लखनऊ 'शान-ए-अवध' मंच पर दिखा बनारस का रंग:कवियों और लेखकों को किया गया सम्मानित, कलाकारों का लगा जमावड़ा

लखनऊ में रविवार को काशी की प्राचीन साहित्यिक-सांस्कृतिक परंपरा पर आधारित "बनारस लिट् फेस्ट और काशी साहित्य कला उत्सव" के द्वारा शान-ए-अवध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गोमतीनगर संगीत नाटक अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। आयोजक बृजेश ने बताया कि साहित्यकार , कवि , शायर कथाकार , लेखक ,कलाकर, बुद्धिजीवी और शिक्षाविद का जमावड़ा लगा । इस अवसर पर लेखिका पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह , मेजर जनरल ए.के.चतुर्वेदी, वरिष्ठ कथाकार अखिलेश, 'किस्सा किस्सा लखनऊवा' के लेखक हिमांशु बाजपेयी, कवि आईएएस अधिकारी डॉ हरिओम, को सम्मानित किया गया। ब्रजेश ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा दिया जाए। युवा लेखकों और कलाकारों को मंच प्रदान किया जाए। आज हमारे समाज में बहुत सारे युवा लेखक हैं जो अच्छी कविता लिखते हैं मगर उन्हें मंच नहीं मिलता। युवाओं के हुनर को पंख देने के लिए और उन्हें हौसला प्रदान करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम का लगातार आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर 'एक दिन की छुट्टी' नाटक का मंचन भी हुआ। इस नाटक का मुख्य उद्देश्य था कि लोगों को यह बताया जाए की जीवन में छुट्टी कितनी जरूरी है। काम के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए छुट्टी लेना आवश्यक है।

Jan 5, 2025 - 23:15
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लखनऊ 'शान-ए-अवध' मंच पर दिखा बनारस का रंग

कवियों और लेखकों का हुआ सम्मान

लखनऊ में आयोजित 'शान-ए-अवध' मंच पर बनारस की सांस्कृतिक विरासत की छवि जगमगाई। इस भव्य कार्यक्रम में विभिन्न कवियों और लेखकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह आयोजन न केवल साहित्यिक क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को सलाम करने का एक मंच था, बल्कि इसमें बनारस की कला और संस्कृति के रंगों को भी व्यापक मंच पर लाया गया।

कलाकारों का जमावड़ा

इस कार्यक्रम में कई प्रसिद्ध कलाकारों और विचारकों ने भाग लिया। इस दौरान न केवल कविता पाठ हुआ बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शनों ने सभी के मन को मोह लिया। कलाकारों के उत्साह ने समां बांध दिया और उपस्थित सभी लोगों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी। आयोजकों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिससे यह शाम एक यादगार लम्हा बन गई।

बनारस की सांस्कृतिक धरोहर

बनारस की संस्कृति अपनी विविधता और गहराई के लिए जानी जाती है। इस मंच पर बनाई गई प्रस्तुतियाँ दर्शकों को इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती हैं। बनारस के रंगों को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न शैलियों के कलाकार एकत्रित हुए, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से इस शाम को खास बना दिया।

इस कार्यक्रम के माध्यम से विशेष रूप से ज़मीनी कवियों और युवा लेखकों को एक मंच दिया गया ताकि वे अपनी आवाज बुलंद कर सकें। यह एक प्रेरणादायक पहल थी, जो नई पीढ़ी को काव्य और साहित्य की ओर आकर्षित करने में सहायक होगी।

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