कासगंज में भाकियू का विरोध-प्रदर्शन:पुलिस पर किसानों के शोषण का आरोप, मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
कासगंज में भारतीय किसान यूनियन स्वराज गुट के किसानों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। किसानों का कहना है कि एसपी अंकिता शर्मा उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं देतीं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर अपने पद का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस की मनमानी से जिले की कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। जिले में लूट, चोरी और महिला उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। मादक पदार्थों की बिक्री और अवैध खनन भी जारी है। थानों में बनावटी अपराध दर्ज किए जा रहे हैं। यातायात पुलिस चालान के नाम पर अवैध वसूली कर रही है। किसानों ने बताया कि एसपी कार्यालय में पीड़ितों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। ऑनलाइन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल और उत्तर प्रदेश सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि एसपी की कार्यशैली से गांव, गरीब, किसान और मजदूरों में भय का माहौल है। इससे शासन की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।

कासगंज में भाकियू का विरोध-प्रदर्शन
कासगंज में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन ने हाल के दिनों में स्थानीय किसान समुदाय की आवाज को एक बार फिर से उठा दिया है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य स्थानीय पुलिस पर किसानों के शोषण का आरोप लगाना है। किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें भी स्पष्ट की हैं। यह घटना स्थानीय मीडिया में प्रमुखता से छाई हुई है और किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न कर रही है।
प्रदर्शन का उद्देश्य
किसानों ने अपने अधिकारों की रक्षा और पुलिस की कथित ज्यादती के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इस प्रदर्शन का आयोजन किया। भाकियू के नेताओं ने बताया कि पुलिस द्वारा किसानों को परेशान किया जा रहा है, जो कि उनकी मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की है, जिसमें उचित मूल्यों की गारंटी और पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग शामिल है।
ज्ञापन की मुख्य मांगें
ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया है, जिसमें किसानों के लिए उचित राहत पैकेज की मांग, पुलिस सुधार और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता शामिल है। किसानों का कहना है कि बिना कोई कारण बताये उन्हें गिरफ्तार करना और उनका उत्पीड़न करना अत्यंत ही अन्यायपूर्ण है। ज्ञापन को सौंपने के दौरान किसानों ने अपनी एकजुटता दिखाई और कहा कि वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
प्रदर्शन का प्रभाव
यह प्रदर्शन न केवल कासगंज में बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों के किसानों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। भाकियू के सदस्यों ने इसे एक ऐतिहासिक प्रदर्शन बताया, जिसमें किसानों ने एकजुट होकर अपनी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास किया है। भविष्य में इसी तरह के और भी प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है जब तक कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती।
इस प्रकार, उप्र के कासगंज में भाकियू का यह विरोध-प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण घटना है, जो किसानों की वर्तमान स्थिति को उजागर करता है और उनके अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई को दर्शाता है।
इस प्रकार की घटनाओं के लिए सरकारी अभिव्यक्ति में सुधार की आवश्यकता है, ताकि किसान समुदाय की समस्याओं का समाधान हो सके। भविष्य के लिए हमें इन मुद्दों पर चर्चा कराने और समाधान निकालने की rigorously आवश्यकता है।
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