लखीपुर में युवक की मौत पर बवाल, पुलिस का लाठीचार्ज:परिजनों से CO बोले- चाहे जितने दिन शव रख लो, कोई पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं होगा
लखीमपुर खीरी में युवक की मौत के बाद बवाल हो गया। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया। कहा, पुलिस ने उनसे जबरन शव छीन लिया। परिजनों की शव लौटाने को लेकर पुलिस से नोकझोंक हुई। गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार दोपहर निघासन हाईवे जाम कर दिया। अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। नहीं माने तो लाठी चार्ज करके रास्ता खुलवाया। युवक के गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। वहीं परिजनों को समझाने गए सीओ धौरहरा पीपी सिंह ने परिजनों से कहा, जितने दिन शव रखना है रखो, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं होगी। जंगल में लकड़ी बीनने गया था युवक मझगई थाना क्षेत्र के हुलासी पुरवा गांव में रामचंद्र (36) मंगलवार को गांव के कुछ लोगों के साथ जंगल में जलाने की लकड़ी बीनने गया था। आरोप है कि निघासन कोतवाली और मझगई थाने की पुलिस वहां पहुंची और अवैध शराब बनाने के आरोप में उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस पर युवक की पिटाई का भी आरोप है, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद पुलिसकर्मी उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निघासन ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने जबरन शव छीना युवक की मौत की खबर मिलते ही अस्पताल पहुंचे परिजन रोने-बिलखने लगे। उनका आरोप है कि पुलिस ने जबरन शव छीनकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंची महिलाओं ने पुलिस पर घर से जबरदस्ती शव ले जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। तीन डॉक्टरों के पैनल से हुआ पोस्टमार्टम हंगामे के बाद एसपी ने परिजनों को समझाकर तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने और सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। पोस्टमार्टम के बाद परिजन सरकारी एंबुलेंस से शव ले जाने को तैयार नहीं हुए और अपने निजी वाहन से शव ले जाने पर अड़ गए। घटना के बाद तनाव को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। हाईवे जाम करने पहुंचे ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। मुआवजा और दोषियों पर कार्रवाई मृतक की पत्नी पूनम ने निघासन और मझगई थाने के पुलिसकर्मियों पर पति की पिटाई कर हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। परिजनों का कहना है कि पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए, मृतक की पत्नी को ₹30 लाख का मुआवजा मिले और परिवार पर लगाए गए फर्जी केस खत्म किए जाएं। सीओ ने कहा- कोई पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं होगा परिजनों की मांगों पर सीओ धौरहरा पीपी सिंह का रुख सख्त है। उन्होंने कहा, जितने दिन शव रखना है रखो, लेकिन कोई पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं होगा और न ही कोई मांग पूरी होगी। देर रात तक गांव में तनाव बना हुआ है। परिजन अंतिम संस्कार करने से इनकार कर रहे हैं। इस बीच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मृतक का विसरा सुरक्षित रख लिया है और मामले की जांच जारी है। यह खबर भी पढ़ें... युवक की मौत पर हंगामा, आरोप-पुलिस ने पीटकर मारा:लखीमपुर में लाठीचार्ज कर हाईवे खुलवाया, दरोगा बोले- दम है तो ट्रैक्टर चढ़ाओ लखीमपुर खीरी में एक युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया। शव लौटाने को लेकर पुलिस से नोकझोंक हुई। फिर शव छीनने की कोशिश की। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार दोपहर निघासन हाईवे जाम कर दिया। फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। नहीं माने तो लाठी चार्ज करके रास्ता खुलवाया। पढ़ें पूरी खबर

लखीपुर में युवक की मौत पर बवाल, पुलिस का लाठीचार्ज
हाल ही में लखीपुर में एक युवक की मौत की घटना ने क्षेत्र में हंगामा पैदा कर दिया है। यह घटना तब घटित हुई जब मृतक के परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे, जिसके चलते पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। इस दौरान, पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को यह कहकर आश्वस्त किया कि "चाहे जितने दिन शव रख लो, कोई पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं होगा।" यह बयान लोगों में भारी आक्रोश उत्पन्न कर गया है।
घटना के पीछे का सच
इस घटना के पीछे की सच्चाई जानने के लिए स्थानीय लोगों ने अनेक सवाल उठाए हैं। मृतक युवक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के कारण यह घटना हुई, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उनका कहना है कि युवक को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई, जिससे उसकी मौत हो गई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस हंगामे के बीच, प्रशासन ने भी स्थिति को संभालने की कोशिश की है लेकिन स्थानीय लोग इस बात से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नेताओं ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई है और सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
स्थानिक राजनीति और पुलिस की भूमिका
लखीपुर में युवक की मौत की घटना ने न केवल स्थानीय राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। क्या पुलिस को नागरिकों का विश्वास जीतने के लिए ज्यादा संवेदनशीलता दिखाने की आवश्यकता है? इस विषय पर चर्चा चल रही है और प्रभावित समुदाय न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है।
अंततः, यह घटना एक सिखने का मौका है कि हमारी पुलिस और प्रशासन को अपने नागरिकों के प्रति कितना जिम्मेदार होना चाहिए।
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