रामलला विराजमान, 1 साल में कितना तैयार हुआ मंदिर:20 दिन में पहली मंजिल पर स्थापित होगा राम दरबार, दूसरी मंजिल 70% पूरी
अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु रामलला विराजमान हुए 1 साल पूरे हो चुके हैं। दिव्य-भव्य आयोजन चल रहा है। साथ ही साथ मंदिर के निर्माण कार्य भी जारी हैं। गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने के बाद बची हुई 2 मंजिलों का निर्माण दिसंबर, 2024 तक पूरा होना था। अब मंदिर की दूसरी मंजिल मार्च, 2025 तक बनकर तैयार होगी। परकोटा और परिसर में बन रहे 18 मंदिर जून, 2025 तक बन जाएंगे। यानी निर्माण पूरे होने की तह तारीख से कंस्ट्रक्शन 6 महीना लेट चल रहा है। मंदिर का शिखर कितना बन चुका? परकोटा और मंडप कब तक पूरा आकार ले लेंगे? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... ------------------------------- यह खबर भी पढ़ें महाकुंभ में कैसे आएं..कहां ठहरें, पार्किंग कहां है, स्टेशन से 24 हजार कदम पैदल चलना होगा अगर आप प्रयागराज महाकुंभ में आ रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं? किन-किन जगहों पर रोका जाएगा? कहां रह सकते हैं? रहने के लिए कितना खर्च होगा? कहां-कहां घूम सकते हैं? कहां, क्या खा सकते हैं? इन सारे सवालों के जवाब जानिए… यहां पढ़ें पूरी खबर

रामलला विराजमान: 1 साल में कितना तैयार हुआ मंदिर
रामलला आज अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं, जिसे भारतीय संस्कृति और आस्था का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाने लगा है। इस वर्ष की शुरुआत से, राम मंदिर का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि मंदिर का विस्तृत कार्य एक साल में बहुत प्रगति दिखा चुका है।
मंदिर की प्रगति: वर्तमान स्थिति
राम मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना 20 दिनों के भीतर कर दी जाएगी, जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पल होगा। मंदिर परिसर की दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य लगभग 70% पूर्ण हो चुका है, जो कि इस प्रोजेक्ट की तीव्रता और गुणवत्ता का प्रतीक है।
निर्माण कार्य की चुनौतियाँ
इस भव्य मंदिर के निर्माण में कई चुनौतियाँ आई हैं, जैसे कि श्रमिकों की सुरक्षा, मौसम की आपात स्थिति, और निर्माण सामग्री की उपलब्धता। फिर भी, सभी कार्यकर्ता और इंजीनियर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि मंदिर का निर्माण समय पर पूरा हो सके।
भक्तों की आस्था और समर्थन
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ, देशभर से भक्तों का समर्थन भी इस परियोजना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कई भक्तों ने मंदिर निर्माण के लिए अपने-अपने तरीके से योगदान दिया है, जिससे इस आयोजन में आस्था की गहराई झलकती है।
इस तरह, राम मंदिर सिर्फ एक भव्य इमारत नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। आने वाले दिनों में और अधिक प्रगति देखने को मिलेगी, जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार है।
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