हापुड़ में ट्रेनिंग के दौरान शिक्षिकाओं ने बनाया रील:BSA ने 3 को किया सस्पेंड, बोलीं-विचार-आचरण से समाज पर पड़ता है असर
हापुड़ में विभागीय ट्रेनिंग के दौरान तीन शिक्षिकाओं ने रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। रील जब अफसरों तक पहुंची, तो तीनों को बीएसए ने सस्पेंड कर दिया। बीएसए की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। बता दें कि बीते दिनों इंस्टाग्राम पर एक वीडियो सामने आया। वीडियो में तीन शिक्षिकाएं शामिल हैं। तीनों शिक्षिकाएं जिला बेसिक शिक्षा विभाग के ब्लॉक हापुड़ के दो सरकारी स्कूलों में तैनात हैं। वीडियो का बीएसए ने संज्ञान लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच कराई। जांच करने पर तीनों शिक्षिकाओं के नाम सामने आए। जिसके बाद संबंधित शिक्षिकाओं से जबाव मांगा गया। प्रशिक्षण के दौरान बनाया था वीडियो शिक्षिकाओं ने अपना पक्ष बीएसए के समक्ष रखा। शिक्षिकाओं ने जांच के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने यह वीडियो प्रशिक्षण के दौरान बनाई थी। तीनों ने बीआरसी कार्यालय पर चल रही एफएलएन (आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता) ट्रेनिंग के दौरान वीडियो बनाया था। हापुड़ बीएसए रितु तोमर ने बताया कि शिक्षक का चरित्र समाज के लिए उदाहरण होना चाहिए। क्योंकि शिक्षक के विचार-आचरण का समाज पर असर पड़ता है। इसलिए शिक्षक को सतर्क रहना चाहिए। तीनों शिक्षिकाओं पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में अनुशासन हीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

हापुड़ में शिक्षिकाओं द्वारा रील बनाने का मामला: BSA ने 3 शिक्षिकाओं को किया सस्पेंड
हापुड़ में एक दिलचस्प घटना सामने आई है जिसमें शिक्षिकाओं ने प्रशिक्षण के दौरान एक रील बनाई। यह रील देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस घटना पर शिक्षा विभाग ने गंभीर कदम उठाते हुए तीन शिक्षिकाओं को सस्पेंड कर दिया है।
समाज पर पड़ता है शिक्षकों का असर
बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने कहा कि शिक्षिकाओं के विचार और आचरण का समाज पर महत्वपूर्ण असर होता है। उनके अनुसार, शिक्षकों द्वारा की गई ऐसी गतिविधियों से न केवल छात्रों बल्कि पूरे समुदाय पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
सस्पेंड किए गए शिक्षिकाएं और उनकी प्रतिक्रिया
सस्पेंड की गई शिक्षिकाओं ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उनका कहना है कि उन्होंने केवल मनोरंजन के लिए यह रील बनाई थी। लेकिन BSA का मानना है कि स्कूल की गतिविधियों में अनुशासन और गंभीरता बनाए रखना अनिवार्य है।
शिक्षा विभाग का कदम
हापुड़ के BSA ने यह स्पष्ट किया है कि इस घटना से एक संदेश दिया जाना चाहिए कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पढ़ाई नहीं बल्कि सही आचरण भी है। शिक्षा विभाग इस समस्या पर आगे जांच करने का आश्वासन दिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएंगे।
समाज में शिक्षा की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षकों का आचरण अनुकरणीय हो। इसके बिना, समाज में नकारात्मक संदेश जा सकता है जो कि छात्रों की सोच और विकास पर गलत प्रभाव डाल सकता है।
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निष्कर्ष
हापुड़ में शिक्षिकाओं द्वारा बनाई गई रील एक महत्वपूर्ण मामला बन चुकी है, जिसमें शिक्षा के आदर्शों और नैतिकता का सवाल उठाया गया है। शिक्षा विभाग की यह सख्त कार्रवाई सभी शिक्षकों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपने आचरण के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
समाज के लिए कई संदेश देने वाली इस घटना के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
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