हिमाचल में लगे भूकंप के झटके:मंडी रहा केंद्र, घरों से बाहर निकले लोग; रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई तीव्रता
हिमाचल प्रदेश के मंडी में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.7 मापी गई। जमीन के अंदर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, सुबह 8:42 बजे हल्के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र सुंदरनगर का किआरगी रहा। जिन लोगों को झटके महसूस हुए वे अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। बता दें कि चंबा, शिमला, कुल्लू, लाहौल स्पीति, कांगड़ा, किन्नौर व मंडी के कई क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील जोन-5 में आते है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप आता रहता है। अब जानिए भूकंप क्यों आता है? धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेस के बाद भूकंप आता है।

हिमाचल में लगे भूकंप के झटके: मंडी रहा केंद्र, घरों से बाहर निकले लोग; रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई तीव्रता
News by indiatwoday.com
भूकंप की घटना का अद्यतन
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। स्थानीय समयानुसार, यह घटना सुबह के समय हुई, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई। यह भूकंप काफी स्पष्ट था और इसके झटकों ने लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया।
लोगों की प्रतिक्रिया
भूकंप के झटके तुरंत बाद लोग अपने घरों से बाहर निकले। स्थानीय निवासियों ने डर के मारे शोर मचाना शुरू कर दिया और सड़कों पर इकट्ठा हो गए। चश्मदीदों का कहना है कि झटके कुछ सेकंडों तक महसूस किए गए, लेकिन इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई। फिर भी, घटना ने लोगों को एक बार फिर से सुरक्षा की दिशा में जागरूक किया।
प्रभावित क्षेत्र
भूकंप का केंद्र मंडी जिला था, जो एक पहाड़ी क्षेत्र है। भूकंप के कारण किसी बड़े नुकसान की सूचना तो नहीं है, लेकिन स्थानीय निवासियों में खौफ का माहोल बना हुआ है। प्रशासन ने निवासियों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
भूकंप की सुरक्षा
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप आना कितना संभावित है। ऐसे में, निवासियों को भूकंप से सुरक्षा के उपायों के प्रति जागरूक होना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन द्वारा भूकंप सुरक्षा पर कार्यशालाओं का आयोजन करने का प्रस्ताव है।
भविष्य में भूकंप के खतरे
भूकंपों की गतिविधियां अब पहाड़ी क्षेत्रों में सामान्य होती जा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे भूकंपों की भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। इसके लिए भूकंप से संबंधित जानकारी और तैयारियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
भूकंप जैसी स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और इससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।
निष्कर्ष
मंडी में भूकंप के इस झटके ने सभी को एक बार फिर से जागरूक किया है। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए और आवश्यकता अनुसार स्थानीय प्रशासन से संपर्क करना चाहिए।
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