हिमाचल के पूर्व परिवहन मंत्री का निधन:वजीर केवल सिंह पठानिया लंबे समय से चल रहे थे बीमार; आज पैतृक गांव में अंतिम संस्कार
हिमाचल के पूर्व मंत्री वजीर केवल सिंह पठानिया का आज निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने 88 साल की उम्र में आधी रात में अंतिम सांस ली। आज उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार दोपहर 1 बजे बासा वजीरा के मोक्षधाम में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके निधन से कांगड़ा और पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। 1972 में पहली बार विधायक चुने गए 1972 में पठानिया ने नूरपुर क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। 1990 में वीरभद्र सिंह की सरकार में ज्वालामुखी से दूसरी बार विधायक बने। तब वह वीरभद्र सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए। एक बार मंत्री, दो बार विधायक बने 1937 में जन्मे वजीर केवल सिंह पठानिया ने 2 बार विधायक और 1 बार कैबिनेट मंत्री बने। उनका राजनीतिक सफर संघर्ष और उपलब्धियों से भरा रहा। कांग्रेस परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने आजाद और अन्य दलों से चुनाव लड़े। 1968 में BDC अध्यक्ष बने वजीर केवल पठानिया 1968 में पहली बार ब्लॉक समिति (BDC) के अध्यक्ष चुने गए। 1972 में उन्होंने आजाद उम्मीदवार के रूप में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। तब उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता सत महाजन को हराया। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में शामिल नहीं किया, क्योंकि सत महाजन प्रदेशाध्यक्ष बन चुके थे। 1985 में वीरभद्र सिंह के कहने पर चुनाव नहीं लड़ा 1977 में जनता पार्टी और 1982 में आजाद प्रत्याशी के तौर पर वह सत महाजन से चुनाव हार गए। 1985 में वीरभद्र सिंह के कहने पर उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन 1989 में कांग्रेस छोड़कर जनता दल के झंडे तले चुनाव लड़ा और सत महाजन को हराया। 2007 में बसपा से भी चुनाव लड़ा 1993 में जनता दल का कांग्रेस में विलय हुआ, जिसके बाद पठानिया ने ज्वालामुखी से चुनाव जीता और कांग्रेस सरकार में परिवहन मंत्री बने। 1998 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2003 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा और 2007 में बसपा के झंडे तले चुनाव लड़ा। ईमानदारी और सादगी की मिसाल, पठानिया जी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों तक आम जनता से व्यक्तिगत संपर्क बनाए रखा और उनके दिलों में अपनी जगह बनाई।

हिमाचल के पूर्व परिवहन मंत्री का निधन: वजीर केवल सिंह पठानिया लंबे समय से चल रहे थे बीमार; आज पैतृक गांव में अंतिम संस्कार
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वजीर केवल सिंह पठानिया का योगदान
हिमाचल प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री, वजीर केवल सिंह पठानिया, जिनका निधन हाल ही में हुआ, प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा थे। उन्होंने कई वर्षों तक सेवा प्रदान की और अपने कार्यकाल में राज्य परिवहन में कई सुधार किए। उनके निधन से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे राज्य को एक अपूरणीय क्षति हुई है।
लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन
वजीर केवल सिंह पठानिया लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनकी बीमारी का चलना उनके परिजनों और शुभचिंतकों के लिए चिंता का विषय था। हालांकि, उनकी प्रेरणा और संघर्ष ने सभी को प्रभावित किया।
अंतिम संस्कार की प्रक्रिया
आज उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न होगी, जहाँ परिजनों और करीबी दोस्त शोक में शामिल होंगे। समाज में उनके योगदान को याद करते हुए लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
राजनीति में उनके योगदान की सराहना
वजीर केवल सिंह पठानिया का राजनीतिक करियर शानदार रहा है। उन्होंने न केवल परिवहन क्षेत्र में सुधार किया, बल्कि उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यों की चर्चा हमेशा की जाती रहेगी।
शोक संतप्त परिवार
उनके परिवार पर इस समय गहरा दुख छाया हुआ है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनकी कमी को पूरा करना मुश्किल होगा, लेकिन वे उनकी यादों को संजोते रहेंगे।
आखिरकार, वजीर केवल सिंह पठानिया की बात करते हुए यह कहा जा सकता है कि उन्होंने अपने जीवन में न केवल एक सफल नेता के रूप में बल्कि एक अच्छा इंसान बनकर भी पहचान बनाई। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।
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