अतिक्रमण हटाने गई राजस्व टीम पर पथराव:6 कर्मचारी घायल, महिलाओं ने किया हमला, खुद झोपड़ियों में लगाई आग
देवरिया के सलेमपुर नगर पंचायत में शुक्रवार को एक भूखंड से अतिक्रमण हटाने गई राजस्व टीम पर अतिक्रमणकारी महिलाओं ने हमला कर दिया। महिलाओं ने न केवल पथराव किया बल्कि विरोध में अपनी झोपड़ियों में भी आग लगा दी। घटना वार्ड नंबर 5 हरैया लाला की है, जहां मस्जिद के पास मैनेजर यादव की जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था। एसडीएम कोर्ट के आदेश पर पहले ही सीमांकन कर दिया गया था, लेकिन कब्जाधारी निर्माण कार्य में बाधा डाल रहे थे। भूमि स्वामी की शिकायत पर डीएम दिव्या मित्तल के निर्देश से तहसीलदार अलका सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं। पहले देखें 4 तस्वीरें... आइए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला... जैसे ही टीम ने अतिक्रमण हटाने के लिए कहा, महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया। महिला पुलिसकर्मियों द्वारा हटाए जाने के बाद उन्होंने डंडों में आग लगाकर राजस्व टीम पर हमला कर दिया। इसके बाद पथराव किया और अपनी झोपड़ियों में आग लगा दी। हमले में लेखपाल रजनीश मिश्र, संदीप कुमार, लक्कमुदीन समेत 6 राजस्व कर्मचारी घायल हो गए, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भेजा गया। पुलिस और प्रशासन की टीम ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। सीओ दीपक शुक्ला के नेतृत्व में खुखुंदू, सलेमपुर और लार पुलिस की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया गया और भूखंड को कब्जा मुक्त करा लिया गया। आग से किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई। तहसीलदार अलका सिंह ने बताया कि कार्रवाई में अवरोध उत्पन्न करने के लिए महिलाएं डंडे में आग लगाकर दौड़ा रही थीं। जिन्हें महिला पुलिस ने समय रहते काबू कर लिया। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं सीओ सलेमपुर दीपक शुक्ल ने बताया कि लेखपाल अजय चौधरी की तहरीर पर 15 उपद्रवियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

अतिक्रमण हटाने गई राजस्व टीम पर पथराव: 6 कर्मचारी घायल, महिलाओं ने किया हमला, खुद झोपड़ियों में लगाई आग
राजस्व विभाग की टीम के साथ हुए इस ताजा घटना ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है। अवैध अतिक्रमण को हटाने के दौरान, स्थानीय महिलाओं ने उन पर पथराव किया, जिससे छह सरकारी कर्मचारी घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन हालात बेकाबू होते गए।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब राजस्व टीम ने स्थानीय क्षेत्रों में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। जैसे ही टीम ने कार्यवाही करना शुरू किया, स्थानीय महिलाएं नाराज हो गईं और उन पर पथराव करने लगीं। इस दौरान कुछ कर्मचारियों को गंभीर चोटें आईं। ऐसे समय में आगजनी की घटना भी देखने को मिली, जब कुछ महिलाओं ने अपने स्वयं के झोपड़ियों में आग लगा दी।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय निवासियों के बीच आंतरिक विवाद उत्पन्न कर दिया है। कुछ का कहना है कि उन्हें न्याय की आवश्यकता है, जबकि अन्य हैं जो सरकारी कार्रवाई का समर्थन करते हैं। स्थानीय नेताओं ने इस मुद्दे पर बातचीत करने का आग्रह किया है ताकि इस तरह की हिंसा को रोका जा सके।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
इस मामले के बाद, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए त्वरित जवाब दिया। घायल कर्मचारियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, और घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। प्रशासन ने स्थानीय समुदाय से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया है।
समापन विचार
यह घटना बताती है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया कभी-कभी कितना संवेदनशील हो सकती है। सरकारी कर्मचारियों का कार्य कठिनाइयों और संघर्षों से भरा होता है, और ऐसे हालात में सटीकता और मानवीय संवेदनाओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए, स्थानीय प्रशासन को अधिक संवेदनशीलता और संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। केवल तभी हम एक शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
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