रूस में देशद्रोह की सजा काट रही अमेरिकी महिला रिहा:यूक्रेन को 50 डॉलर चंदा देने पर 12 साल सजा मिली थी
रूस ने देशद्रोह के आरोप में 12 साल की सजा काट रही रूसी-अमेरिकी नागरिक कसेनिया कैरिलिना को रिहा कर दिया है। कसेनिया पर यूक्रेन की मदद के लिए 50 डॉलर का चंदा देने का आरोप था। उन्हें पिछले साल रूस में गिरफ्तार कर सजा सुनाई गई थी। कसेनिया के बदले में अमेरिका ने जर्मन-रूसी नागरिक और कथित तस्कर आर्थर पेत्रोव को छोड़ा है, जो अमेरिका में सैन्य उपकरणों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोपों में बंद था। पेत्रोव पर अमेरिका में बनी माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स को रूस में तस्करी करने का आरोप है। इनका इस्तेमाल रूसी सेना के लिए हथियार बनाने में होता था। कसेनिया की रिहाई की पुष्टि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने की और बताया कि वह अमेरिका के लिए रवाना हो चुकी हैं। यह कैदियों की अदला-बदली गुरुवार को अबू धाबी में हुई। इसकी पुष्टि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी की है। दादी से मिलने रूस आई थी कसेनिया कसेनिया को पिछले साल फरवरी में रूसी शहर येकातेरिनबर्ग से गिरफ्तार किया गया था। यह मॉस्को से 1600 किमी दूर पूर्व में स्थित है। यहां वह अपनी दादी से मिलने आई थी। शादी से पहले उसका नाम कसेनिया कैरिलिना था। उस पर पिछले साल ट्रायल चला था, जिसमें उसे दोषी ठहराया गया। यूक्रेन से जुड़ी एक चैरिटी संस्था रजोम को 50 डॉलर (करीब 4200 रुपए) चंदा दिया था। महिला का नाम कसेनिया खवाना (33) है। उसके पास अमेरिकी नागरिकता है। कोर्ट में कसेनिया पर आरोप लगा कि उसने यूक्रेनी संगठन को पैसे दिए जो यूक्रेनी सेना को हथियार और गोला-बारूद खरीदने में मदद करती है। फोन जब्त हुआ तो पकड़ में आई कसेनिया के वकील के मुताबिक उन्होंने पैसे ट्रांसफर करने की गलती मानी थी, लेकिन उसे नहीं पता था कि ये संस्था यूक्रेनी सेना को पैसा भेजती है जिसका इस्तेमाल रूस के खिलाफ होता है। उसे कहा गया था कि इस फंड का इस्तेमाल रूस-यूक्रेन जंग के पीड़ितों को मदद पहुंचाने में होगा। कसेनिया पूर्व बैले डांसर है। उसने एक अमेरिकी नागरिक से शादी की और अमेरिका जाने के बाद 2021 में वहां की नागरिकता ले ली। कसेनिया जनवरी 2024 में रूस पहुंची थी। अमेरिका से आने की वजह से पुलिस ने उसका फोन जब्त कर लिया गया था। पुलिस को फोन में फंडिंग का सबूत मिला। वह अमेरिकी वापस लौटने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाकर 12 साल की सजा सुनाई गई।

रूस में देशद्रोह की सजा काट रही अमेरिकी महिला रिहा
यूक्रेन को 50 डॉलर चंदा देने पर 12 साल की सजा
हाल ही में, एक अमेरिकी महिला, जो रूस में देशद्रोह के आरोप में 12 साल की सजा काट रही थी, को रिहा कर दिया गया है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब पता चला कि उसे यूक्रेन को सिर्फ 50 डॉलर का चंदा देने के कारण यह भारी सजा दी गई थी। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा है, और कई मानवाधिकार संगठनों ने इस सजा की निंदा की थी।
महिला की सजा का विवरण
महिला का नाम और उसका背景 अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है। हालांकि, यह बताया गया है कि उसने यूक्रेन के समर्थन में एक छोटी सी आर्थिक सहायता प्रदान की थी, जिसने उसे रूस के कानूनों के खिलाफ गंभीर अपराध का दोषी ठहराया। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार सरकारें राष्ट्रवाद और सुरक्षा के नाम पर व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को सीमित कर सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस मामले पर कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह एकतरफा सजा ना केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि यह उस राजनीतिक वातावरण को भी दर्शाती है जिसमें लोगों के विचारों और कार्यों पर कड़ी नज़र रखी जाती है। यूक्रेन के समर्थन में आवाज उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी सजाएँ सुनाई जा सकती हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
रिहा होने के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि वह महिला अपने अनुभवों को कैसे साझा करती है और क्या यह घटना अन्य देशों के साथ रूस के संबंधों को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा, यह भी देखने लायक होगा।
अंत में, यह मामला न केवल एक अमेरिकी महिला के लिए बल्कि उन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण विधायी पहलू को भी उजागर करता है, जो वर्तमान वैश्विक राजनीति में व्यक्तिगत अधिकारों के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। News by indiatwoday.com Keywords: रूस में अमेरिकी महिला, यूक्रेन को चंदा, देशद्रोह की सजा, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार, रूस में सजा, अमेरिकी नागरिक रिहा, राजनीतिक अधिकार, महिला की कहानी, रूस की जांच, मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया, 50 डॉलर का चंदा, महिला का मामला, वैश्विक राजनीति
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