युवा कायस्थ महासभा के 18वें वार्षिकोत्सव का आयोजन:आशीष को अध्यक्ष पद की कमान, सबसे बुजुर्ग को कायस्थ पितामह सम्मान
गोविंद नगर स्थित चित्रगुप्त धर्मशाला में युवा कायस्थ महासभा का 18वां वार्षिकोत्सव व खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। भगवान चित्रगुप्त की आरती उतार कर समारोह की शुरूआत हुई। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती पूजन व गणेश वन्दना से हुई। महासभा की परमपरा अनुसार वार्षिकोत्सव में महामंत्री आशीष श्रीवास्तव को अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई। 18 वां वर्षिकोत्सव महिला शक्ति सम्मान समारोह के रूप में मनाया गया, महासभा की पूनम श्रीवास्तव, साधना श्रीवास्तव, रजीन, अर्चना निगम, सरोजनी ने महापौर प्रमिला पांडेय को सम्मानित किया। महासभा के सदस्यों ने महिला सदस्यों को मोती की माला पहना कर सम्मानित किया। धर्मशाला में स्टेज का लोकार्पण किया कार्यक्रम के दौरान महापौर प्रमिला पांडेय ने चित्रगुप्त धर्मशाला मैदान में स्टेज का लोकार्पण किया। युवा कायस्थ महासभा के संचालक राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि चित्रगुप्त धर्मशाला के विकास की शुरुआत विधायक महेश त्रिवेदी ने कराई थी। वर्ष 2022–23 में उन्होंने दो कमरों का निर्माण कराया था। एमएलसी अरुण पाठक ने बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया था। निकाले गए 101 लकी ड्रा, बांटे इनाम कार्यक्रम के दौरान 101 लकी ड्रा निकाले गए। समारोह में शामिल लोगों को प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के माध्यमय से इनाम बांटे गए। समिति की ओर से कार्यक्रम के दौरान समारोह में शामिल सबसे कम उम्र के बच्चे को बालश्री पुरस्कार से नवाजा गया। वहीं सबसे बुर्जुग को कायस्थ पितामह का सम्मान दिया गया। इस दौरान प्रदीप मोहन चौधरी, डा. यूसी. श्रीवास्तव, डा. आशा श्रीवास्तव, राजीव श्रीवास्तव, प्रदीप निगम, महेंद्र निगम, अनिल श्रीवास्तव मौजूद रहे।

युवा कायस्थ महासभा के 18वें वार्षिकोत्सव का आयोजन
हाल ही में युवा कायस्थ महासभा का 18वां वार्षिकोत्सव भव्यता के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख रूप से आशीष को अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई। वार्षिकोत्सव का यह आयोजन कायस्थ समुदाय के सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण समय था, जिसमें उन्होंने अपने समुदाय की उपलब्धियों का जश्न मनाया और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
आशीष को अध्यक्ष पद की कमान
आशीष ने महासभा के नए अध्यक्ष के रूप में अपने विचार साझा किए और संगठन के विकास के लिए अपने प्रयासों को साझा किया। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता युवाओं को सशक्त बनाना और कायस्थ समुदाय की समृद्धि के लिए काम करना होगा। आशीष का चयन युवा पीढ़ी की उभरती हुई आवाज के रूप में देखा गया है, जो अपने साथ नए विचारों और ऊर्जा लेकर आया है।
सबसे बुजुर्ग को कायस्थ पितामह सम्मान
इस वार्षिकोत्सव में एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब सबसे बुजुर्ग सदस्य को 'कायस्थ पितामह सम्मान' से नवाजा गया। यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया गया है जिन्होंने अपने जीवन में कायस्थ समुदाय की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस सम्मान से न केवल उनके योगदान की सराहना की गई, बल्कि यह भी दिखाया गया कि कैसे युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों को सम्मान देती है।
समुदाय की एकता और भविष्य की योजनाएं
युवा कायस्थ महासभा ने इस वार्षिकोत्सव के दौरान समुदाय में एकता, सहयोग और बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए सामूहिक प्रयास करने का संकल्प लिया। इनके आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि कायस्थ समुदाय के लोग अपने सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं को संजोए रखते हुए साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
युवा कायस्थ महासभा के आचार्यों और सदस्यों ने इस आयोजन को सफल बनाने में कड़ी मेहनत की। अब देखना है कि युवा नेतृत्व किस तरह से कायस्थ समाज के विकास के लिए नए आयाम स्थापित करेगा।
इस प्रकार, युवा कायस्थ महासभा का 18वां वार्षिकोत्सव केवल एक समारोह नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा मंच था जहाँ सभी ने मिलकर अपने समाज की भलाई के लिए एकजुट होकर कार्य करने की प्रतिज्ञा की।
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