विनेश फोगाट ने 4 करोड़ रुपए का ऑफर स्वीकारा:प्लाट या सरकारी नौकरी नहीं ली; हरियाणा CM ने रेसलर को 3 चॉइस दी थी
कांग्रेस MLA रेसलर विनेश फोगाट ने हरियाणा की BJP सरकार का 4 करोड़ रुपए लेने का ऑफर स्वीकार कर लिया है। सरकार की तरफ से उन्हें तीन च्वाइस दी गई थी- सरकारी नौकरी या प्लाट या 4 करोड़ कैश। इसमें से विनेश ने 4 करोड़ कैश अवॉर्ड को लेकर सहमति दी है। हालांकि विनेश फोगाट ओलिंपिक से बिना मेडल ही देश लौटी थीं। बाद में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बन गई हैं। कैश अवॉर्ड को लेकर विनेश फोगाट का सहमति का पत्र खेल विभाग को मिल चुका है। उन्हें राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बता दें कि विनेश 2024 के पेरिस ओलिंपिक में फाइनल मुकाबले तक पहुंची थीं। हालांकि 100 ग्राम बढ़े वजन की वजह से वह फाइनल मुकाबला खेलने से पहले ही बाहर हो गईं। जिसके बाद CM नायब सैनी ने विनेश का सिल्वर मेडलिस्ट जैसा सम्मान करने का ऐलान किया था। हालांकि जब कुछ नहीं मिला तो विनेश ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा था कि सरकार ने उन्हें सिल्वर मेडल के बराबर सम्मान देने घोषणा की थी। 8 माह बीत गए लेकिन कुछ नहीं मिला। जिसके बाद CM नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट मीटिंग के बाद राज्य की 2019 की कैश अवॉर्ड की खेल पॉलिसी के अनुसार विनेश को सरकारी नौकरी या HSVP का प्लाट या 4 करोड़ का कैश अवॉर्ड में से कोई एक विकल्प चुनने का ऑफर दिया था। विनेश को 4 करोड़ मिलने का रास्ता कैसे बना? विनेश ने विधानसभा में कहा था- बात पैसे की नहीं, सम्मान की इसी साल मार्च में विधानसभा का बजट सत्र था। तब विनेश ने कहा- "जब मैं पेरिस गई तो फाइनल में पहुंची। उसके बाद जो हुआ वो परमात्मा की मर्जी थी, और मैंने उसे स्वीकार कर लिया है। उस समय हमारे सीएम ने ऐलान किया था कि विनेश हमारी बेटी है और उसे सिल्वर मेडल का सम्मान दिया जाएगा। आज सदन में आप भी बैठे हैं, मैं भी बैठी हूं। लोगों को पता होना चाहिए कि सच्चाई क्या है। आपने अपना वादा पूरा नहीं किया है। सर, आपके सभी विधायक बोल रहे हैं कि आपकी जुबान मतलब वादा पक्का। मैं आपको वही दिखा रही हूं कि आपका वादा अधूरा है और आपको पूरे सदन के सामने यह बताना चाहिए। आपने जो सम्मान देने की बात की थी वह हमें अच्छा लगा था। सभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा था। यह बात पैसे की नहीं है, सम्मान की है। प्रदेश में मुझे कई लोग बोलते हैं कि आपका तो कैश अवॉर्ड आ गया, तो मैंने उन्हें कहती हूं कि न आपका आया, न मेरा आया। हम मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।" CM सैनी ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई, 3 ऑफर दिए विनेश के मुद्दा उठाए जाने के बाद CM नायब सैनी ने बजट सत्र के बीच 25 मार्च को कैबिनेट मीटिंग की। जिसके बाद विनेश फोगाट को सिल्वर मेडलिस्ट जैसे सम्मान के तौर पर 3 चॉइस दी थीं। जिसमें नौकरी के साथ 4 करोड़ कैश या हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) से प्लॉट का भी ऑफर दिया गया। हालांकि विनेश ने इसको लेकर कभी खुलकर कुछ नहीं कहा। इसके बाद खेल मंत्री गौरव गौतम ने भी विनेश फोगाट को चुप्पी तोड़ सरकार के दिए ऑफर में जल्द से जल्द किसी एक का चयन करने की सलाह दी थी। एक दिन में 3 फाइट जीतीं विनेश कैसे बिना मेडल देश लौटीं, 3 पॉइंट में जानिए... 1. एक दिन में 3 पहलवानों को हराया, वजन बढ़ने पर अयोग्य करार विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में 6 अगस्त 2024 को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी, क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52 किलो 700 ग्राम हो गया। विनेश के पास वेट वापस 50KG लाने के लिए सिर्फ 12 घंटे थे। रातभर विनेश वजन कम करने की कोशिश में लगी रहीं। मगर, 7 अगस्त की सुबह उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले, लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया था। 2. खेल कोर्ट में अपील खारिज हुई, पदक बिना वापस लौटीं इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। इसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उनका वजन नियमों के अनुरूप था। उन्हें जॉइंट सिल्वर मेडल दिया जाए। उनकी याचिका पर खेल कोर्ट में सुनवाई चली। हालांकि पेरिस ओलिंपिक खत्म होने के बाद इसका फैसला आया, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद विनेश बिना मेडल के ही देश वापस लौटीं। दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर पैतृक गांव बलाली तक उनका स्वागत किया गया। 3. कुश्ती से संन्यास लिया, कांग्रेस में शामिल हुईं ओलिंपिक मेडल से चूकने के बाद विनेश फोगाट ने 8 अगस्त 2024 को कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- "मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। ...माफी।" इसके बाद विनेश फोगाट ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। बजरंग पूनिया के साथ मिलकर कांग्रेस जॉइन कर ली। कांग्रेस ने विनेश को जींद की जुलाना सीट से टिकट दिया। जहां से विनेश चुनाव जीतकर पहली बार में ही MLA बन गईं। ------------------------------------- विनेश फोगाट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... BJP मंत्री बोले- विनेश फोगाट बताएं, क्या चाहिए:सीएम ₹4 करोड़ कैश, सरकारी जॉब समेत 3 चॉइस दे चुके; रेसलर बोलीं थी-वादा अधूरा हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विनेश फोगाट को ऑफर दे दिया है। अब विनेश के ऊपर है कि वह ऑफर को लेती हैं या नहीं। गौरव गौतम शुक्रवार को रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) में आयोजित फिल्म महोत्सव में पहुंचे थे। गौतम ने कहा कि सरकार ने बहुत खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड दिया है। 2004 से 2014 तक कांग्रेस के राज में

विनेश फोगाट ने 4 करोड़ रुपए का ऑफर स्वीकारा
हरियाणा की महिला रेसलर विनेश फोगाट ने हाल ही में 4 करोड़ रुपए का एक आकर्षक ऑफर स्वीकार किया है। इस फैसले से भारतीय कुश्ती में एक नया अध्याय जुड़ता है, जहाँ विनेश ने न केवल पैसों को प्राथमिकता दी है, बल्कि सरकारी नौकरी या भूमि प्लॉट जैसी सुविधाओं को भी ठुकरा दिया है। यह निर्णय निश्चित रूप से उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर परिपक्वता को दर्शाता है।
हरियाणा CM ने दिए थे 3 चॉइस
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने विनेश फोगाट को तीन विकल्प प्रदान किए थे, जिनमें से पहला था 4 करोड़ रुपए का ऑफर, दूसरा सरकारी नौकरी, और तीसरा एक भूखंड का प्रस्ताव। विनेश ने इस अवसर का चयन किया जो उनकी रेसलिंग करियर को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, भले ही यह एक सरकारी नौकरी या प्लॉट की तुलना में अलग है। उनके इस निर्णय ने रेसलिंग समुदाय में एक नई बहस खड़ी कर दी है।
विनेश फोगाट का करियर
विनेश फोगाट ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। उनका लक्ष्य हमेशा देश को गौरान्वित करना और अपने खेल में excellence हासिल करना रहा है। उनके द्वारा लिया गया यह निर्णय प्रेरणादायक है और युवा खिलाड़ियों को यह दिखाता है कि वे अपने जुनून का पीछा कर सकते हैं, भले ही उन्हें इसके लिए कोई सुरक्षित रास्ता न मिले।
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि विनेश ने अपने लिए सबसे अच्छा विकल्प चुना है जो उनके लंबे समय के लक्ष्यों के अनुरूप है। हरियाणा के मुख्यमंत्री की पेशकशों के बावजूद, उनका ध्यान अपना करियर बनाना और भारत का नाम रोशन करना है।
इस समय रेसलिंग का माहौल काफी सकारात्मक है और ऐसे निर्णय भारतीय खिलाड़ियों को प्रेरित करते हैं कि वे अपने प्रतिभा को पहचानें और उसे सही दिशा में आगे बढ़ाएँ।
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