ललितपुर में आशा कार्यकत्रियों का विरोध प्रदर्शन:न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर डीएम को सौंपा ज्ञापन
ललितपुर में आशा कार्यकत्रियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से डीएम को ज्ञापन सौंपा। आशा संघ की जिलाध्यक्ष आशा यादव ने कहा कि यूपी सरकार के 2025 के बजट में स्वास्थ्य कर्मियों की स्थिति में सुधार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकत्रियां स्वास्थ्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन, ईएसआई और ईपीएफ जैसी सुविधाओं की मांग लंबे समय से की जा रही है। पिछले साल फरवरी में मिशन निदेशक ने 2019 से 2023 तक की बकाया प्रोत्साहन राशि के भुगतान का आश्वासन दिया था। एक साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि सरकार ने विधानसभा में आशा कार्यकर्ताओं को 6,700 रुपए और संगिनी को 11,500 रुपए मासिक भुगतान का दावा किया है। लेकिन यह सत्य नहीं है। प्रदेश में किसी भी आशा कर्मी को यह राशि नहीं मिल रही है। इसके अलावा प्रोत्साहन राशि के वितरण में अनियमितताओं का आरोप भी लगाया गया है।

ललितपुर में आशा कार्यकत्रियों का विरोध प्रदर्शन
ललितपुर में आशा कार्यकत्रियों ने न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन में सैकड़ों आशा कार्यकत्रियों ने एकत्र होकर अपनी आवाज उठाई और अपनी मांगों को जिले के डीएम को एक ज्ञापन के माध्यम से प्रस्तुत किया। यह प्रदर्शन न केवल आशा कार्यकत्रियों के हक की लड़ाई है बल्कि यह उनके अधिकारों और समाज में उनकी भूमिका को भी उजागर करता है।
न्यूनतम वेतन की मांग
आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि उनके कार्यों के अनुसार उन्हें उचित वेतन नहीं मिलता है। न्यूनतम वेतन की मांग को लेकर ये कार्यकत्रियां लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत को सराहा जाना चाहिए और उन्हें उनके कार्य के लिए उचित मुआवजा मिलना चाहिए। इस प्रदर्शन में एकजुट होकर आशा कार्यकत्रियों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई और संबंधित अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की।
सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता
आशा कार्यकत्रियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनकी नियमित नौकरी नहीं होने के कारण उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं, पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि आशा कार्यकत्रियों को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं में शामिल किया जाए ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकें।
समर्थन का सन्देश
स्थानीय नेताओं और नागरिकों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में आशा कार्यकत्रियों का समर्थन किया। उन्होंने मानवीय दृष्टिकोण से आशा कार्यकत्रियों के मुद्दे को गंभीरता से लेने की आवश्यकता बताई। समर्थन करते हुए, कई लोगों ने कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि सरकारें इन कार्यकत्रियों का ध्यान रखें और उनकी समस्याओं का समाधान करें।
यह अंतिम ज्ञापन आगे की कार्रवाई के लिए एक आधार बनेगा, और सभी की अपेक्षा है कि इस मुद्दे पर सकारात्मक जवाब जल्दी मिले। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस प्रदर्शन ने समाज में आशा कार्यकत्रियों की महत्ता को उजागर किया है।
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