर और नज़र रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

निष्कर्ष

इस विवाद के बीच, यह स्पष्ट होता है कि मीडिया रिपोर्ट्स को सही न मानना और तुरंत खारिज करना महत्वपूर्ण है। भारत और मालदीव के संबंधों के संवेदनशीलता को समझते हुए, सभी पक्षों को संयम बरतने और जिम्मेदार बयान देने की आवश्यकता है।

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