टूथपेस्ट विवाद में आमने-सामने दो बड़ी कंपनियां:फ्लोराइड टूथपेस्ट पर डाबर के दावों पर कोर्ट ने मांगे साइंटिफिक सबूत, कोलगेट बोला- इससे गलत मैसेज गया
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (11 अप्रैल) को डाबर इंडिया लिमिटेड को फ्लोराइड-बेस्ड टूथपेस्ट के खिलाफ अपने दावे को साबित करने का आदेश दिया है। दरअसल, डाबर ने अपने एक एडवरटाइजमेंट्स में दावा किया कि टूथपेस्ट में फ्लोराइड की वजह से बच्चों का IQ कम हो सकता है। इसके अलावा इससे हड्डियां कमजोर होती हैं और दांतों पर धब्बे जैसी कई स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। हाईकोर्ट ने डाबर को निर्देश दिया है कि वह अपने ऐड में किए गए दावों के सपोर्ट में वैज्ञानिक आधार पेश करे। जस्टिस अमित बंसल ने डाबर के एडवरटाइजमेंट कैंपेन में इस तरह के दावों पर रोक लगाने के लिए दायर कोलगेट-पामोलिव की याचिका पर यह आदेश पारित किया है। कोलगेट का आरोप- डाबर के विज्ञापन भ्रामक इधर, कोलगेट ने आरोप लगाया कि डाबर के विज्ञापन भ्रामक थे और फ्लोराइड-बेस्ड टूथपेस्ट को खराब बता रहे थे। कंपनी के इस तरह के विज्ञापनों से परोक्ष रूप से कोलगेट टूथपेस्ट को निशाना बनाया जा रहा था। जस्टिस बंसल ने डाबर और कोलगेट को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी। कोलगेट ने तर्क दिया है कि वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे पर डाबर के प्रिंट ऐड में छपी टैगलाइन 'क्या आपके पसंदीदा टूथपेस्ट में फ्लोराइड है?'। यह टैगलाइन कोलगेट के प्रोडक्ट पर इनडायरेक्ट हमला है, जिसमें फ्लोराइड है और यह मार्केट लीडर है। यह विज्ञापन टाइम्स ऑफ इंडिया में उसी दिन छपा था, जिस दिन कोलगेट ने फ्लोराइड टूथपेस्ट का अपना पहला पेज प्रमोट किया था। रेगुलेटेड अमाउंट में फ्लोराइड यूज करने की मंजूरी कोलगेट ने कहा कि दांतों की सड़न को रोकने के लिए दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रेगुलेटेड अमाउंट (1000 ppm तक) में फ्लोराइड को यूज करने की मंजूरी दी है। कंपनी ने तर्क दिया कि डाबर का कैंपेन गलत प्रतिद्वंद्विता को दर्शाता है। क्योंकि, यह अपने प्रोडक्ट्स के बारे में कंपेरेटिव दावे करने के बजाय पूरे प्रोडक्ट्स की कैटेगरी को खराब बता रहा है। इससे पहले 2019 में कोर्ट ने डाबर को उन विज्ञापनों में सुधार करने का आदेश दिया था, जो कोलगेट की पैकेजिंग की नकल करते पाए गए थे। तब डाबर ने विज्ञापनों में विजुअल बदलाव कर लिए थे। वहीं, कोलगेट ने अब फ्लोराइड-बेस्ड टूथपेस्ट के बारे में डाबर के निरंतर दावों पर सवाल उठाया है। डाबर ने कहा- विज्ञापन से 'फेवरेट' शब्द को हटा देंगे डाबर ने कहा कि वह अपने कानूनी अधिकारों के बाद भी विज्ञापन से 'फेवरेट' शब्द को हटा देगा। हालांकि, कंपनी ने अपने कैंपेन का बचाव करते हुए तर्क दिया कि विज्ञापनों में स्टडीज के आधार पर कंज्यूमर्स के सामने आने वाले संभावित जोखिमों को उजागर किया गया है। --------------------------------------------------------- बिजनेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... सोने ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, दाम ₹3,192 बढ़े: इस साल 22% बढ़कर ₹93,353 प्रति 10 ग्राम पहुंचा; ये अब तक सबसे महंगा सोने के दाम ने शुक्रवार 11 अप्रैल को नया ऑल टाइम हाई बनाया। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम ₹3,192 बढ़कर ₹93,353 पर पहुंच गया। इससे पहले 10 ग्राम सोने की कीमत ₹90,161 थी। पूरी खबर पढ़ें...

टूथपेस्ट विवाद में आमने-सामने दो बड़ी कंपनियां
किसी भी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की अपनी कहानियां होती हैं, लेकिन हाल ही में टूथपेस्ट उद्योग में उत्पन्न विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। डाबर, एक प्रमुख उपभोक्ता उत्पाद कंपनी, ने फ्लोराइड टूथपेस्ट के विपरीत कुछ गंभीर दावे किए हैं। इसके चलते कोर्ट ने डाबर से साइंटिफिक सबूत की मांग की है, जिससे इस बातचीत में नवीनता और ताजगी दोनों आई हैं। वहीं, कोलगेट ने इसमें अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि इससे गलत संदेश फैल रहा है। यह मामला न केवल उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि टूथपेस्ट निर्माताओं के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते आए इस मौजूदा संकट को भी सफाई देने का एक अवसर प्रदान करता है।
डाबर के दावे और कोर्ट की संज्ञानता
डाबर ने हाल ही में अपनी मार्केटिंग में फ्लोराइड के दुष्प्रभावों का उल्लेख किया, जिसके चलते उन्होंने यह दावे किए कि फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस पर कोर्ट ने डाबर से साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उनके दावे सही हैं या नहीं। यह मामला तब और बढ़ा जब कोलगेट, जो कि खुद फ्लोराइड टूथपेस्ट का एक प्रमुख निर्माता है, ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस तरह की जानकारी से उपभोक्ताओं में भ्रांति उत्पन्न हो सकती है।
कोलगेट की आपत्ति और उपभोक्ता द्वारा की गई टिप्पणियाँ
कोलगेट ने कहा है कि डाबर के दावे गलत हैं और इनसे उपभोक्ताओं को यह समझने में कठिनाई हो रही है कि कौन सा उत्पाद वास्तव में उनकी मौखिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। इस विवाद में उपभोक्ता भी सक्रिय हो गए हैं, कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोनों कंपनियों के खिलाफ अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। कुछ उपभोक्ताओं का मानना है कि ऐसे विवाद उत्पाद के चुनाव में महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जबकि अन्य ने इस स्थिति को केवल कंपनियों के बीच एक मार्केटिंग रणनीति के रूप में देखा है।
बाजार में प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता का लाभ
इस विवाद का एक सकारात्मक पहलू यह है कि यह प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे रहा है। उपभोक्ताओं के लिए यह एक शानदार अवसर है कि वे अधिक सूचनात्मक रूप से अपनी खरीद निर्णय करें। बाजार में प्रतिस्पर्धा का स्वास्थ्य पर, उत्पादों की गुणवत्ता पर बारीकी से ध्यान देने से उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पादों का सामना करना पड़ेगा।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि टूथपेस्ट विवाद से दोनों कंपनियों के लिए एक सीखने का अवसर है। उपभोक्ताओं को सही जानकारी देना और विश्वास जीतना उद्योग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
इसके अलावा, इस प्रकार के मामलों का समाधान करते समय उपभोक्ताओं की भलाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे व्यवसाय और उपभोक्ताओं के बीच का रिश्ताां और मजबूत होगा।
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