हिमाचल में टीजीटी टीचरों के तबादले पर रोक:पुराने स्कूलों में लौटने के आदेश, शिक्षक संगठन जता रहे थे आपत्ति
हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने टीजीटी टीचरों के तबादला और पोस्टिंग को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विभाग ने बीते सोमवार को नया सत्र शुरू होते ही स्कूलों युक्तिकरण के बाद शिक्षकों के तबादलों को लेकर जारी किए आदेशों पर रोक लगा दी। जिन टीचरों ने नए स्टेशन पे जॉइन नही किया है, उन्हें अपने पुराने स्टेशन पर जाने के नए निर्देश दिए गए है। 5 दिन में नई पोस्टिंग पर करना था जॉइन दरअसल शिक्षा विभाग ने बीते 7 अप्रैल 2025 यानी सोमवार को करीब 450 TGT के तबादले के आदेश जारी किए थे और उन्हें 5 दिनों के भीतर नई पोस्टिंग पर जॉइन करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों में आर्ट्स, नॉन मेडिकल और मेडिकल संकाय के टीजीटी शिक्षकों के तबादले शामिल थे, लेकिन सरकार के आदेशों के बाद टीचरों संगठन इसकी आपत्ति जता रहे थे और शिक्षक संगठनों ने शिक्षा मंत्री के समक्ष भी मांगे रखी थी। जिसके बाद विभाग ने यह फैसला लिया है। पुरानी नोटिफिकेशन को रद्द किया शुक्रवार को विभाग ने पुरानी नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए पुराने आदेशों पर रोक लगा दी है और नई नोटिफिकेशन में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन टीचरों ने अभी तक नई नियुक्ति स्थल पर कार्यभार नहीं संभाला है, वे तत्काल अपनी पिछली पोस्टिंग वाले स्कूल में वापस लौट जाएं। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा। 450 टीचरों के तबादला आदेश जारी हुए थे बता दें कि सोमवार को टीजीटी कैडर में एक साथ 450 टीचरों के तबादला आदेश जारी हुए थे। विभाग ने इन्हें नए स्थान पर ज्वाइन करने के लिए भी 5 दिन का वक्त दिया गया है। निदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से जारी किए गए आदेशों में टीजीटी आट्र्स में 310, टीजीटी मेडिकल में 40 और टीजीटी नॉन मेडिकल में करीब 100 टीचर्स का तबादला आदेश हुआ था।

हिमाचल में टीजीटी टीचरों के तबादले पर रोक: पुराने स्कूलों में लौटने के आदेश
हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के तबादले को लेकर नई स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) शिक्षकों के लिए पुराने स्कूलों में लौटने के आदेश दिए गए हैं। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षकों के बीच काफी चर्चा और आपत्ति देखने को मिल रही है।
शिक्षक संगठन की आपत्ति
शिक्षक संगठनों ने इस आदेश पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह निर्णय शिक्षकों के हितों को ठेस पहुंचाता है और उनकी कार्यस्थलों के अधिकारों का उल्लंघन करता है। शिक्षकों ने यह तर्क पेश किया है कि उन्हें पिछले विद्यालयों में वापसी करने का आदेश देकर उनके स्थायी स्थानों और कार्यक्षमता को नजरअंदाज किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, कई शिक्षक अपने वर्तमान विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं, जबकि उन्हें पुराने स्कूलों में लौटने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
सरकारी दृष्टिकोण
सरकार का कहना है कि यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और पुराने स्कूलों में टीजीटी शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए लिया गया है। सुधारात्मक उपायों के तहत, शिक्षा विभाग ने कहा है कि टीजीटी शिक्षकों का अपने पुराने स्थानों पर लौटना विद्यार्थियों के लिए अधिक फायदेमंद होगा। इसके बावजूद, शिक्षकों की आपत्तियां बनी हुई हैं। शैक्षणिक सत्र में इस प्रकार के बदलाव हमेशा विवाद का विषय बनते हैं, और विभिन्न शिक्षक संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की संभावना भी व्यक्त की जा रही है।
भविष्य की संभावनाएँ
हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों की स्थिति और तबादले के संबंध में आगे आने वाले दिनों में क्या निर्णय लिए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। शिक्षक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इस मामले में पुनर्विचार किया जाए और उनके सुझावों पर ध्यान दिया जाए। इसके परिणामस्वरूप, छात्रों की शिक्षा और शिक्षकों के अधिकारों को बचाए रखने का प्रयास किया जा सकता है।
इन घटनाक्रमों का निपटारा जल्द से जल्द न केवल शिक्षकों के लिए, बल्कि छात्रों और शिक्षा प्रणाली के समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया indiatwoday.com पर जाएं। Keywords: हिमाचल प्रदेश टीजीटी शिक्षकों तबादला रोक, पुराने स्कूलों में टीजीटी शिक्षक, हिमाचल टीचिंग संगठन आपत्ति, शिक्षकों के तबादले के नियम, टीजीटी शिक्षकों के अधिकार, शिक्षा विभाग हिमाचल, शिक्षकों की पुनः नियुक्ति, शिक्षक संगठनों की मांग, हिमाचल में स्कूलों की स्थिति, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
What's Your Reaction?






