राहुल बोले- प्राइवेटाइजेशन से क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलेगा:IIT स्टूडेंट से कहा- भाजपा विकास को लेकर आक्रामक, कांग्रेस संसाधनों को बराबर बांटना चाहती है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने IIT मद्रास के स्टूडेंट से मुलाकात की। X पर स्टूडेंट से बातचीत का वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी ने लिखा- सरकारों को एजुकेशन सेक्टर में खर्च बढ़ाना चाहिए। निजीकरण और वित्तीय सहायता के जरिए क्वालिटी एजुकेशन हासिल नहीं की जा सकती है। राहुल से एक स्टूडेंट ने पूछा कि कांग्रेस और भाजपा की वर्किंग में क्या अंतर है। इस राहुल ने कहा- कांग्रेस और यूपीए का आम तौर पर मानना ​​है कि रिसोर्सेज निष्पक्ष तरीके से सभी को बंटने चाहिए। विकास सबके लिए बराबर होना चाहिए। समाज का कोई वर्ग इससे ना छूटे। वहीं, भाजपा वाले ग्रोथ को लेकर अधिक आक्रामक रहते हैं। उनका मानना है कि संसाधनों पर फोकस करना चाहिए। वे आर्थिक रूप से इसे ट्रिकल डाउन कहते हैं। सामाजिक मामलों पर कांग्रेस का मानना है कि समाज जितना सौहार्द से भरा होगा। उतने कम लोग लड़ेंगे। राहुल- आप सफलता को कैसे परिभाषित करते हैं स्टूडेंट- यह एक यात्रा। इसमें कोई रुकावट नहीं होती है। इसका एक शब्द में उत्तर है खुशी। राहुल- मेरी नजर में जो सफलता उसे कहते है कि जो अपने आसपास के माहौल को सही तरीके से देखता है। डर का सामना करना। लालसा को समझना। मेरी नजर में यही सफलता है। स्टूडेंट- 10 साल पहले देश किस चीज पर ज्यादा फोकस कर रहा था। राहुल-कांग्रेस और यूपीए का आम तौर पर मानना ​​है कि रिसोर्सेज निष्पक्ष तरीके से सभी को बंटने चाहिए। विकास सबके लिए बराबर होना चाहिए। समाज का कोई वर्ग इससे ना छूटे। भाजपा वाले ग्रोथ को लेकर अधिक आक्रामक रहते हैं। उनका मानना है कि संसाधनों पर फोकस करना चाहिए। वे आर्थिक रूप से इसे ट्रिकल डाउन कहते हैं। सामाजिक मामलों पर कांग्रेस का मानना है कि समाज जितना सौहार्द से भरा होगा। उतना कम लोग लड़ेंगे। स्टूडेंट- वैश्विक अशांति को लेकर आपका क्या मानना है। राहुल- सबसे महत्वपूर्ण बात है कि भारत चीन और अमेरिका के बीच के संघर्ष के बीच कैसे और किस ओर आगे बढ़ता है। अमेरिका और चीन के प्लान के बीच भारत का क्या होने जा रहा है। यह सबसे बड़ा सवाल है। जब दो शक्तियां आमने-सामने हैं। तब भारत के पास संतुलन बनाने की क्षमता है। भारत एक ऐसे स्थान पर है, जहां इसे अपने पावस से कहीं ज्यादा हासिल हो सकता है। अगर भारत इसी स्थिति में आगे चल पाता है, तो हमें फायदा मिलेगा। स्टूडेंट- हमारी शिक्षा वर्ल्ड क्लास नहीं है। इसके लिए आप क्या सोचते हैं। राहुल- मुझे लगता है कि हर देश को अपने लोगों को क्वालिटी एजुकेशन देनी चाहिए। यह प्राइवेटाइजेशन से नहीं हो सकता है। क्योंकि जब आप वित्तीय लाभ की पॉलिसी लाते हैं। तब फायदा नहीं मिलता। हमारे मौजूदा एजुकेशन सिस्टम से मैं सहमत नहीं हूं। यह टॉप डाउन सिस्टम है। मुझे नहीं लगता कि इसमें पर्याप्त खुलापन है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैंने हजारों स्टूडेंट से बात की है। मैंने पूछा कि वे लाइफ में आगे क्या करना चाहते है तो। तो उन्होंने कहा कि वे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, आर्मी। ऐसा हो ही नहीं सकता कि सिर्फ 5 चीजें ही है देश में, लेकिन हमारी एजुकेशन पॉलिसी इन 5 चीजों के लिए ही बनी है। 90 प्रतिशत बच्चे इन प्रोफेशन में नहीं जा पाते हैं। ऐसे में वे डिप्रेशन में चले जाते हैं। तो बच्चों को वह करने का मौका मिलना चाहिए जो वे करना चाहते हैं। हमारी एजुकेशन पॉलिसी कई प्रोफेशन को कमतर आंकती है। स्टूडेंट- एजुकेशन सिस्टम में क्या बदलाव होना चाहिए राहुल- हमारे एजुकेशन सिस्टम में नॉलेज का ट्रांसफर स्ट्रेट डाउन होता है। मतलब एक ही दिशा में। टीचर जो नॉलेज दे रहा है, वही स्टूडेंट को स्वीकार करना पड़ता है। अगर स्टूडेंट बोलता है कि वह टीचर से असहमत है, तो टीचर उसे चुप करा देता है। टीचर्स सिर्फ 5-7 टॉपर्स पर ही फोकस करता है। अमेरिका में ऐसा नहीं है। वहां डिसकशन होता है।

Jan 5, 2025 - 12:40
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राहुल बोले- प्राइवेटाइजेशन से क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलेगा:IIT स्टूडेंट से कहा- भाजपा विकास को लेकर आक्रामक, कांग्रेस संसाधनों को बराबर बांटना चाहती है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने IIT मद्रास के स्टूडेंट से मुलाकात की। X पर स्टूडेंट से बातचीत का वीडिय

राहुल बोले- प्राइवेटाइजेशन से क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलेगा

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कांग्रेस और भाजपा का दृष्टिकोण

हाल ही में, राहुल गांधी ने एक IIT छात्र के साथ बातचीत करते हुए प्राइवेटाइजेशन के मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्राइवेटाइजेशन के माध्यम से गुणवत्ता वाली शिक्षा की प्राप्ति संभव नहीं है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई जब भाजपा ने विकास को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है। राहुल ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस संसाधनों को समान रूप से बांटने की पक्षधर है, जिससे कि सभी वर्गों के लोग उच्च गुणवत्ता की शिक्षा का लाभ उठा सकें।

भाजपा का विकासात्मक दृष्टिकोण

भाजपा का मानना है कि प्राइवेटिप्रवृत्ति को अपनाकर देश की प्रगति की जा सकती है, जबकि कांग्रेस लगातार यह तर्क देती आ रही है कि समान वितरण से सामाजिक न्याय और शिक्षा में समान अवसर मिलेंगे। राहुल गांधी ने कहा, "हमारे देश में शिक्षा का अधिकार हर एक नागरिक का है और इसे प्राइवेटाइजेशन के झण्‍डों के नीचे दबाया नहीं जाना चाहिए।" उनके अनुसार, सही शिक्षा प्रणाली उन संसाधनों पर निर्भर करती है, जिन्हें सरकार जनहित में प्रयोग कर सकती है।

छात्रों की चिंताएँ

IIT छात्रों ने भी इस विषय पर अपनी चिंताएँ सामने रखीं। कई छात्रों ने राहुल गांधी के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर शिक्षा प्रणाली को प्राइवेट क्षेत्रों में सौंपा गया, तो यह केवल कुछ विशेष परिवारों और उच्च वर्ग के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। इस प्रकार, एक समावेशी शैक्षिक वातावरण का निर्माण मुश्किल हो जाएगा।

स्रोत शक्ति का महत्व

राहुल गांधी ने बताया कि अच्छे शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों को सही ढंग से उपलब्ध कराना होगा। "यदि हम अपने संसाधनों को सही तरीके से वितरित नहीं करते हैं, तो हम उच्च गुणवत्ता की शिक्षा की उम्मीद नहीं कर सकते," उन्होंने जोड़ा। इस प्रकार, यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए यह अति आवश्यक है कि संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित किया जाए।

निष्कर्ष

इस चर्चा ने यह स्पष्ट किया है कि भारत में शिक्षा का भविष्य किस दिशा में जाना चाहिए। राहुल गांधी की बातों ने यह साबित किया कि प्राइवेटाइजेशन के रास्ते पर चलने से हमें सामाजिक संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है। इस संदर्भ में, कांग्रेस का दृष्टिकोण एक समावेशी और न्यायपूर्ण व्यवस्था के लिए आवश्यक है।

भविष्य में शिक्षा के इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर और भी चर्चा होती रहेगी, जिससे छात्रों और शिक्षण संस्थानों के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा सके।

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