शमशान घाट से लकड़ी उठाने पर बिफरे ग्रामीण, VIDEO:मुजफ्फरनगर में गांव वालों ने रोकी गाड़ी, लकड़ियां उतारकर भागे गुर्गे
मुजफ्फरनगर के करवाड़ा गांव में शमशान घाट से लकड़ी उठाने की कोशिश का मामला सामने आया है। शनिवार शाम कथित ठेकेदार के लोग 'छोटा हाथी' लेकर नए शमशान घाट पर सूखी लकड़ियां भरकर ले जा रहे थे, तो ग्रामीणों ने उन्हें रोक लिया। विरोध करने पर वो ग्रामीणों पर दबंगई दिखाते हुए रुआब झाड़ने लगे, जिस पर ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और गाड़ी की चाबी छिनने लगे। गाड़ी छिनते देख ठेकेदार के गुर्गे लकड़ियां उतार कर मौके से भाग निकले। ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार के लोग ग्राम प्रधान के इशारे पर लकड़ी उठाने आए थे। ठेकेदार द्वारा लकड़ी उठाए जाने का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि ये लकड़ियां लंबे समय से पड़ी हुई थीं और धरने के दौरान ठंड से बचने के लिए जलाए जा रहे अलाव में इस्तेमाल किया जा रहा था। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि शमशान घाट पर पड़ी लकड़ियों को ग्राम प्रधान की अनुमति से उठाया जा रहा था, जो पूरी तरह गलत है। आपको बता दें गांव में ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के एक पक्ष के बीच चल रहे विवाद के चलते ग्रामीणों ने शमशान घाट पर पिछले 6 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना दिया हुआ है। ठंड से बचने के लिए ग्रामीण शमशान घाट में ही रातभर अलाव जलाते हैं। इन लकड़ियां को अलाव में जलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे उन्हें ठंड से राहत मिलती थी। ठेकेदार के लोगों द्वारा लकड़ी उठाने की कोशिश का ग्रामीणों ने विरोध किया और उन्हें सबक सिखाया। ठेकेदार द्वारा शमशान घाट पर लकड़ी उठाने के इस कोशिश ने गांव में बढ़ते तनाव को ओर हवा दी है। ग्रामीणों का कहना है कि पुराने शमशान घाट होते हुए भी ग्राम प्रधान के पुत्र ने तालाब को पाटकर नया शमशान घाट बना दिया, जिससे ग्रामीण असंतुष्ट हैं। उनकी मांग है कि तालाब से शमशान घाट हटवाया जाए और पुराने शमशान घाट को ही उपयोग में लाया जाए। गांव के निवासियों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे अपना धरना जारी रखेंगे और प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग करेंगे। इस मामले में एक दिन पूर्व जॉइंट एसडीएम एवं अंडर ट्रेनिंग आईएएस राजू कुमार टीम के साथ पहुंचे थे और पूरे मामले में यथास्थिति रहने/रखने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद ये लोग कल शाम पहुंचे और लकड़ी भरकर ले जाने लगे। ग्रामीणों के विरोध के बाद ये लोग भाग खड़े हुए, जिसका लाइव वीडियो है, जो केवल हमारे पास है। अधिकारियों की जानकारी में पूरा मामला है।

शमशान घाट से लकड़ी उठाने पर बिफरे ग्रामीण
मुजफ्फरनगर में हाल ही में एक शर्मनाक घटना देखने को मिली, जब गांव वालों ने अपने शमशान घाट से लकड़ी उठाने वाले गुर्गों को रोकने का साहस दिखाया। इस घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि ग्रामीण अपनी जमीन और परंपराओं को बचाने के लिए कितने दृढ़ हैं।
गांव वालों की जागरूकता
समुदाय ने एकजुटता का परिचय दिया और गांव में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई। लाशों को जलाने के लिए उपयोग की जाने वाली लकड़ियों की चोरी एक संवेदनशील मुद्दा है और गांव के निवासियों ने इसे रोकने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया।
वीडियो में दिख रही घटनाएं
इस घटना की वीडियो क्लिप में गांव वालों को गैरेज से लकड़ियां उतारते हुए और वहां से भागते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो न केवल गांव की लोगों के साहस को दर्शाता है, बल्कि यह इस बात का सबूत भी है कि स्थानीय लोग अपने अधिकारों और परंपराओं के लिए कितने गंभीर हैं।
सामाजिक प्रभाव
यह घटना न केवल मुजफ्फरनगर में, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चाओं का विषय बन गई है। यह एक संकेत है कि गांव वालों के बीच जागरूकता बढ़ रही है और वे अपनी पारंपरिक संपत्तियों की रक्षा के लिए मुकाबला करने को तैयार हैं।
इस दौरान, बहुत से स्थानीय राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया है और समझाया है कि यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं है, बल्कि यह सभी ग्रामीण क्षेत्रों में एक व्यापक मुद्दा है।
निष्कर्ष
हमारी संस्कृति और परंपराएं हमें जोड़ती हैं। मुजफ्फरनगर के गांव वालों की यह भूमिका यह दर्शाती है कि जब भी जरूरत पड़ी, वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हो सकते हैं। हमारी आस्था और हमारे रीति-रिवाज हमेशा हमें एकजुट रखते हैं। निस्संदेह, सामाजिक जागरूकता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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