सपा का इल्जाम-मुसलमानों को भगाना यूपी सरकार की मंशा:बीजेपी किया पलटवार, कहा-विपक्ष अपने गिरेबां में झांके

कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने आई विपक्ष की महिला विधायकों ने धर्म, महिला सशक्तिकरण, समाज में महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर प्रदेश व केंद्र सरकार को घेरा। सपा विधायकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें नाम मात्र ही सदन में बोलने का मौका दिया जाता है, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित है। यूपी सरकार की मंशा प्रदेश से मुसलमानों को भगाने व दंगा भड़काने की है। वहीं बीजेपी विधायक ने आरोप बेबुनियाद ठहराते हुए कहा कि जो लोग ऐसी बात करते हैं, वो पहले अपने गिरेंबा में झांके।कानपुर में दो दिवसीय सम्मेलन में यूपी व उत्तराखंड की 40 महिला विधायक हिस्सा लेने पहुंची थीं। महिला सम्मेलन के बाद यूपी की 12 विधायक इस्कॉन मंदिर दर्शन करने पहुंची, जहां महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा व धर्म के मुद्दों पर प्रयागराज की विधायक गीता शास्त्री, विजमा यादव व मिर्जापुर से भाजपा की विधायक सुचिस्मिता ने दैनिक भास्कर एप से बात की। किसी सरकार के कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ सपा विधायक गीता शास्त्री ने कहा कि सदन में सत्ता पक्ष की महिला विधायक को बोलने का भरपूर मौके मिलते है, लेकिन विपक्ष की महिला विधायकों को बहुत ही कम बोलने का मौका दिया जाता है। मंदिरों के सर्वे को लेकर कहा कि अब तक तमाम सरकारें आईं और चली गई, लेकिन अब तक ऐसा किसी सरकार में नहीं हुआ कि हर मस्जिद में मंदिर तलाशा जाए। महिला आरक्षण पर कागजों में काम करने का आरोप कहा कि अगर ऐसा चला तो लोग मंदिरों में भी मस्जिद तलाशने लगेंगे, यह पूरी तरह से गलत है। यह आस्था पर चोट है, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म सबका है और यह मुस्लिमों के साथ नाइंसाफी है। इस दौरान सपा विधायिका विजमा यादव ने महिलाओं के आरक्षण के मुद्दे को लेकर कहा कि सपा मुखिया महिलाओं के 50 प्रतिशत आरक्षण को लेकर जोर दे रहे है, लेकिन यह सरकार केवल कागजों पर बातें करती हैं। महिला सशक्तिकरण पर सरकार के दावे फेल विजमा यादव ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की सरकार में नौजवानों, माताओं, बहनों के साथ गलत हो रहा है। बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ सरकार अभियान चला रही है, उन्होंने सवाल किया कि कहां लोग बेटियों को पढ़ा पा रहे है। महिला सशक्तिकरण के दावों को लेकर उन्होंने सरकार के सारे दावे फेल हैं। महिला सुरक्षा होती तो बेटियों के घर से बाहर जाने के बाद मां–बाप को चिंता उनकी चिंता सताती रहती है। जनता को भटकाने का हो रहा काम मंदिर–मस्जिद के सर्वे को लेकर सपा विधायक ने कहा कि सरकार मुसलमानों को प्रदेश से भगाना चाहती है, जनता को भटकाने का काम किया जा रहा है। हिंदू–मुस्लिम करके दंगा भड़काने का काम किया जा रहा है। वहीं मिर्जापुर से बीजेपी विधायिका सुचिस्मिता मौर्या ने सदन में बोलने के संबंध में महिला विधायकों को कम बोलने के मौके को सिरे से खारिज किया। पूर्व की सरकारों ने नहीं सुरक्षित थी बेटियां बीजेपी विधायिका ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने महिलाओं को बढ़ाने का काम नहीं किया। पूर्व की सरकारों में न महिलाएं सुरक्षित थी, न ही बालिकाएं सुरक्षित थी। भाजपा की सरकार की महिलाएं सुरक्षा महसूस करने के साथ ही स्वालंबन की ओर बढ़ रही है। सदन में विधानसभा अध्यक्ष सतीश माहाना की ओर से एक दिन महिलाओं को बोलने के लिए ही तय किया जाता है। सपा सरकार में उन्हीं की विधायक को नहीं मिला मौका कहा कि सपा की 4 बार की विधायक विजमा यादव को उनकी सरकार में ही बोलने का मौका नहीं मिलता था, जबकि भाजपा की सरकार में उनको पहली बार बोलने का मौका मिला। धर्म के नाम पर बांटने के सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसी बातें करने वालों को पहली अपनी गिरेबा में झांकना चाहिए। भाजपा का सिद्धांत सबका साथ-सबका विकास है।

Jan 10, 2025 - 06:10
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सपा का इल्जाम-मुसलमानों को भगाना यूपी सरकार की मंशा:बीजेपी किया पलटवार, कहा-विपक्ष अपने गिरेबां में झांके
कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने आई विपक्ष की महिला व

सपा का इल्जाम-मुसलमानों को भगाना यूपी सरकार की मंशा

हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। सपा के नेताओं का कहना है कि यूपी सरकार की मंशा मुसलमानों को राज्य से भगाने की है। इस आरोप ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचाया है। उत्तर प्रदेश में चल रहे राजनीतिक माहौल में सपा ने यह दावा किया है कि बीजेपी अपने अतीत के काले अध्यायों को फिर से जीने के लिए हैं।

बीजेपी का पलटवार

विपक्ष द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर बीजेपी ने जोरदार प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने कहा है कि सपा को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि सपा के नेता राजनीतिक फायदों के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि ये केवल राजनीति करने का एक तरीका है और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

उत्तर प्रदेश में सपा और बीजेपी के बीच की इस ताजा विवाद ने चुनावी माहौल में गर्मी जोड़ दी है। एक तरफ सपा मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने सपा पर हमलावर होकर अपने कार्यों की सफाई पेश की है। हर पार्टी अपने-अपने वोटबैंक को सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है।

सामाजिक प्रभाव

इस प्रकार के आरोप और पलटवार न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों पर भी प्रभाव डालते हैं। सपा के आरोपों से मुस्लिम समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है। वहीं, बीजेपी का जवाब भी उस समुदाय को संबोधित कर सकता है जो उनकी नीतियों का समर्थन करता है। इस प्रकार, यह घटना भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है।

निष्कर्ष

यूपी में सपा और बीजेपी के बीच चल रहा यह विवाद न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक सवालों को भी उजागर करता है। आगे आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस स्थिति का क्या हल निकलता है और दोनों पार्टियां कैसे अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को संतुष्ट करती हैं।

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