हिमाचल में ठेकेदारों का प्रदर्शन:31 मार्च को भी पेमेंट नहीं मिली, 21 अप्रैल तक का अल्टीमेटम, फिर भी नहीं मिली आमरण अनशन की चेतावनी
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में ठेकेदारों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। PWD ठेकेदारों ने शुक्रवार को मंडी में प्रदर्शन किया और शहर में रैली निकालकर अपना रोष जाहिर किया। दरअसल, PWD ठेकेदारों को काफी समय से उनकी बकाया पेमेंट का भुगतान नहीं किया जा रहा है। हैरानी इस बात की है कि इस बार 31 मार्च को भी ठेकेदारों को पेमेंट नहीं दी गई। इससे प्रदेशभर में ठेकेदार मायूस है। बीते साल भी ट्रेजरी में लगाया था होल्ड राज्य सरकार ने बीते साल भी 21 नवंबर को ट्रेजरी में होल्ड लगाया था। इसके बाद कई जगह PWD ठेकेदारों ने प्रदर्शन किया और ज्यादातर विकास कार्य बंद कर दिए थे। तब जाकर फरवरी माह में लगभग 600 करोड़ रुपए की पेमेंट का कुछ ठेकेदारों को भुगतान किया। मगर अभी भी PWD ठेकेदारों की 1000 करोड़ से ज्यादा की राशि लंबित बताई जा रही है। इसे जल्द जारी करने की मांग को लेकर ठेकेदार यूनियन का प्रतिनिधिमंडल डीसी मंडी अपूर्व देवगन से मिला और एक ज्ञापन सौंपा। मजदूरों की दिहाड़ी देना हुआ मुश्किल इस दौरान ठेकेदारों ने डीसी मंडी को बताया कि मजदूरों की दिहाड़ी का भुगतान करना, ठेकेदारी में इस्तेमाल गाड़ियों व मशीनरी की ईएमआई चुकाना, घर का निकालना और बच्चों की पढ़ाई करना अब मुश्किल हो गया है। एक ठेकेदार के पास 15 से 20 मजदूर काम करते है। यानी इतने परिवारों की रोजी रोटी का इंतजाम एक ठेकेदार पर निर्भर रहता है। 31 मार्च को भी भुगतान नही बता दें कि विभिन्न सरकारी विभागों में काम करने वाले ठेकेदारों को हर साल 31 मार्च तक उन्हें 70 से 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया जाता था। मगर इस बार 31 मार्च को भी भुगतान नहीं किया गया। इससे ठेकेदार परेशान है। ठेकेदारों ने चेतावनी दी है यदि 21 अप्रैल तक भुगतान नहीं किया गया तो वे परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे।

हिमाचल में ठेकेदारों का प्रदर्शन: 31 मार्च को भी पेमेंट नहीं मिली, 21 अप्रैल तक का अल्टीमेटम
हिमाचल प्रदेश में ठेकेदारों ने अपने बकाया भुगतान को लेकर बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया है। ठेकेदारों का कहना है कि उन्हें पिछले कई महीनों से उनके काम का भुगतान नहीं मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने 31 मार्च की तिथि को रेखांकित किया है, जब उनकी पेमेंट अभी तक लंबित थी।
अल्टीमेटम और चेतावनी
ठेकेदारों ने सरकार को एक अल्टीमेटम दिया है कि अगर 21 अप्रैल तक उनका बकाया भुगतान नहीं किया जाता है, तो वे आमरण अनशन शुरू करेंगे। उनका कहना है कि भुगतान की अनुपस्थिति से न केवल उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है, बल्कि उनके परिवारों की भलाई भी संकट में है। ठेकेदारों का यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
सरकारी प्रतिक्रियाएँ
इस प्रदर्शन के बाद, स्थानीय प्रशासन ने ठेकेदारों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द से जल्द समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। हालांकि, ठेकेदारों का मानना है कि इसकी आवश्यकता नहीं, बल्कि तात्कालिक कार्रवाई जरूरी है।
प्रदर्शन के कारण और प्रभाव
हिमाचल प्रदेश में ये ठेकेदार न केवल सामुदायिक सेवाएँ प्रदान करते हैं, बल्कि राज्य के विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके काम के बिना, कई विकासात्मक प्रोजेक्ट्स ठप हो सकते हैं। ठेकेदारों का यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि यदि सरकार समय पर उचित उपाय नहीं करती है, तो यह समस्या और बढ़ सकती है।
क्षेत्र में चिंता का माहौल
इस आंदोलन के चलते क्षेत्र के अन्य श्रमिक वर्गों में भी चिंता का माहौल है। उन्हेंFear है कि यदि ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की हलचल का कारण बन सकता है। हर कोई यही चाहता है कि स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो।
इसलिए, पूरे हिमाचल प्रदेश की नज़र इस मुद्दे पर है, और सभी आशा करते हैं कि सरकार ठेकेदारों की समस्याओं का पर्याप्त समाधान जल्द करने में सक्षम होगी।
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