अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले-हमने ग्रेटा को झेला, आप मस्क को झेलिए:यूरोपीय देशों पर फ्री स्पीच को कमजोर करने का आरोप लगाया

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जर्मनी से कहा है कि जैसे अमेरिका ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की आलोचनाओं को सहा था, वैसे ही वे भी इलॉन मस्क की आदत डाल लें। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने गए वेंस ने शुक्रवार को कहा कि जब अमेरिकी लोकतंत्र 10 साल से थनबर्ग की आलोचना झेल सकता है, तो आप भी मस्क को कुछ महीने झेल सकते हैं। दरअसल, जर्मन नेता मस्क पर यूरोपीय चुनाव को प्रभावित करने और दक्षिणपंथी पार्टी AFD का समर्थन करने का आरोप लगा रहे हैं। वेंस ने यूरोपीय नेताओं पर फ्री स्पीच को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। फ्री स्पीच को रोकना- लोकतंत्र को खत्म करने का तरीका वेंस ने कहा कि यूरोप को सबसे बड़ा खतरा रूस और चीन से नहीं है, बल्कि खुद ‘यूरोप’ से है। वेंस ने अपने 20 मिनट के भाषण में जर्मनी, ब्रिटेन समेत कई सहयोगी यूरोपीय देशों की आलोचना की। उपराष्ट्रपति ने कहा- यूरोपीय देशों में सोशल मीडिया को सेंसर किया जा रहा है। मेरा मानना है कि मीडिया पर दबाव बनाना, लोगों की चिंताओं की परवाह न करना, चुनाव में हस्तक्षेप करने जैसी चीजें लोकतंत्र को खत्म करने का पक्का तरीका है। उन्होंने यूरोपीय देशों पर चुनावों में हस्तक्षेप करने और ईसाइयों के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उनके पूरे भाषण के दौरान हॉल में सन्नाटा छाया रहा। वेंस ने अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को वाशिंगटन डीसी का नया शेरिफ (हाकिम) बताया। वेंस ने स्वीडन और रोमानिया की भी आलोचना की वेंस ने रोमानिया की भी आलोचना की। इस यूरोपीय देश ने रूसी हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए दिसंबर में चुनाव रद्द कर दिया था। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कुरान जलाने वाले शख्स को अपराधी बताने के लिए स्वीडन की भी आलोचना की। वेंस ने यूरोपीय देशों की सरकार पर अपने मूल्यों से पीछे हटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूरोप अप्रवासी चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। वेंस ने यूरोपीय देशों से अप्रवासन पर रास्ता बदलने की अपील की। उनकी यह टिप्पणी म्यूनिख में एक 24 साल के अफगान शख्स को कार से टक्कर मारने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद आई, जिसमें 36 लोग घायल हो गए थे। वेंस ने पूछा कि हमें कितनी बार और ऐसी घटनाएं देखनी होंगी। वेंस ने कहा- यह एक भयानक कहानी है। दुर्भाग्य से हम इसे कई बार यूरोप में होते देख चुके हैं। अमेरिका की भी यही कहानी है। एक शरणार्थी जो उम्र के तीसरे दशक में है। जो पहले से अपराध कर चुका है और भीड़ में कार घुसा देता है और दूसरे धर्म के लोगों को मारने की कोशिश करता है। वेंस बोले- अपनी सुरक्षा पर काम करे यूरोपीय देश वेंस ने अप्रवासी चिंता पर ध्यान न देकर लोकलुभावन वादे करने वाली पार्टियों पर भी सवाल उठाए। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए। वेंस ने कहा कि यूरोप का एक भी वोटर ने उन लाखों अप्रवासियों को देश में शरण देने के लिए वोट नहीं दिया है। वेंस ने जर्मनी की दक्षिणपंथी पार्टी (AFD) की अछूत करार देने के लिए बाकी पार्टियों की आलोचना की। उन्होंने इस राजनीतिक अलगाव को ‘फायरवाल’ बताया। वेंस ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों की आवाज मायने रखती है। यह इसी पर टिका है। फायरवाल के लिए लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। अमेरिकी उपराष्ट्रति के बयान से नाराज हुए जर्मन नेता वेंस की इस धमकी जर्मनी के कई नेता नाराज हो गए हैं। जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने कहा ऐसे आरोपों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। पिस्टोरियस ने कहा कि AfD जर्मनी में किसी भी अन्य राजनीतिक दल की तरह ही अपना प्रचार करने और अपने मैसेज देने के काबिल है। हालांकि उन्होंने इस पार्टी को चरमपंथी बताया। उन्होंने कहा पिस्टोरियस ने कहा कि लोकतंत्र को उन चरमपंथियों से खुद का बचाव करने के काबिल होना चाहिए जो इसे नष्ट करना चाहते हैं।

Feb 15, 2025 - 19:59
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अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले-हमने ग्रेटा को झेला, आप मस्क को झेलिए:यूरोपीय देशों पर फ्री स्पीच को कमजोर करने का आरोप लगाया
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जर्मनी से कहा है कि जैसे अमेरिका ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेट

अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले-हमने ग्रेटा को झेला, आप मस्क को झेलिए: यूरोपीय देशों पर फ्री स्पीच को कमजोर करने का आरोप लगाया

इस सप्ताह, अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने एक उल्लेखनीय बयान दिया जिसमें उन्होंने ग्रेटा थुनबर्ग के संघर्ष पर जोर दिया और यूरोपीय देशों पर फ्री स्पीच को कमजोर करने का आरोप लगाया। उनका वितरित संवाद पर्यावरण परिवर्तन और सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं के प्रति समर्थन को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "हमने ग्रेटा को झेला, अब आप इला को झेलिए," जो कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर स्टीव जॉब्स और एलोन मस्क जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों के बारे में था।

फ्री स्पीच का महत्व

उपराष्ट्रपति ने फ्री स्पीच के महत्व पर कमेंट करते हुए यह संकेत दिया कि कई यूरोपीय देशों में विचारों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा रहा है। उन्होंने खुलकर कहा कि छोटे समूह या व्यक्तियों को अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए। उनका यह बयान यूरोप के भीतर विचारों की अभिव्यक्ति की स्थिति को उजागर करता है और समाज में इसके प्रभाव को दर्शाता है।

ग्रेटा थुनबर्ग का उल्लेख

ग्रेटा थुनबर्ग पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनके कार्यों ने अक्सर वैश्विक नेताओं की नीतियों को चुनौती दी है। उपराष्ट्रपति के बयान की चर्चा ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि क्या प्रभावशाली व्यक्तियों का अपने विचार व्यक्त करना लोकतंत्र को कमजोर करता है या इसे सशक्त बनाता है।

एलोन मस्क का संदर्भ

एलोन मस्क, जिन्होंने ट्विटर जैसे प्लेटफार्मों के द्वारा विचारों को चुनौती दी है, उपराष्ट्रपति की टिप्पणियों में एक महत्वपूर्ण संदर्भ बने। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने लोगों को उनके विचारों से निपटने की चेतावनी दी, यह दर्शाते हुए कि फ्री स्पीच में कठिनाईयाँ आ सकती हैं।

समर्थकों और आलोचकों के बीच यह विषय चर्चा का कारण बन गया है, जिससे नीति निर्धारण प्रभावित हो सकता है। नागरिकों की सक्रियता, उनके विचारों का आदान-प्रदान और सुनवाई की प्रक्रियाएँ लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

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सारांश

यह स्थिति फ्री स्पीच और विचारों की अभिव्यक्ति के महत्व पर सवाल उठाती है। उपराष्ट्रपति का बयान न केवल अमेरिका में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विचाराधीन मुद्दों को रोशन करता है। इसके परिणामस्वरूप, हमें समझना होगा कि समाज में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या महत्व है और इसे कैसे बनाए रखा जाए। Keywords: अमेरिकी उपराष्ट्रपति संवाद, ग्रेटा थुनबर्ग, एलोन मस्क, फ्री स्पीच, विचारों की स्वतंत्रता, यूरोपीय देश, अमेरिकी राजनीति, सोशल मीडिया प्रभाव, पर्यावरणीय न्याय, विचारधारा की चुनौती.

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