मुख्यमंत्री के निर्देश पर आपदा पीड़ितों को राहत देने की प्रक्रिया तेज़, 72 घंटे में अनुग्रह राशि का सख्त आदेश
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के बाद राज्य में आपदा पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत देने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। आज सचिव आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की और मुख्यमंत्री के निर्देशों को जमीन पर उतारने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी […] The post मुख्यमंत्री के निर्देश पर आपदा पीड़ितों को राहत देने की प्रक्रिया तेज़, 72 घंटे में अनुग्रह राशि देने का सख्त आदेश first appeared on Vision 2020 News.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर आपदा पीड़ितों को राहत देने की प्रक्रिया तेज़, 72 घंटे में अनुग्रह राशि का सख्त आदेश
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा पीड़ितों की तत्काल सहायता में तेजी लाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन और पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन ने आज सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की जहां उन्हें राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
देहरादून: आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि किसी भी आपदा में प्रभावित परिवारों को मदद पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के अनुसार, यदि आपदा के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसके आश्रित को 72 घंटे के भीतर अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। यह कदम समय पर राहत प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।
आपदा प्रबंधन के लिए सरकारी तैयारी
बैठक के दौरान यह भी निर्देशित किया गया कि यदि शिनाख्त में देरी होती है, तो भी सात दिनों के भीतर सभी आश्रितों को सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग से आए ऑरेंज अलर्ट को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को अलर्ट रहने की सलाह दी है, जिससे संभावित खतरों का पूर्वानुमान लगाया जा सके।
दरअसल, नुकसान का त्वरित आकलन
सचिव विनोद कुमार सुमन ने जिलाधिकारियों को यह न केवल आवश्यक बताया है, बल्कि साथ ही आह्वान किया है कि वे त्वरित रूप से नुकसान का आकलन करें। यह रिपोर्ट सरकार को भेजनी है ताकि SDRF और SDMF के माध्यम से केंद्र सरकार से अतिरिक्त धनराशि प्राप्त की जा सके।
राहत कार्यों के लिए धनराशि का सही उपयोग
राज्य सरकार ने सभी जिलों में आपदा राहत और बचाव कार्यों के लिए पहचान की गई धनराशि का सही और समय पर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। यह भी आवश्यक है कि देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि नागरिक आपदा के दौरान सतर्क रहें।
सामुदायिक सहयोग और सतर्कता
आपदा प्रबंधन विभाग के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने सभी जनपदों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाने, विद्यार्थियों और व्यापारियों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के सुझाव दिए, जिससे सभी को समय पर आवश्यक जानकारी प्राप्त हो सके।
निष्कर्ष
ये पहलें सिर्फ प्रभावित लोगों की सहायता ही नहीं कर रही हैं, बल्कि यह पूरे सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाने में भी सहायक हैं। सभी संबंधित विभागों और नागरिकों को एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का सख्त पालन करके हम आपदा के कारण होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
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