शराब के ठेके के विरोध में महिलाओं ने किया प्रदर्शन:सरीला में मंदिर और अस्पताल के पास खुल रहे ठेके को हटाने की मांग की
हमीरपुर जिले के सरीला कस्बे में सीएचसी के पास खुल रहे देशी शराब के ठेके का विरोध तेज हो गया है। सोमवार को हटवारा मोहल्ले की दो दर्जन से अधिक महिलाएं तख्तियां लेकर तहसील पहुंचीं। महिलाओं ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और जोरदार प्रदर्शन किया। महिलाओं का कहना है कि ठेके के आसपास मंदिर, बैंक और सीएचसी अस्पताल हैं। यहां महिलाओं का आना-जाना लगा रहता है। ठेका खुलने से महिलाओं और बच्चों को परेशानी होगी। शराबियों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने से स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले यह ठेका स्टेट बैंक के पास था। महिलाओं के विरोध के बाद वहां से हटा दिया गया था। आबकारी विभाग ने इसे मोहल्ले में शिफ्ट कर दिया। बीती रात जब दुकान बनाई जा रही थी और सामान शिफ्ट किया जा रहा था, तब महिलाओं को इसकी जानकारी मिली। तहसीलदार राममोहन कुशवाहा ने महिलाओं को आश्वासन दिया है कि मंदिर और अस्पताल के पास से ठेके को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात हो गई है। तहसीलदार के आश्वासन के बाद महिलाओं ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

शराब के ठेके के विरोध में महिलाओं ने किया प्रदर्शन
महिलाओं ने सरीला क्षेत्र में मंदिर और अस्पताल के पास खुल रहे शराब के ठेके के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है, बल्कि इसने स्वास्थ्य और नैतिकता के सवालों को भी उठाया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शराब के ठेके के खुलने से उनके बच्चों और परिवारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रदर्शन का उद्देश्य
महिलाएं इस बात पर जोर दे रही हैं कि शराब की बिक्री उनके क्षेत्र में नहीं होनी चाहिए, खासकर जब यह धार्मिक स्थलों और स्वास्थ्य संस्थानों के पास हो। उनका मानना है कि यह कदम समाज के लिए हानिकारक है। आंदोलन में भाग लेने वालों ने यह भी कहा कि शराब के ठेके का आसपास के बच्चों और युवाओं पर बुरा असर पड़ेगा।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया है और शहर में शराब के ठेकों के खिलाफ जारी आंदोलन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि वे प्रशासन से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की उम्मीद करते हैं। महिलाओं ने एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई और प्रशासन के ध्यान को आकर्षित किया।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक बैठक बुलाई है, जिसमें स्थानीय नेताओं और प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। अधिकारियों ने कहा है कि वे जनता की चिंताओं को सुन रहे हैं और इस मामले में उचित कदम उठाएंगे।
इस प्रकार, सरीला में महिलाओं का यह प्रदर्शन एक सामाजिक जागरूकता का प्रतीक है। यह साबित करता है कि जब महिलाएं एकजुट होती हैं, तो वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने में सक्षम हैं। उनकी आवाज का असर निश्चित रूप से स्थानीय नीतियों पर पड़ सकता है।
News by indiatwoday.com
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