सड़क पर सियासत...सीसामऊ में डेवलपमेंट मुद्दा नहीं:बटेंगे तो कटेंगे से लेकर नसीम के जलाभिषेक की चर्चा; बोले- लोग बदलाव चाहते हैं
यूपी उपचुनाव में सीसामऊ हाट सीट है। 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। 'सड़क पर सियासत' भांपने के लिए दैनिक भास्कर गुमटी नंबर-5 पहुंचा। सियासी माहौल कुछ ऐसा समझ में आया कि डेवलपमेंट चुनाव का मुद्दा है ही नहीं। यहां सिर्फ योगी के बंटेंगे तो कटेंगे और नसीम सोलंकी के शिव मंदिर में जलाभिषेक ही चर्चा में हैं। वोटर्स ने कहा - सड़क, पानी, बिजली और डेवलपमेंट मुद्दा है, मगर वोटिंग करते वक्त कैंडिडेट और पार्टी देखी जाएंगी। इसी सियासी माहौल को समझते हुए भास्कर टीम दीपक चड्ढा की नुक्कड़ में बनी चाय की दुकान पर पहुंचे... वोटर बोले - सपा को क्यों लगता है कि हिंदू वोट उन्हें मिलेगा यहां व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजे गुप्ता से मुलाकात हुई। चुनाव किस तरफ जा रहा है? चाय की चुस्कियां लेते हुए उन्होंने कहा - पिछला चुनाव इरफान सोलंकी जीते थे, यहां 45% मुस्लिम वोटर हैं। 2022 में इरफान के सामने भाजपा के सलिल बिश्नोई कैंडिडेट थे। जब पिछले नतीजे आए थे, तो वोटिंग परसेंट में 1 भी मुस्लिम वोट बीजेपी कैंडिडेट को नहीं मिला था। ये इलाके थे चमनगंज, बेकनगंज। ऐसे में सपा को हिंदू वोटर्स से उम्मीद क्यों है? हमने पूछा - योगी के बटेंटे तो कटेंगे के नारे का असर दिख रहा है? बोले- बिल्कुल दिख रहा है। यहां चर्चा ही उसकी चल रही है। अब बात करते है डेवलपमेंट की, 8 साल पहले इरफान ने एक पानी की टंकी का उद्धाटन किया, मगर उसमें पानी 1 बूंद नहीं आया। इसकी जांच भी हुई, मगर पब्लिक को उससे क्या। पानी तो नहीं मिला न। 5600 वोट से चुनाव हारे थे सुरेश, अब लोगों का सपोर्ट मिल रहा यही पर मौजूद आलोक श्रीवास्तव से हमने चुनाव को लेकर सवाल किए। उन्होंने कहा - इरफान के पिता भी यहां से विधायक रहे हैं। तब उन्हें मुस्लिम के साथ हिंदू भी वोट करते थे। उन्होंने डेवलपमेंट कराते वक्त ये नहीं देखा कि ये हिंदू इलाका है, ये मुस्लिम इलाका है। मगर अब सीन बदल चुका है। यहां चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है कि इरफान सोलंकी की पत्नी के सामने बीजेपी के प्रत्याशी सुरेश अवस्थी हैं, वह 2017 के चुनाव में इरफान सोलंकी के सामने प्रत्याशी रह चुके हैं। सिर्फ 5600 वोटों से चुनाव हार गए थे। इसके बाद सलिल बिश्नोई तकरीबन 17000 से अधिक वोटो से चुनाव इरफान सोलंकी के सामने 2022 में हार गए। इसलिए सुरेश अवस्थी और नसीम सोलंकी के बीच जो 5600 वोटों का आंकड़ा है। इस बार रिकवर होता हुआ नजर आ रहा है। इसलिए यहां का मतदान और परिणाम दोनों ही दिलचस्प होगा। सिख समुदाय बोला - हम बदलाव चाहते हैं गुमटी इलाके में सबसे ज्यादा सिख समुदाय के लोग रहते हैं। तकरीबन 20 से 25 हजार सिख वोटर है। अब हमारी बात गुरु शरण सिंह से हुई। उन्होंने कहा कि इस बार तो सीसामऊ विधानसभा सीट पर बीजेपी की उम्मीद दिखाई दे रही है। सिखों के बीच भी जब चर्चा हो रही है, सभी बदलाव चाहते हैं। अब पढ़िए लोग क्या सोचते हैं... विकास की बात की जाए तो यहां कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बार के चुनाव में हिंदू वोट बंटता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इसलिए यहां पर बदलाव की उम्मीद दिखाई दे रही है। - रमेश भाटिया, व्यापारी यहां की समस्या और विकास की बात की जाए। तो गुमटी नंबर 5 में बना डाट नाला हर साल त्योहार पर टूट जाता है। लेकिन आज तक इसका कोई स्थाई हल नहीं निकला। दर्शन पुरवा इलाके में भी सीवर लाइन का नाला सालों से समस्या बना हुआ है। लेकिन उसके सुधार और विकास नाम की कोई चीज यहां नहीं हुई। - नरेश भाटिया, नागरिक हिंदू-मुस्लिम की बात बीजेपी नहीं करती, बल्कि वह लोग करते हैं ,जो जातिगत जनगणना कराने की मांग करते हैं। वह लोग हिंदुओं को जाति में बांटना चाहते हैं। विपक्ष इसके पीछे सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इसकी सबसे बड़ी मिसाल यह है की नसीम सोलंकी मंदिर गईं तो मौलाना ने फतवा जारी कर दिया। - राजीव मेहरा, व्यापारी योगी जी का जो नारा बटेंगे तो कटेंगे उपचुनाव में पूरी तरह से काम करता हुआ दिखाई दे रहा है। बीजेपी की सरकार में सुरक्षा का माहौल दिखाई दिया है। हमें बांग्लादेश के हालात को देखना चाहिए। इसी गुमटी बाजार की जो पहले स्थिति थी इस शासन में बदली हुई नजर आती है। - राजकुमार राठौर
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