वृद्धाश्रम में सरकारी कार्रवाई का विरोध:अवैध आश्रम को सील करने गए अधिकारी से धक्का-मुक्की, प्रपत्र फाड़े

इटावा के भरथना क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित वृद्धाश्रम को लेकर शनिवार को बड़ा विवाद सामने आया। जिला समाज कल्याण अधिकारी रविंद्र कुमार शशी जब दोपहर करीब 2:15 बजे मुहल्ला गिरधारीपुरा स्थित वृद्धाश्रम में सरकारी सामान की जब्ती और आश्रम को सील करने पहुंचे, तो वहां मौजूद मैनेजर और अन्य लोगों ने उनके साथ अभद्रता की। अधिकारी ने बताया कि जब वे सरकारी सामान को एक कमरे में रखकर ताला लगाने का प्रयास कर रहे थे, तभी आश्रम के लोगों ने न केवल उन्हें ऐसा करने से रोका, बल्कि सरकारी कागजात भी फाड़ दिए। इससे पहले अधिकारी ने आश्रम पर सरकारी बोर्ड लगवाया था, जिसे वहां के लोगों ने हटवा दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी ने भरथना थाने में दो लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि पुलिस की मदद से जल्द ही इस अवैध वृद्धाश्रम को बंद करवाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस आश्रम पर पहले भी कर्मचारियों की लापरवाही से दो वृद्धजनों की मौत का आरोप लग चुका है। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई शासन के निर्देश पर की जा रही थी। आश्रम में मौजूद लोगों का कहना था कि वे किसी भी हालत में आश्रम को सील नहीं होने देंगे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

Jan 11, 2025 - 19:50
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वृद्धाश्रम में सरकारी कार्रवाई का विरोध:अवैध आश्रम को सील करने गए अधिकारी से धक्का-मुक्की, प्रपत्र फाड़े
इटावा के भरथना क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित वृद्धाश्रम को लेकर शनिवार को बड़ा विवाद सामने आया

वृद्धाश्रम में सरकारी कार्रवाई का विरोध: अवैध आश्रम को सील करने गए अधिकारी से धक्का-मुक्की, प्रपत्र फाड़े

हाल ही में वृद्धाश्रम में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई जब सरकारी अधिकारियों ने अवैध आश्रम को सील करने का प्रयास किया। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए वहां मौजूद लोगों ने एक अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की की और उनके द्वारा लाए गए प्रपत्रों को फाड़ दिया। यह घटना ध्यान देने योग्य है क्योंकि इससे सरकारी कार्यवाही के प्रति लोगों की असहमति स्पष्ट होती है।

घटना का वर्णन

स्थानिय प्रशासन ने वृद्धाश्रम में अवैध गतिविधियों की सूचना मिलने पर कार्रवाई की योजना बनाई थी। अधिकारी जब कार्रवाई के लिए पहुंचे, तो उन्हें स्थानीय निवासियों की ओर से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने अधिकारियों को परेशान किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

स्थानीय लोगों का तर्क

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस आश्रम में रह रहे बुजुर्गों को कहीं और स्थानांतरित करना सही नहीं है। उनका मानना है कि प्रशासन को पहले इन बुजुर्गों की भलाई का ध्यान रखना चाहिए। लोगों ने कहा कि सरकारी कार्रवाई से कई बुजुर्गों को मानसिक तनाव हो सकता है, जो उनकी स्वास्थ्य स्थिति को और बिगाड़ सकता है।

सरकारी प्रतिक्रिया

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ये कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है। उनका मानना है कि यह अवैध वृद्धाश्रम स्थानीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है और इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए। लेकिन, अधिकारियों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें इस तरह के विरोध का सामना करने की उम्मीद थी।

भविष्य की कार्रवाई

इस घटना के बाद, प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि आगे की कार्रवाई शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित हो। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि बुजुर्गों की भलाई का ध्यान रखते हुए ही सभी कार्यवाहियां की जाएंगी।

इस घटना के प्रति लोगों की प्रतिक्रियाएं विभिन्न रही हैं, और यह स्पष्ट है कि यह मुद्दा सामाजिक सुरक्षा और बुजुर्गों के अधिकारों का एक गंभीर पहलू है।

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