हिमाचल की चंद्रा नदी में डूबा झारखंड का टूरिस्ट:72 घंटे बाद भी सुराग नहीं, 5 टीमें कर रही तलाश; दूसरे दोस्त का शव बरामद
हिमाचल में लाहौल-स्पीति के पर्यटन स्थल सिस्सू में चंद्रा नदी में डूबे पर्यटक का 75 घंटे से अधिक बीतने के बाद भी सुराग नहीं लग पाया है। झारखंड के नदी में डूबे युवक की तलाश के लिए स्थानीय प्रशासन ने पांच टीमें लगाई हैं, जो कि घटना स्थल से आगे 2 किलोमीटर के एरिया में तलाश कर चुकी है। आज दो किलोमीटर से आगे के एरिया में लापता युवक सामर्थ की तलाश की जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने लापता युवक की तलाश के लिए सुंदरनगर के गोताखोरों की टीमें बुलाई है। डीएसपी केलांग राज कुमार ने बताया कि सर्च ऑपरेशन में पुलिस और क्यूआरटी की तीन टीमें और स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं। गोताखोर तीन दिन से बर्फ वाले ठंडे पानी में डुबकियां लगाकर लापता युवक को खोज रहे हैं। जिस जगह पर हादसा हुआ था, उससे दो किलोमीटर आगे का पूरा एरिया छान लिया गया है। मगर अब तक सामर्थ का कोई सुराग नहीं लग पाया है। लापता सामर्थ झारखंड के मेन रोड रातो रांची का रहने वाला है। 6 अप्रैल को हुआ था हादसा, एक का उसी दिन शव बरामद बता दें कि बीते 6 अप्रैल को सिस्सू में झारखंड के दो युवक सिस्सू नदी पर लोहे की पुरानी पुलिया पर चढ़ गए थे। इस दौरान एक का पांव फिसल गया। दूसरे ने उसे बचाने की कोशिश की और दोनों चंद्रा नदी में बह गए। एक युवक का शव घटना स्थल से करीब 100 मीटर दूरी पर मिल गया। मगर दूसरे युवक को मौके पर मौजूद लोगों ने 200 मीटर तक नदी में बहते हुए हुए देखा। इसके बाद वह नदी में पूरी तरह डूब गया। तब वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन चला रखा है। जिस युवक का नदी से शव बरामद किया गया, उसकी पहचान अमर कुमार (19) झारखंड के तौर पर हुई है। लापता युवक के मिलने तक जारी रहेगा सर्च ऑपरेशन डीएसपी केलांग राज कुमार ने बताया कि सर्च अभियान लापता युवक के मिलने तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि गोताखोर लापता युवक को ढूंढने की कोशिश में जुटे हैं।

हिमाचल की चंद्रा नदी में डूबा झारखंड का टूरिस्ट: 72 घंटे बाद भी सुराग नहीं
चंद्रा नदी, जो हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत घाटियों के बीच बहती है, हाल ही में एक दुखद घटना का गवाह बनी। झारखंड के एक पर्यटक के डूब जाने की खबर से सभी को सदमा लगा है। यह घटना तीन दिन पहले की है, जब एक समूह चंद्रा नदी के किनारे घूम रहा था। इस दौरान एक व्यक्ति नदी में डूब गया, जबकि उसके दो दोस्तों ने उसकी मदद करने की कोशिश की। अफसोस की बात यह है कि उनके प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
तलाशी अभियान की स्थिति
घटना के 72 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, डूबे हुए पर्यटक का कोई सुराग नहीं मिला है। बचाव टीमों में पांच अलग-अलग टीमें शामिल हैं, जो नदी और उसके आसपास के क्षेत्रों में खोजबीन कर रही हैं। सुराग की तलाश में हरसंभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन नदी का बहाव और गहराई इसके लिए चुनौतीपूर्ण है।
दूसरे दोस्त का शव बरामद
हालांकि, एक अन्य दोस्त का शव सुरक्षा बलों द्वारा बरामद कर लिया गया है। यह बहुत ही दुखद स्थिति है, जो परिवार और दोस्तों के लिए एक भारी भावनात्मक आघात है। इस घटना ने पर्यटकों के लिए सुरक्षा के संभावित मुद्दों को भी उजागर किया है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षित पर्यटक गतिविधियों की आवश्यकता की गतिकी और अधिक बढ़ गई है।
स्थानीय सहानुभूति और समर्थन
स्थानीय प्रशासन ने इस स्थिति में समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया है। प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं और प्रशासन ने कहा है कि वह अपनी पूरी कोशिश करेगा ताकि अन्य संभावित घटनाओं से बचने के लिए सुझाव दिए जा सकें।
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निष्कर्ष
चंद्रा नदी में इस दुखद घटना ने हमें फिर से याद दिलाया है कि प्राकृतिक सौंदर्य कभी-कभी खतरनाक भी हो सकता है। हमें सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और संकट के समय में एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। Keywords: हिमाचल प्रदेश चंद्रा नदी, झारखंड टूरिस्ट डूबा, 72 घंटे, शव बरामद, बचाव अभियान, पर्यटक सुरक्षा, नदी में डूबने की घटना, हिमाचल टूरिज्म, चंद्रा नदी खोजबीन, स्थानीय प्रशासन की सहानुभूति, News by indiatwoday.com
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