सुनीता का 8-दिन का मिशन कैसे 9 महीने में बदला:स्पेस स्टेशन में इतने महीने क्या किया? 7 सवाल-जवाब में पूरा मिशन

भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनका ड्रैगन फ्रीडम स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड हुआ। ये दोनों एस्ट्रोनॉट बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे, लेकिन स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर्स में आई परेशानी के कारण इनका 8 दिन का सफर 9 महीने में बदल गया। खबर में आगे बढ़ने से पहले वापसी की 3 तस्वीरें... अब एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर वापसी कैसे हुईं, इसमें 9 महीने का समय क्यों लग गया 7 सवाल-जवाब में जानें.... 1. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेस स्टेशन कब और क्यों गए थे? सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। 2. बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट कब और कैसे लॉन्च किया गया था? 5 जून 2024 को रात 8:22 बजे एटलस V रॉकेट के जरिए बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च हुआ था। ये 6 जून को रात 11:03 बजे स्पेस स्टेशन पहुंचा था। इसे रात 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में परेशानी आ गई थी। 3. सुनीता और विल्मोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए? 4. क्रू-10 मिशन को इतनी देरी से क्यों भेजा गया, पहले भी भेज सकते थे? स्पेसएक्स के पास अभी 4 ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट है। एंडेवर, रेजीलिएंस, एंड्योरेंस और फ्रीडम। पांचवें स्पेसक्राफ्ट की मैन्युफैक्चरिंग हो रही है। क्रू-10 के लिए इसी पांचवें स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग में देरी के कारण नासा ने क्रू-10 मिशन को फरवरी से मार्च के अंत तक टाल दिया। हालांकि बाद में नासा ने क्रू-9 को वापस लाने में हो रही देरी को देखते हुए क्रू-10 के लिए पुराने एंड्यूरेंस स्पेसक्राफ्ट के ही इस्तेमाल का फैसला लिया। वहीं इस देरी की एक वजह पॉलिटिकल भी बताई जा रही है। पिछले साल, मस्क ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को तय समय से पहले घर वापस लाने में मदद की पेशकश की थी, लेकिन उनका दावा है कि बाइडेन प्रशासन ने इसे अस्वीकार कर दिया था। फॉक्स न्यूज़ के होस्ट सीन हैनिटी के साथ एक इंटरव्यू में मस्क ने कहा, "दोनों एस्ट्रोनॉट्स को राजनीतिक कारणों से स्पेस स्टेशन में छोड़ दिया गया, जो अच्छा नहीं है।" 5. स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में कितना समय लगा? 6. कुल कितने एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स के साथ पृथ्वी पर लौटे हैं? क्रू-9 मिशन में कुल 4 एस्ट्रोनॉट पृथ्वी पर लौटे हैं। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के अलावा निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव क्रू-9 का हिस्सा था। सुनीता और बुच के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में परेशानी आने की वजह से इन दोनों एस्ट्रोनॉट को नासा ने क्रू-9 का हिस्सा बना दिया था। 7. सुनीता विलियम्स ने 9 महीने तक स्पेस स्टेशन में क्या किया? सुनीता विलियम्स ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर अपने 9 महीने के दौरान स्पेसवॉक से लेकर वैज्ञानिक प्रयोग और स्पेस स्टेशन के मेंटेनेंस जैसे काम किए। ------------------------------- सुनीता विलियम्स से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें.... सुनीता विलियम्स की वापसी की 16 PHOTOS:आग की रिंग जैसा दिखा स्पेसक्राफ्ट, पैराशूट खुले; फिर लैंडिंग और मुस्कुरा उठे एस्ट्रोनॉट्स भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अपने चार साथियों के साथ मंगलवार देर रात 3:27 बजे पृथ्वी पर लौट आईं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 9 महीने 14 दिन तक रहीं। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Mar 19, 2025 - 09:59
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सुनीता का 8-दिन का मिशन कैसे 9 महीने में बदला:स्पेस स्टेशन में इतने महीने क्या किया? 7 सवाल-जवाब में पूरा मिशन
भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौट आए

सुनीता का 8-दिन का मिशन कैसे 9 महीने में बदला:स्पेस स्टेशन में इतने महीने क्या किया? 7 सवाल-जवाब में पूरा मिशन

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सुनीता का 8-दिन का मिशन 9 महीने में बदल गया है। सटीकता और संवेदनशीलता के साथ, हम आपको स्पेस स्टेशन में उसके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी देंगे। यह जानकारी आम जनता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जो अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखते हैं।

सुनीता का अद्वितीय मिशन

सुनीता का मिशन सभी को यह समझाने का मौका देता है कि कैसे एक छोटा सा कार्य एक बड़े अंतरिक्ष अभियान का हिस्सा बन सकता है। उसकी योजना एक निश्चित समय से शुरू हुई थी, लेकिन अनुसंधान और प्रयोगों के परिणामस्वरूप इसे बढ़ाया गया। इसके पीछे वजहें दिलचस्प हैं।

9 महीने में किया गया कार्य

स्पेस स्टेशन में बिताए गए 9 महीनों के दौरान सुनीता ने कई महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्य और प्रयोग किए। उनमें से कुछ में पृथ्वी के पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित करना, विभिन्न प्रकार की सामग्री के परीक्षण करना, और स्पेस सर्विस में मानव के स्वास्थ्य पर अध्ययन करना शामिल हैं।

7 महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब

1. मिशन की योजना कैसे बनाई गई?

मिशन की शुरुआत राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा की गई, जो अंतरिक्ष विज्ञान के विकास के लिए समर्पित है।

2. सुनीता ने स्पेस स्टेशन में क्या-क्या किया?

उसने कई प्रयोग किए, जिनमें विभिन्न विज्ञान के क्षेत्रों का लाभ उठाया गया।

3. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

इसका प्रमुख उद्देश्य अंतरिक्ष में अनुसंधान करना और मानव स्वास्थ्य के लिए संभावित खतरे का अध्ययन करना था।

4. स्पेस स्टेशन में रहने का अनुभव कैसा था?

सुनीता ने इसे चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक अनुभव बताया, जहां उसने कई नए अनुभव किए।

5. मिशन के दौरान किस प्रकार की कठिनाइयाँ आईं?

विभिन्न तकनीकी समस्याओं और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन सुनीता ने बुद्धिमानी से उनका समाधान किया।

6. इस मिशन से क्या सबक सीखे गए?

मिशन के दौरान यह जाना गया कि अंतरिक्ष में जीवन, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी के शोध का कितना महत्व है।

7. आगे के मिशन के लिए क्या उम्मीदें हैं?

सुनीता के अनुभव और उसके किए गए अनुसंधान अगले मिशनों के लिए एक मिसाल बनेंगे।

स्पेस विज्ञान की यह यात्रा न केवल सुनीता के लिए, बल्कि हमारे देश के लिए भी गर्व की बात है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि अंतरिक्ष में काम करने के लिए अनुसंधान और अनुभव कितना महत्वपूर्ण है।

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