आज जारी होंगे दिसंबर की महंगाई दर के आंकड़े:इसमें देखने को मिल सकती है गिरावट, नवंबर में ये 5.48% पर थी
आज यानी 13 जनवरी को दिसंबर महीने के रिटेल महंगाई दर के आंकडे जारी होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस महीने महंगाई में गिरावट देखने को मिल सकती है। इससे पहले नवंबर में खाने-पीने की चीजों के दाम कम होने से महंगाई घटकर 5.48% पर आ गई थी। अक्टूबर में ये 6.21% पर पहुंच गई है। ये महंगाई का 14 महीनों का उच्चतम स्तर था। अगस्त 2023 में महंगाई दर 6.83% रही थी। कैसे प्रभावित करती है? महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी। महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मेन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।

आज जारी होंगे दिसंबर की महंगाई दर के आंकड़े
आज देश के आर्थिक माहौल में एक महत्वपूर्ण घटना घटित होने जा रही है। दिसंबर की महंगाई दर के आंकड़े आज जारी किए जाएंगे। यह जानकारी सभी नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर समझना चाहते हैं। महंगाई दर में बदलाव, खासकर जब यह गिरावट को दर्शाती है, तो यह आम लोगों के लिए राहत का कारण बन सकती है।
महंगाई दर के पिछले आंकड़े
नवंबर में, महंगाई दर 5.48 प्रतिशत थी, जो कि पिछले कुछ महीनों में एक स्थिर स्थिति बताती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था कुछ स्थिरता की ओर अग्रसर है। दिसंबर के आंकड़े, खासकर जब विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें कमी देखने को मिल सकती है, यह निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए सकारात्मक संकेत हो सकते हैं।
गिरावट के संभावित कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, महंगाई दर में संभावित गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। पहले, क्रिसमस और नववर्ष के मौसम में खरीददारी का बढ़ना, जिसके कारण आवश्यक वस्तुओं की मांग में कमी हो सकती है। इसके अलावा, कीमती धातुओं के भावों में स्थिरता और कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी महंगाई दर को प्रभावित कर रही है।
महंगाई दर की भविष्यवाणी
आने वाले महीनों में महंगाई दर के आंकड़ों में गिरावट जारी रह सकती है, यदि वर्तमान ट्रेंड बने रहते हैं। यदि दिसंबर के आंकड़े उम्मीदों से मेल खाते हैं, तो यह भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति निर्णयों पर भी प्रभाव डाल सकता है। इसके चलते, ब्याज दरों में बदलाव का संभावित खतरा भी कम होगा, जो कि आर्थिक बढ़ोतरी के लिए आवश्यक है।
महिलाओं और परिवारों पर प्रभाव
महंगाई दर में गिरावट का सबसे सकारात्मक प्रभाव उन परिवारों पर पड़ेगा जो अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जैसे-जैसे महंगाई दर कम होती है, लोगों की खरीदने की क्षमता बढ़ती है, जिससे बाजार में सकारात्मक गतिशीलता आएगी।
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