हिमाचल के माननीय पर कर्मचारियों का तंज:चौहान बोले-सत्तापक्ष-विपक्ष ने साबित किया, आर्थिक संकट खत्म, जैसी महंगाई विधायकों के लिए, कर्मचारियों को भी वैसी ही
हिमाचल प्रदेश में विधायकों की सैलरी बढ़ने पर कर्मचारियों ने तंज कसा है। संयुक्त कर्मचारी महासंघ एवं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हिमाचल की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है। बीते कल सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भी यह साबित कर दिया है। वीरेंद्र चौहान ने कहा, माननीय की सैलरी बढ़ने के बाद अब कर्मचारियों की देनदारियों का भी भुगतान होना चाहिए। कर्मचारियों की महंगाई भत्ता (DA), डीए का एरियर और नए वेतनमान के एरियर का सरकार को जल्द भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहा, जिस तरह महंगाई विधायकों के लिए बढ़ी है, वैसी ही कर्मचारियों के लिए भी बढ़ी है। राज्य सरकार के पास कर्मचारियों-पेंशनर की लगभग 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। 15 दिन के सत्र में कर्मचारियों का जिक्र तक नहीं किया: वीरेंद्र वीरेंद्र चौहान ने बताया, सदन में कई विधायकों ने कहा, महंगाई बढ़ गई है। 9 सालों से उनकी सैलरी नहीं बढ़ी। ऐसे में उनकी सैलरी बढ़नी चाहिए। चौहान ने कहा, विधायकों की यह बात सही है, पर कर्मचारियों की भी ख्याल रखना चाहिए। मगर 15 दिन के विधानसभा सत्र के दौरान कर्मचारियों का जिक्र तक नहीं आया। विपक्ष ने भी कर्मचारियों की मांगों को सदन में नहीं उठाया। 16 साल बाद बढ़ाया वेतन: वीरेंद्र वीरेंद्र चौहान ने कहा, कर्मचारियों के वेतन में 2006 के बाद 2016 में वृद्धि होनी चाहिए थी, लेकिन यह 2022 में की गई। 16 साल बाद भी सिर्फ वेतन में वृद्धि की गई, भत्तों में बढ़ोतरी नहीं की गई। प्रदेश में पहले पंजाब की तर्ज पर पे-कमीशन मिलता था, लेकिन 2022 में केंद्र की तर्ज पर वेतन दिया गया, जिससे हिमाचल के कर्मचारी पंजाब की तुलना में पिछड़ गए। उन्होंने कहा, 2023 से कर्मचारियों की महंगाई (DA) की चार किश्तें और महंगाई भत्ते का एरियर लंबित है। उन्होंने कहा, प्रदेश में हरेक कर्मचारी का कम से कम 5 लाख व उससे ज्यादा सरकार के पास लंबित है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने 2 फीसदी डीए दिया है। महंगाई को देखते हुए यह काफी नहीं है। 12 जिलों में रणनीति बनाएंगे कर्मचारी महासंघ के संयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा, कर्मचारी सभी 12 जिलो में अधिवेशन करने जा रहे हैं। इसमें सरकार के पास लंबित देनदारियों के भुगतान को लेकर किस प्रकार दबाव डाला जाए और इसके क्या रणनीति होनी चाहिए, इसे लेकर अधिवेशन में चर्चा करेंगे।

हिमाचल के माननीय पर कर्मचारियों का तंज
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों ने हाल ही में माननीय विधायकों पर तीखा तंज कसा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विभाग के प्रमुख चौहान ने कहा कि 'सत्तापक्ष और विपक्ष ने यह साबित किया है कि आर्थिक संकट खत्म हो चुका है।' उनके ये शब्द विशेष रूप से उस वक्त महत्वपूर्ण हो गए जब महंगाई की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हो रही थी।
महंगाई और कर्मचारियों का मसला
कर्मचारियों का आरोप है कि वर्तमान महंगाई का असर केवल आम जनता पर ही नहीं, बल्कि विधायकों पर भी पड़ रहा है। चौहान ने कहा कि यदि विधायकों की स्थिति इतनी अच्छी है, तो कर्मचारियों को भी समानता की महंगाई का सामना करना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की एकाग्रता को नजरअंदाज किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और कर्मचारियों की आवाज़
राजनीतिक बयानबाज़ी में, कर्मचारियों की समस्याओं को अक्सर अनदेखा किया जाता है। सत्तापक्ष और विपक्ष की प्रतिस्पर्धा के बीच कर्मचारियों की चिंताओं को प्राथमिकता नहीं दी गई है। इस विषय पर चौहान का कहना है कि सभी विधायकों को अपनी स्थिति का आकलन करना चाहिए और कर्मचारियों के हक में कदम उठाना चाहिए।
आर्थिक संकट के संकेत
बढ़ती महंगाई के बावजूद, सरकार का दावा है कि आर्थिक संकट समाप्त हो चुका है। इस पर कर्मचारियों ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि जब महंगाई बढ़ रही है, तो राहत प्रदान करने का समय आ गया है। चौहान ने कहा कि विधायकों की समस्या को पहचानते हुए, कर्मचारियों का भी ध्यान रखना जरूरी है।
यह दृश्य अब राजनीतिक चर्चा का अहम हिस्सा बन गया है। सरकार को कर्मचारियों के मुद्दों का समाधान जल्दी से जल्दी करना होगा ताकि कर्मचारियों में असंतोष न बढ़े।
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