जेलेंस्की से ट्रम्प बोले- पॉवर प्लांट का कंट्रोल हमें सौंपें:कहा- यह सुरक्षा के लिए जरूरी; रूस-यूक्रेन में सैनिकों की अदला-बदली
यूक्रेन जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से 1 घंटे बात की है। अमेरिका विदेश मंत्री और NSA ने बयान जारी कर बताया कि व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के पावर प्लांट्स की सुरक्षा के लिए उनका कंट्रोल अमेरिका को देने का सुझाव दिया है। वहीं, जेलेंस्की ने X पर लिखा, मैंने जंग खत्म करने की दिशा में पहले कदम के तौर पर ऊर्जा और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला न करने का समर्थन किया। हम इसे लागू करने के लिए तैयार हैं। अपनी टीम को आंशिक सीजफायर लागू करने और अन्य तकनीकी मुद्दों को हल करने का निर्देश दिया है। यूक्रेन अमेरिका कॉ-ऑर्डिनेशन बनाए रखने के लिए सऊदी अरब में मिलने को तैयार हैं। इससे पहले ट्रम्प ने कहा था, 'हम सही रास्ते पर हैं। हमारी ज्यादातर बातचीत कल पुतिन से हुई बात के इर्द-गिर्द रही। विदेश मंत्री मार्को रुबियो और NSA माइकल वाल्ट्ज इस बातचीत की डिटेल देंगे।' बैठक से पहले जेलेंस्की ने बताया था कि रूस और यूक्रेन के बीच आज 175 कैदियों की अदला-बदली हुई है। इसके अलावा रूस ने गंभीर रूप से घायल 22 यूक्रेनी सैनिकों को भी रिहा किया है। रूस और यूक्रेन के कैदियों की अदला-बदली की तस्वीर... पुतिन ने ट्रम्प को बात करने के लिए 1 घंटे वेट कराया एक दिन पहले ट्रम्प ने यूक्रेन जंग रोकने को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को भी फोन किया था। इसके बाद पुतिन ने कहा था कि वो अगले 30 दिनों तक यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमला नहीं करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने फोन कॉल के लिए डोनाल्ड ट्रम्प को 1 घंटा इंतजार कराया था। दोनों के बीच बातचीत के लिए स्थानीय समयानुसार शाम 4 से 6 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 6:30 से रात 8:30 तक) का वक्त रखा गया था। पुतिन 1 घंटे की देरी से यानी करीब 5 बजे क्रेमलिन (राष्ट्रपति कार्यालय) पहुंचे। दरअसल पुतिन मॉस्को में एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों और व्यापारियों को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम ट्रम्प से बातचीत के ठीक पहले हुआ। शाम के 4 बजने के बाद कार्यक्रम के होस्ट और पुतिन के करीबी अलेक्जेंडर शॉखिन ने अपनी घड़ी की तरफ देखा और पुतिन से कहा कि कॉल 6 बजे से पहले होनी है। दरअसल क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ट्रम्प से बातचीत के वक्त की तरफ इशारा किया था। इस पर हंसते हुए पुतिन ने कहा कि उसकी बात मत सुनो। पुतिन-ट्रम्प की वार्ता में एक मुद्दे पर बनी सहमति पुतिन 30 दिनों तक यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमला नहीं करने के लिए राजी हो गए हैं, बशर्ते यूक्रेन भी रूस के एनर्जी ठिकानों पर हमला नहीं करेगा। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, रूस यूक्रेनी शहरों और सैन्य ठिकानों पर हमले जारी रख सकता है। रूस की मांग है कि 30 दिनों के सीजफायर के दौरान यूक्रेन में सेनाओं की गतिविधि बंद रहे। इसके साथ ही ब्लैक-सी में जहाजों की सिक्योरिटी के मुद्दे पर बातचीत शुरू होगी। यूक्रेन जंग पर रूस और अमेरिका 2 महीनों में 4 बार बातचीत कर चुके यूक्रेन का 20% हिस्सा रूस के कंट्रोल में रूस बीते तीन साल में यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा हथिया चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है।

जेलेंस्की से ट्रम्प बोले- पॉवर प्लांट का कंट्रोल हमें सौंपें
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव और जंग के बीच, अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से पॉवर प्लांट का नियंत्रण सौंपने की अपील की है। ट्रम्प का कहना है कि यह कदम न केवल सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह क्षेत्र में स्थिरता लाने में भी मदद करेगा।
सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
ट्रम्प ने कहा है कि पॉवर प्लांट का नियंत्रण लेने से अमेरिका को अपनी सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अगर अमेरिका इस शक्ति को अपने हाथ में लेती है, तो इसका इस्तेमाल संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए किया जाएगा। इस संदर्भ में, जेलेंस्की को दी गई उनकी बयानों में राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता प्रमुखता से उठाई गई है।
रूस-यूक्रेन में सैनिकों की अदला-बदली
इस बीच, रूस और यूक्रेन के बीच सैनिकों की अदला-बदली की प्रक्रिया भी चल रही है, जो कि दोनों पक्षों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह प्रक्रिया सुरक्षा बलों की स्थिति को मजबूती देने और उग्रवाद को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह अदला-बदली दोनों देशों के लिए क्षति कम करने का एक उपाय हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ट्रम्प के इस बयान पर कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कई लोगों ने इस कदम को समय की जरूरत बताया है, जबकि कुछ ने इसे विवादास्पद भी करार दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जेलेंस्की इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
कुल मिलाकर, ट्रम्प का यह बयान यूक्रेन-रूस संकट में एक नया मोड़ पेश कर सकता है। अमेरिका के प्रति जेलेंस्की की नीति और ट्रम्प के इस प्रस्ताव का खेल में क्या असर पड़ेगा, यह आने वाले समय में साफ होगा।
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