रामपुर में किसान ने कनपटी पर मारी गोली, मौत:परिवार ने कानूनी कार्रवाई से किया इनकार, बोले- डिप्रेशन में था
रामपुर के गंगापुर शर्की गांव में एक 40 वर्षीय किसान उमेश चंद्र ने कनपटी पर तमंचा लगाकर आत्महत्या कर ली। थाना मिलक क्षेत्र के अंतर्गत हुई इस घटना में परिवार ने डिप्रेशन को मुख्य कारण बताया है। उमेश अपने चार भाइयों में तीसरे नंबर का था और अविवाहित था। वह गांव में खेती-किसानी का काम करता था। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के परिजनों ने स्पष्ट किया कि उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी और उन्होंने किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से भी इनकार कर दिया है।

रामपुर में किसान ने कनपटी पर मारी गोली, मौत: परिवार ने कानूनी कार्रवाई से किया इनकार, बोले- डिप्रेशन में था
रामपुर से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां एक किसान ने अपनी कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने उसके परिवार और आसपास के इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया है। मृतक का परिवार इस मामले में कानूनी कार्रवाई से इनकार कर रहा है और उनका कहना है कि वह मानसिक दबाव या डिप्रेशन में था। यह घटना न केवल इस परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
किसान की मानसिक स्थिति
परिवार के सदस्यों के अनुसार, किसान की मानसिक स्थिति कुछ समय से ठीक नहीं थी। वह लगातार तनाव में रहता था और उसकी यह अवस्था दिनों-दिन और बिगड़ती जा रही थी। उसी तनाव का नतीजा है कि उसने इतना गंभीर कदम उठाया। परिवार ने यह भी बताया कि कई बार उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की थी, लेकिन वह अपनी समस्याओं को लेकर बहुत तनाव में था।
स्थानीय समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समाज में भी चिंता और शोक का माहौल पैदा किया है। कई लोग मानते हैं कि कृषि कार्यों में बढ़ती चुनौतियों और आर्थिक दबावों के कारण ये समस्याएं बढ़ रही हैं। गाँव के लोग इस बारे में चर्चा कर रहे हैं और इसे एक बड़ी समस्या के रूप में देख रहे हैं। स्थानीय नेताओं ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और ग्रामीणों से सहयोग की अपील की है।
सरकारी मदद की आवश्यकता
इस घटना को देखते हुए, कई लोग सोच रहे हैं कि क्या सरकार ऐसे मामलों में अधिक सहायता प्रदान कर सकती है। मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और किसानों के लिए अन्य सहायता पद्धतियों की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय पर मदद मिले तो ऐसे कई मामलों को रोका जा सकता है।
किसानो को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है और इसके अलावा, जब ऐसे मामलों का सामना करना पड़ता है तो परिवारों को भी एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता होती है।
इस घटना पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय सरकारों को अधिक सक्रिय होना चाहिए? आपके विचार हमें साझा करें।
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