हिमाचल में भारी बारिश का खतरा:कुल्लू के जीरा नाला में लैंडस्लाइड से बना नेचुरल डैम, फटने पर हो सकती है तबाही, खाली कराए घर
हिमाचल में कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी में जीरा नाला पूरी तरह से ब्लॉक हो गया है। तोष गांव से पीछे जीरा नाला पर नेचुरल डेम बन गया है। माना जा रहा है कि बीती रात को भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड से यह डेम बना है। इसके फटने से निचले इलाके में तबाही हो सकती है। इस खतरे को भांपते हुए कुल्लू जिला प्रशासन ने तोष गांव से लेकर भुंतर तक जीरा नाला के आसपास रह रहे लोगों के घरों को एहतियातन खाली करवा दिया है। लोगों को नाले के आसपास नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की गई है। पर्यटकों को भी सेल्फी लेने के लिए पार्वती नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है। भारी बारिश से हुए लैंडस्लाइड बता दें कि कुल्लू जिला में बीती रात से भारी बारिश हो रही है। इससे जीरा नाला में पहाड़ी से लैंडस्लाइड हुआ। भारी मात्रा में मलबा आने से पानी का बहाव रुक गया है। इससे जीरा नाला पर डैम बन गया है। यदि यह टूट जाता है तो निचले इलाके में तबाही मचा सकता है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा: SDM कुल्लू के एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर नाले के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। बीती रात हुई भारी बारिश के कारण तोष गांव के ऊपर जीरा नाले में भूस्खलन हुआ है। इससे पानी का बहाव रुक गया है। एसडीएम ने पंचायत प्रधान को निर्देश दिए हैं कि वह नाले के आसपास रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। प्रशासन ने मौके के लिए राहत एवं बचाव दल रवाना कर दिए है।

हिमाचल में भारी बारिश का खतरा: कुल्लू के जीरा नाला में लैंडस्लाइड से बना नेचुरल डैम
तबाही का अंदेशाः जीरा नाला की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसका असर कुल्लू जिले पर पड़ सकता है। जीरा नाला में हालिया लैंडस्लाइड ने एक प्राकृतिक डैम का निर्माण किया है, जिसे लेकर स्थानीय प्रशासन और निवासियों में चिंता का माहौल है। यह डैम अगर फटता है, तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। अतः प्रशासन ने आसपास के घरों को खाली करने का आदेश जारी किया है।
लैंडस्लाइड के कारणों और प्रभाव
क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन ने जीरा नाला के आसपास की स्थिति को नाजुक बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में भूस्खलन मुख्य रूप से नदियों के स्तर में अचानक वृद्धि और मिट्टी में नमी के कारण हुआ है। यदि यह प्राकृतिक डैम टूट जाता है, तो इसके पानी का प्रवाह तेजी से नीचे की ओर स्थित गांवों पर भारी प्रभाव डाल सकता है। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के प्रयास जोर-शोर से जारी हैं।
प्रशासन के तयारी उपाय
स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। बचाव दल और चिकित्सा सेवाएं अलर्ट पर हैं, और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए विशेष बसों का प्रबंध किया गया है। मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, आने वाले दिनों में बारिश में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय समुदाय के लोगों में चिंता और डर का भाव है। कई परिवार अपने घरों को छोड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपनी सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से उचित सहायता और संसाधनों की मांग की है ताकि वे इस खतरनाक स्थिति का डटकर सामना कर सकें।
सभी निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें और मौसम संबंधी अपडेट्स के लिए जुड़े रहें।
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