कर्मचारियों की कमी से परेशान वकील:खतौनी कार्यालय में अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन, एसडीएम को दिया ज्ञापन

कोंच तहसील के खतौनी कार्यालय में कर्मचारियों की भारी कमी ने वादकारियों और वकीलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नामांतरण प्रक्रिया में देरी और कामकाज के बोझ तले दबे एकमात्र संविदा कर्मी के चलते समस्याएं विकराल हो गई हैं। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने मंगलवार को तहसील परिसर में प्रदर्शन कर एसडीएम ज्योति सिंह को ज्ञापन सौंपा। वकीलों ने समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की है। कोंच बार एसोसिएशन के महामंत्री दीनानाथ निरंजन ने बताया कि खतौनी कार्यालय में केवल एक संविदा कर्मी तैनात है, जो पर्चा शुल्क जमा करने, खतौनी निकालने, मोहर लगाने, रजिस्टर में दर्ज करने और वितरण का पूरा कार्य करता है। इस प्रक्रिया में अधिक समय लगने से किसानों और वादकारियों को घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है। सर्दी के कारण कई किसान बीमार भी हो रहे हैं। निबंधन कार्यालय में बैनामा होने के बाद नामांतरण प्रक्रिया शुरू होने में ही 3-4 महीने का समय लग जाता है। इसके बाद भी नामांतरण पूरा होने में 45 दिन और लगते हैं। इस देरी से खरीदारों को न केवल असुविधा होती है, बल्कि कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। अधिवक्ताओं ने बताया कि तहसीलदार और उपजिलाधिकारी के न्यायालय से पारित आदेश के बाद भी नामांतरण खतौनी में दर्ज होने में 3-4 महीने का समय लग रहा है। इसके अलावा, न्यायालय द्वारा निस्तारित फाइलों की सूची उपलब्ध नहीं होने से आदेश की पक्की नकल लेना भी मुश्किल हो गया है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि निर्वतमान और वर्तमान आरके अपनी-अपनी निस्तारित फाइलें घर ले गए हैं, जिससे वादकारियों और वकीलों को काफी परेशानी हो रही है। बार एसोसिएशन ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि खतौनी कार्यालय में तीन अतिरिक्त कर्मचारियों की तुरंत नियुक्ति की जाए। इसके अलावा, नामांतरण और खतौनी से जुड़ी समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। एसडीएम ज्योति सिंह ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों से जल्द ही आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने की बात कही।

Jan 8, 2025 - 18:40
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कर्मचारियों की कमी से परेशान वकील:खतौनी कार्यालय में अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन, एसडीएम को दिया ज्ञापन
कोंच तहसील के खतौनी कार्यालय में कर्मचारियों की भारी कमी ने वादकारियों और वकीलों की मुश्किलें ब

कर्मचारियों की कमी से परेशान वकील

खतौनी कार्यालय में वकीलों ने हाल ही में कर्मचारियों की कमी के कारण प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनकी समस्याओं और मांगों का विस्तृत विवरण दिया गया। News by indiatwoday.com से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये वकील लंबे समय से कार्यों में देरी और असुविधाओं का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें अपने ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करने में मुश्किलें आ रही हैं।

प्रदर्शन के मुख्य कारण

वकीलों का कहना है कि खतौनी कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है, जिससे उन्हें दैनिक कार्यों को पूरा करने में कठिनाई हो रही है। वकीलों ने यह भी उल्लेख किया कि कर्मचारियों की कमी के कारण न्यायालयों में मामलों की सुनवाई में विलंब हो रहा है। इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, वकीलों ने एकजुट होकर प्रदर्शन का निर्णय लिया।

ज्ञापन का सारांश

ज्ञापन में वकीलों ने मांग की है कि कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए और कार्यालय की कार्यप्रणाली को सुविधाजनक बनाया जाए। वकीलों ने बताया कि उचित संख्या में कर्मचारियों के बिना वे अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। साथ ही, उन्होंने स्थानीय प्रशासन से इसे प्राथमिकता के रूप में देखने की अपील की है।

स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने वकीलों की चिंताओं को समझने और इसका समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य केवल कर्मचारियों की कमी को उजागर करना नहीं है, बल्कि वकीलों और ग्राहकों के बीच न्यायालयिक प्रक्रिया में सुधार लाना भी है। यह समस्या न केवल वकीलों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अगले कदमों और प्रस्तावित समाधानों पर चर्चा करने के लिए वकील और प्रशासन के बीच और संवाद होने की उम्मीद है। News by indiatwoday.com पर ताजा अपडेट के लिए बने रहें।

निष्कर्ष

कर्मचारियों की कमी एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान जल्दी ही निकलना आवश्यक है। वकीलों की यह एकजुटता इस बात का प्रमाण है कि वे पूरी तरह से अपने ग्राहकों की सेवा में प्रतिबद्ध हैं और उचित संसाधनों की मांग कर रहे हैं। Keywords: वकील प्रदर्शन, खतौनी कार्यालय की समस्या, कर्मचारियों की कमी, अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन, एसडीएम को ज्ञापन, स्थानीय प्रशासन प्रतिक्रिया, विधिक सेवाएँ, न्यायालय सुनवाई में देरी, वकीलों की चिंताएँ, कार्यालय कार्यप्रणाली, समस्याओं का समाधान.

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