संगम में डुबकी के लिए 30KM का सफर:जिधर से श्रद्धालु आएंगे, पास के घाट पर स्नान कराकर लौटाएंगे, 10 जिलों के DM–SP बॉर्डर पर

प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी का दिन सबसे बड़ा है। मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए रिकॉर्ड भीड़ प्रयागराज पहुंची है। 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में रहेंगे। ऐसे में भीड़ को मैनेज करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। प्रशासन ने एक दिन पहले हाई लेवल मीटिंग की और अपनी तैयारियों को और पुख्ता किया। वाहनों को शहर के बाहर रोक दिया गया है। इसकी वजह से श्रद्धालुओं को स्नान करने और फिर लौटने में 30 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा। मौनी अमावस्या पर आ रही भीड़ को संभालने के लिए क्या तैयारी है? कहां गाड़ियां रोकी जा रहीं? दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में जानिए सबकुछ… मौनी अमावस्या से एक दिन पहले की भीड़ देखिए... 1- जिधर से श्रद्धालु आएंगे, उधर के घाट पर स्नान कराके लौटाने की तैयारी मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए दो दिन पहले से ही लोग कुंभ क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। हालत यह हो गई कि प्रशासन को दो दिन पहले ही 10 से ज्यादा पीपा पुल बंद करना पड़ा। ताकि भीड़ जिधर से आए उधर ही स्नान करके उसे वापस भेजा जा सके। प्रशासन ने क्षेत्र के अनुसार ही घाट बांट दिए हैं। जैसे बिहार, ओडिशा, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर के राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को झूंसी साइड ही रोककर ऐरावत घाट पर स्नान करवाने की प्लानिंग है। वहीं एमपी, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, समेत दक्षिण भारत के राज्यों से आने वाले लोगों के लिए अरैल की तरफ ही घाट बनाए गए हैं। कोशिश यह है कि कम से कम लोग संगम की तरफ आएं। 2- इस बार नागा संतों के साथ श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे स्नान मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान है। इस दिन सभी नागा साधु-संत अमृत स्नान के लिए जाएंगे। इस बार प्रशासन ने बल्लियां बढ़ाई और लोहे की जाली लगाकर संगम के बड़े हिस्से को रिजर्व कर दिया है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान हुआ। संगम के बड़े हिस्से को अखाड़ों के लिए रिजर्व कर दिया गया। बगल बल्लियां लगाकर जाली लगा दी गई, लेकिन जब नागा स्नान करने आए तो भीड़ ने उन्हें देखने के लिए बल्लियों और जालियों को फाड़ दिया। हालात ये हो गए कि जहां अखाड़ों के नागा साधु स्नान कर रहे थे, वहीं आम पब्लिक भी उनके साथ स्नान कर रही थी। बाद में साधुओं ने इस पर नाराजगी जताई थी। 3- हर घंटे सिर्फ संगम घाट पर 11 लाख लोग करेंगे स्नान मेला क्षेत्र में 12 किलोमीटर के एरिया में कुल 44 घाट बनाए गए हैं। इन घाटों पर पहुंचने के लिए 14 प्रमुख मार्ग समेत कुल 32 मार्ग हैं। सभी पर इस वक्त बैरिकेडिंग की गई है, लोगों को पैदल ही जाने की अनुमति है। संगम पर हर घंटे 11 लाख लोग स्नान कर सकेंगे। 105 पार्किंग स्थल बनाए गए, बाहर वाले सभी फुल प्रयागराज में एंट्री के लिए कुल 7 रास्ते हैं। बस और निजी वाहन से आने वाले लोग इन्हीं रास्तों से जिले में आ रहे। कुंभ क्षेत्र से करीब 15 किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को रोक दिया जा रहा। यहां जो पार्किंग बनाए गए हैं ज्यादातर फुल हो गए हैं। लखनऊ-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले लोगों को बेला कछार में रोका जा रहा। यहां एक साथ करीब 2 लाख गाड़ियों की पार्किंग हो सकती है। प्रशासन की जो 105 पार्किंग हैं, उसमें साढ़े सात लाख गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं। हालांकि जो मेला क्षेत्र में बनाई गई हैं, वह खाली हैं, क्योंकि यहां तक लोगों को पहुंचने ही नहीं दिया जा रहा। 108 स्पेशल ट्रेनें और एक हजार बसें रेलवे मौनी अमावस्या के लिए 180 स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। परिवहन विभाग 1000 अलग से बस चला रहा है। शहर में करीब 500 शटल बस चलाई जा रहीं, लेकिन भीड़ इतनी अधिक है कि वह भी अपने तय स्थान पर पहुंचने से पहले ही लोगों को उतारकर वापस जा रही हैं। कई जगहों पर तो नोंक-झोक की स्थिति बन जा रही है। एक नाराज श्रद्धालु ने कहा- एक नेता आने पर आप लोग सभी ब्रिज बंद कर दे रहे हैं। आप सब लोग नेताओं को सर्विस दे रहे हैं। हम लोग कहां जाएंगे। यहां पर सर्विस बहुत खराब है। मेरा एक छोटा बच्चा और फैमिली है। पुलिस वाले नेताओं की सर्विस में लगे हैं। मेले में आ रहे श्रद्धालु ने बताया कि महाकुंभ में आज खतरनाक भीड़ है। इस भीड़ में हमारी गाड़ी फंसी हुई है। हमारे पीछे भी काफी गाड़ियों की लाइन लगी हुई है। काफी देर से हम लोग एक ही जगह पर खड़े हैं। खुले आसमान के नीचे श्रद्धालुओं ने बिताई रात प्रयागराज में कुल 10 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था है। इसमें 100 रैन बसेरा है। सबकी कैपेसिटी अलग-अलग है। यहां करीब 25 हजार लोग रह सकते हैं। इसके अलावा स्टेशनों पर 5 लाख से ज्यादा लोग रह सकते हैं। शहर में 42 लग्जरी सहित करीब 100 होटल व इतने ही धर्मशाला हैं, जहां करीब 1 लाख लोग रह सकते हैं। मेले में डोम सिटी और टेंट सिटी बसाई गई है, लेकिन वह बहुत महंगी है और मौनी अमावस्या पर पहले से ही सभी पूरी तरह से बुक हैं। अब जो लोग आ रहे हैं, उन्हें रैन बसेरा और होटल से निराशा मिल रही है। इसलिए बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने पिछली रात सड़क के किनारे बिताई। रात में हम संगम पहुंचे। वहां हजारों की संख्या में लोग गंगा के किनारे पुआल पर सो रहे थे। उनके पास बिस्तर नहीं था इसलिए उन्होंने ठंड से बचने के लिए पन्नी ही ओढ़ रखी थी। इसमें बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो दो दिन से इसी तरह से रात गुजार रहे हैं। डेढ़ लाख शौचालय, आधे की स्थिति खराब शहर और मेला क्षेत्र में कुल करीब डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए हैं। पिछले 20 दिन से यह लगातार प्रयोग में आ रहे हैं, कई शौचालयों की स्थिति खराब हो गई है। कुछ की कुंडिया खराब हैं तो कुछ में टोटी ही नहीं बची। बहुत सारे ब्लॉक हो गए हैं क्योंकि उनमें पानी की व्यवस्था ही नहीं है। लोग बाहर से पानी लेकर अंदर जा रहे हैं। इन सबको साफ करने के लिए करीब 5 हजार कर्मचारी लगाए गए हैं, लेकिन भीड़ इतनी है कि व्यवस्था ठप सी हो गई है। संगम के आसपास शौचालयों की स्थिति खराब हो गई है, आसपास इसकी वजह से बदबू आ रही है। प्रशासन के सामने तीन चुनौती 1- क्राउड मैनेजमेंटः लेटे हनुमान मंदिर और अक्षय

Jan 28, 2025 - 22:00
 59  501824
संगम में डुबकी के लिए 30KM का सफर:जिधर से श्रद्धालु आएंगे, पास के घाट पर स्नान कराकर लौटाएंगे, 10 जिलों के DM–SP बॉर्डर पर
प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी का दिन सबसे बड़ा है। मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए रिकॉर्ड भीड़ प्र
संगम में डुबकी के लिए 30KM का सफर: जिधर से श्रद्धालु आएंगे, पास के घाट पर स्नान कराकर लौटाएंगे, 10 जिलों के DM–SP बॉर्डर पर News by indiatwoday.com

संगम की ओर श्रद्धालुओं का बड़ा उत्साह

हर साल संगम के पास आयोजित होने वाले धार्मिक मेलों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस बार, श्रद्धालुओं को संगम में डुबकी लगाने के लिए 30 किलोमीटर का सफर तय करना होगा। संगम के चारों ओर की भव्यता और धार्मिक महत्व में लोग अपनी आस्था के साथ भारी संख्या में शामिल होने के लिए तैयार हैं। यह आयोजन 10 जिलों के DM और SP के सहयोग से सुरक्षित और सुचारू रूप से किया जाएगा।

सुरक्षा और व्यवस्था की योजना

प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न केवल व्यवस्था की है, बल्कि पास के घाटों पर स्नान कराकर श्रद्धालुओं को लौटाने की योजना भी बनाई है। अधिकारियों ने कहा है कि हर घाट पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाएगा। यही नहीं, सभी श्रद्धालुओं को संगम और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से पूरी जानकारी दी जाएगी।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम

संगम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मार्ग पर हर 10 किलोमीटर पर पानी, भोजन, और प्राथमिक चिकित्सा की सेवाएं उपलब्ध होंगी। श्रद्धालुओं के लिए रुकने की जगहें भी तय की गई हैं, जहां वे ताजगी महसूस कर सकते हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

संगम पर उतरने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव होता है। यहाँ स्नान करने से लोगों की आस्था और भक्ति बढ़ जाती है, और इसे पवित्र मेला माना जाता है। संगम का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व सदियों से चला आ रहा है, और हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

अंतिम शब्द

संगम में डुबकी लगाने के लिए इस बार 30 किलोमीटर का सफर कुछ श्रद्धालुओं के लिए चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन उनके मन में गहराई से बसे विश्वास और श्रद्धा उन्हें इस यात्रा पर आगे बढ़ने में मदद करेंगे। सही व्यवस्था और सुरक्षा के साथ, यह आयोजन सफल रहेगा और श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार अनुभव बनेगा। Keywords: संगम में डुबकी, श्रद्धालु संगम यात्रा, 30 किलोमीटर यात्रा, DM SP की व्यवस्था, संगम स्नान, धार्मिक यात्रा, संगम की सुरक्षा व्यवस्था, संगम मेला 2023, पवित्र स्नान की तैयारी, श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow