वर्ल्ड अपडेट्स:यूरोपीय देश हंगरी ने LGBT+ विरोधी कानून पास किया; प्राइड परेड पर बैन लगेगा
यूरोपीय देश हंगरी ने LGBT+ विरोधी एक नया कानून देश में पास किया है। इस कानून के तहत प्राइड इवेंट्स पर बैन लगाया गया है। साथ ही अधिकारियों को इन इवेंट्स में भाग लेने वालों की पहचान करने के लिए फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की अनुमति भी दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ राजधानी बुडापेस्ट में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने हंगरी की संसद के बाहर इकट्ठा होकर सरकार विरोधी नारे लगाए। प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान की राष्ट्रवादी-पॉपुलिस्ट पार्टी का यह कदम हंगरी की LGBT+ समुदाय पर कार्रवाई का हिस्सा है। अंतरराष्ट्रीय मसलों से जुड़ी आज की अन्य प्रमुख खबरें... बांग्लादेश में छात्रों की नेशनल सिटीजन पार्टी बोली- हम नहीं चाहते अवामी लीग चुनाव लड़े बांग्लादेश में छात्रों की नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) ने कहा है कि वह नहीं चाहती पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग चुनाव लड़े। NCP के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि अवामी लीग के वो नेता जो गलत कामों में शामिल थे, उनके खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए। नाहिद ने कहा कि हम दूसरे लोकतंत्र की स्थापना करना चाहते हैं। इसके लिए हम संविधान सभा का गठन करेंगे। इसके जरिए हम नया संविधान लागू करने और देश की सत्ता की संरचना को पुनर्गठित करने की योजना रहे हैं। राजनाथ सिंह बोले- नीदरलैंड्स पाकिस्तान को हथियार सप्लाई न करे, इससे दक्षिण एशिया की शांति को खतरा भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री रुबेन बर्केलमन्स से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपील की कि नीदरलैंड्स पाकिस्तान को डिफेंस इक्विपमेंट या तकनीकी सहायता न दे। राजनाथ सिंह का कहना था कि पाकिस्तान को हथियार और टेक्निकल सहायता देना दक्षिण एशिया में शांति सुरक्षा को कमजोर करता है। नीदरलैंड्स ने पाकिस्तान कुछ समय पहले माइन-हंटर्स दिए थे। इसके अलावा नीदरलैंड्स के डेमन शिपयार्ड से पाकिस्तान 1,900 टन के मल्टीरोल वाले पाकिस्तान को ऑफशोर पेट्रोल वेसेल की सप्लाई भी कर रहा है। कई डच कंपनियां मिलिट्री के क्षेत्र में, खासकर नौसेना के क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत कर रही हैं।

वर्ल्ड अपडेट्स: यूरोपीय देश हंगरी ने LGBT+ विरोधी कानून पास किया; प्राइड परेड पर बैन लगेगा
हंगरी, जो कि यूरोप में एक प्रमुख देश है, ने हाल ही में एक विवादास्पद LGBT+ विरोधी कानून को पास किया है। यह कानून न केवल यौन अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने के लिए जाना जाता है, बल्कि यह देश की प्राइड परेड जैसे आयोजनों पर भी प्रतिबंध लगाता है। इस कानून के पास होने के परिणाम स्वरूप हंगरी एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचना का सामना कर रहा है।
कानून के हालात और प्रभाव
हंगरी का यह नया कानून यौन पहचान और लैंगिक अभिव्यक्ति से संबंधित कई महत्वपूर्ण मसलों को प्रभावित करेगा। विश्लेषकों का मानना है कि यह कानून LGBT+ समुदाय को समाज के मुख्यधारा से अलग करने का प्रयास है। प्राइड परेड, जो विविधता का प्रतीक है, अब हंगरी में एक गंभीर खतरे में पड़ गई है। यह देश में LGBT+ अधिकारों के लिए चल रहे आंदोलनों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
समाज की प्रतिक्रिया
कई मानवाधिकार संगठनों और नागरिक समाज के समूहों ने इस कानून के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने इसे भेदभावपूर्ण और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। इसके अलावा, यूरोपीय संघ ने भी हंगरी सरकार को चेतावनी दी है कि वह इस कानून को वापस ले, अन्यथा उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।
भविष्य की दिशा
इस कानून के प्रभाव को देखते हुए, अब यह देखना होगा कि हंगरी सरकार इस मुद्दे को किस दिशा में ले जाती है। क्या वे अंतरराष्ट्रीय दबाव को सहेंगे या फिर अपने फैसले पर अडिग रहेंगे। LGBT+ अधिकारों के समर्थन में होने वाले आंदोलन इसकी दिशा तय करेंगे।
यह कानून न केवल हंगरी के अंदर, बल्कि पूरे यूरोप में LGBT+ समुदाय के अधिकारों पर सवाल उठा रहा है। किसी भी दिशा में बढ़ने से पहले, सरकार को अपने नागरिकों की समानता सुनिश्चित करना चाहिए।
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