अमेरिकी संसद में प्रस्ताव, जनवरी को तमिल लेंग्वेज मंथ बनाएं:भारतवंशी सांसद ने पेश किया; भारत विरोधी इल्हान उमर ने भी समर्थन किया
अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने जनवरी महीने को तमिल लेंग्वेज और हेरिटेज मंथ के तौर मनाने के लिए मंगलवार को संसद में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पेश करने के बाद राजा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि- एक तमिल अमेरिकी के रूप में, मुझे अमेरिका और दुनिया भर में तमिल भाषा, विरासत और संस्कृति का सम्मान करने वाले इस प्रस्ताव को पेश करने पर गर्व है। पोंगल के मौके पर पेश किए गए इस प्रस्ताव के समर्थन 14 सांसदों का एक ग्रुप भी राजा के साथ था। समर्थन करने वालों में 5 भारतवंशी सांसद रो खन्ना, अमी बेरा, श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और सुहास सुब्रमण्यम भी शामिल थे। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में भारत विरोधी इल्हान उमर भी शामिल भी रहीं। इल्हान कश्मीर के मुद्दे पर भारत विरोधी रुख रखती हैं और पाकिस्तान का समर्थन कर चुकी हैं। अमेरिका में तमिल भाषियों की तादाद 3.6 लाख राजा कृष्णमूर्ति ने संसद में पेश किए प्रस्ताव में बताया कि दुनिया भर में तमिल बोलने वालों की तादाद 8 करोड़ है। इनमें से 3.6 लाख अमेरिकी है। राजा ने लिखा कि इन लोगों के पोंगल का त्योहार बेहद खास है।प्रस्ताव में सांसद ने जिक्र किया कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। अमेरिका में तमिल भाषियों से जुड़ी संस्था तमिल अमेरिकन्स यूनाइटेड ने इस प्रस्ताव के लिए राजा कृष्णमूर्ति का धन्यवाद किया। संस्था ने तमिल अमेरिकियों से इस प्रस्ताव को पास कराने में सहयोग करने के लिए कहा है। एक दूसरी संस्था फेडरेशन ऑफ तमिल संगम ऑफ नॉर्थ अमेरिकन (FeTNA) ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया। संस्था ने कहा कि हम तमिलों के पास इस देश में योगदान के लिए बहुत कुछ है, हम इसे अपना घर कहते हैं। कौन है राजा कृष्णमूर्ति राजा कृष्णमूर्ति डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता है। वे 2017 में पहली बार अमेरिकी राज्य इलिनॉयस के एक जिले से सांसद के तौर पर चुने गए थे। उन्हें हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव दो समितियों का सदस्य भी बनाया गया था। राजा का जन्म 1973 में दिल्ली में हुआ था। वे बचपन में ही अमेरिका चले गए थे। उन्होंने वहां प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और हार्वर्ड लॉ स्कूल से कानून की डिग्री हासिल की। सांसद बनने से पहले वे इलिनॉयस के डिप्टी ट्रेजरर के तौर पर काम कर चुके हैं।
अमेरिकी संसद में प्रस्ताव, जनवरी को तमिल लेंग्वेज मंथ बनाएं
भारतवंशी सांसद ने अमेरिकी संसद में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसमें जनवरी महीने को तमिल लेंग्वेज मंथ के रूप में मनाने का आग्रह किया गया है। इस प्रस्ताव का समर्थन अमेरिका के कई राजनीतिक सदस्यों द्वारा किया गया है, जिसमें भारत विरोधी भावना के लिए जानी जाने वाली इल्हान उमर का नाम भी शामिल है। यह प्रस्ताव न केवल भारतीय मूल के लोगों की भाषा और संस्कृति को सम्मानित करेगा, बल्कि यह विभिन्न जातीय समुदायों के बीच आपसी समझ को भी बढ़ावा देगा।
महत्व और उद्देश्य
इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य तमिल भाषा और संस्कृति की समृद्धि को प्रदर्शित करना है। सांसद का मानना है कि तमिल केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह एक धरोहर है, जो कई siglos से भारतीय सभ्यता का एक अनिवार्य हिस्सा रही है। इस प्रस्ताव के माध्यम से, यह उम्मीद है कि अमेरिकी समाज में तमिल समुदाय के योगदान को समझा जाएगा और इसे और अधिक मान्यता मिलेगी।
इल्हान उमर का समर्थन
दिलचस्प बात यह है कि इस प्रस्ताव का समर्थन कर रही इल्हान उमर ने अपने भाषण में कहा कि भाषाई विविधता को मनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा, "हर भाषा का अपना महत्व है और यह हमें आपस में जोड़ती है।" उनके समर्थन से इस प्रस्ताव को और अधिक मजबूती मिली है, और यह उम्मीद जगाई है कि यह अन्य सदस्यों द्वारा भी समर्थन पाएगा।
भविष्य की योजनाएँ
यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो तमिल भाषा के प्रति समर्पित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, भाषाई कार्यशालाओं और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह सभी सामुदायिक समूहों को एक साथ लाने में सहायक होगा और अमेरिकी समाज में विविधता और समर्पण को बढ़ावा देगा।
निष्कर्ष
अमेरिकी संसद में पेश किया गया यह प्रस्ताव एक विशेष अवसर है, जो तमिल भाषा और संस्कृति को प्रमुखता देने का प्रयास करता है। यह केवल भारतीय समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि सभी अमेरिकी नागरिकों के लिए एक समान भाषा और सांस्कृतिक समझने का अवसर प्रदान करता है। भविष्य में, इस प्रकार के प्रस्ताव अन्य भाषाओं और संस्कृतियों के लिए भी उदाहरण बन सकते हैं।
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