वाराणसी में स्विट्जरलैंड से टीम कल से करेगी रोप पुलिंग:कैंट से लेकर गिरजाघर तक सभी पिलर तैयार, पहले ड्रोन से शुरू होगी पुलिंग

वाराणसी में प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टर रोप-वे के संचालन की कवायद बढ़ती जा रही है। रोप-वे संचालन के लिए उसके ट्रायल की तैयारी भी शुरू हो गई है। इससे पहले रोप-वे पर वायर पुलिंग का ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए स्विट्जरलैंड से टीम बनारस पहुंच गई है जो कल से रोप पुलिंग करेगी। तीन दिसंबर से रोपवे पुल करने का काम शुरू होते ही इसके जल्द से जल्द ट्रायल तक पहुंचने की राह साफ हो जाएगी। हालांकि टीम लगातार दिन की रोशनी में काम करेगी जिसमें सुबह का समय सबसे बेहतर होगा। रोप पुलिंग का काम होने के बाद फिर ट्रायल किया जाएगा। बता दें कि कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक रोपवे के सभी टावर बन गए हैं। जल्द ही ट्रायल रन की प्रक्रिया शुरू होगी। उससे पहले मंगलवार से रोप पुलिंग का काम शुरू किया जाएगा। पहले फेज में एक मिलीमीटर मोटी फाइबर रोप को छोटे ड्रोन की मदद से पुल करने का काम शुरू किया जाएगा। उसके बाद के फेज में 12, 26 और 52 मिमी की रोप को पुल किया जाएगा। इसमें करीब दो से तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है। रोप पुलिंग का काम पूरा होने के बाद एक छोटे ड्रोन के माध्यम से पहले ट्रायल किया जाएगा, इससे केबिल की पूरी जांच कर ली जाएगी। उसके सफल होन के बाद गंडोला के माध्यम से ट्रायल शुरू किया जाएगा। गंडोला में दस व्यक्तियों के बराबर वजन रखकर ट्रायल होगा। अभी तक शुरू नहीं हुआ बिजली उपकेंद्र का काम रोपवे को चलाने के लिए अलग से बिजली उपकेंद्र की जरूरत है। इसके लिए कार्यदायी संस्था की ओर से आवेदन किया गया है, लेकिन अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं मिला है। जगह चिह्नित न होने के कारण बिजली विभाग फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रहा है। रोपवे को एक केंद्र से अलग से लाइन दी जाएगी। हालंकि टीम ने कहा कि वह सिर्फ दिन की रोशनी में ही काम करेगी। रात में हाईमास्ट की लाइट भी इतनी पर्याप्त नहीं होगी कि उससे रोप पुलिंग का काम किया जा सके।

Dec 2, 2024 - 11:25
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वाराणसी में स्विट्जरलैंड से टीम कल से करेगी रोप पुलिंग:कैंट से लेकर गिरजाघर तक सभी पिलर तैयार, पहले ड्रोन से शुरू होगी पुलिंग
वाराणसी में प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टर रोप-वे के संचालन की कवायद बढ़ती जा रही है। रोप-वे संचालन के लिए उसके ट्रायल की तैयारी भी शुरू हो गई है। इससे पहले रोप-वे पर वायर पुलिंग का ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए स्विट्जरलैंड से टीम बनारस पहुंच गई है जो कल से रोप पुलिंग करेगी। तीन दिसंबर से रोपवे पुल करने का काम शुरू होते ही इसके जल्द से जल्द ट्रायल तक पहुंचने की राह साफ हो जाएगी। हालांकि टीम लगातार दिन की रोशनी में काम करेगी जिसमें सुबह का समय सबसे बेहतर होगा। रोप पुलिंग का काम होने के बाद फिर ट्रायल किया जाएगा। बता दें कि कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक रोपवे के सभी टावर बन गए हैं। जल्द ही ट्रायल रन की प्रक्रिया शुरू होगी। उससे पहले मंगलवार से रोप पुलिंग का काम शुरू किया जाएगा। पहले फेज में एक मिलीमीटर मोटी फाइबर रोप को छोटे ड्रोन की मदद से पुल करने का काम शुरू किया जाएगा। उसके बाद के फेज में 12, 26 और 52 मिमी की रोप को पुल किया जाएगा। इसमें करीब दो से तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है। रोप पुलिंग का काम पूरा होने के बाद एक छोटे ड्रोन के माध्यम से पहले ट्रायल किया जाएगा, इससे केबिल की पूरी जांच कर ली जाएगी। उसके सफल होन के बाद गंडोला के माध्यम से ट्रायल शुरू किया जाएगा। गंडोला में दस व्यक्तियों के बराबर वजन रखकर ट्रायल होगा। अभी तक शुरू नहीं हुआ बिजली उपकेंद्र का काम रोपवे को चलाने के लिए अलग से बिजली उपकेंद्र की जरूरत है। इसके लिए कार्यदायी संस्था की ओर से आवेदन किया गया है, लेकिन अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं मिला है। जगह चिह्नित न होने के कारण बिजली विभाग फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रहा है। रोपवे को एक केंद्र से अलग से लाइन दी जाएगी। हालंकि टीम ने कहा कि वह सिर्फ दिन की रोशनी में ही काम करेगी। रात में हाईमास्ट की लाइट भी इतनी पर्याप्त नहीं होगी कि उससे रोप पुलिंग का काम किया जा सके।

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