सोनभद्र में मारपीट के 6 दोषियों को 3-3 साल की:कोर्ट ने 6500 रुपए जुर्माना लगाया, साढ़े 10 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

सोनभद्र में साढ़े दस वर्ष पूर्व घटी मारपीट की घटना में शनिवार को जिला सत्र न्यायालय ने सुनवाई करते हुए 6 दोषियों को सजा सुनाई। सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने सभी को तीन-तीन साल की कैद और 6500 रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, घोरावल थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव के निवासी रामजी सिंह ने 15 जून 2014 को अपने चचेरे भाई जुगतनरायन से हुई पुरानी रंजिश का हवाला देते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, उस दिन सुबह 8 बजे महेंद्र सिंह और वीरेंद्र सिंह ने गाली-गलौज और मारपीट की। जिसमें लाठी-डंडों का प्रयोग हुआ। शोर मचाने पर रामजी के परिवार के सदस्य बीच-बचाव करने आए, जिन्हें भी चोटें आईं। जांच के बाद पुलिस ने जुगतनरायन, वीरेंद्र सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, सूचित, सूरज सिंह और छोटे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने मामले की पैरवी की।

Nov 16, 2024 - 21:25
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सोनभद्र में मारपीट के 6 दोषियों को 3-3 साल की:कोर्ट ने 6500 रुपए जुर्माना लगाया, साढ़े 10 साल बाद आया कोर्ट का फैसला
सोनभद्र में साढ़े दस वर्ष पूर्व घटी मारपीट की घटना में शनिवार को जिला सत्र न्यायालय ने सुनवाई करते हुए 6 दोषियों को सजा सुनाई। सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने सभी को तीन-तीन साल की कैद और 6500 रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, घोरावल थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव के निवासी रामजी सिंह ने 15 जून 2014 को अपने चचेरे भाई जुगतनरायन से हुई पुरानी रंजिश का हवाला देते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, उस दिन सुबह 8 बजे महेंद्र सिंह और वीरेंद्र सिंह ने गाली-गलौज और मारपीट की। जिसमें लाठी-डंडों का प्रयोग हुआ। शोर मचाने पर रामजी के परिवार के सदस्य बीच-बचाव करने आए, जिन्हें भी चोटें आईं। जांच के बाद पुलिस ने जुगतनरायन, वीरेंद्र सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, सूचित, सूरज सिंह और छोटे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने मामले की पैरवी की।

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