गोरखपुर में 4 मोरों की हुई रहस्यमयी मौत:शिकारियों ने दिया जहर, वन विभाग ने शुरू की जांच
गोरखपुर में चार मोरों की जहर खाने से मौत हो गई। बखीरा झील के किनारे स्थित इस गांव में सुबह जब कुछ ग्रामीण टहलने निकले, तो उन्होंने मृत मोरों को देखा। दो मोर तो बेहोश अवस्था में पड़े थे, जिनकी ग्रामीणों ने पानी पिलाने की कोशिश की, लेकिन वे इलाज के दौरान रास्ते में दम तोड़ गए। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है, ताकि मौत के कारणों का पता चल सके। शिकारियों ने मोरों को जहर देकर मारा ग्रामीणों का आरोप है कि शिकारियों ने मोरों को जहर देकर मारा है। उनका कहना है कि बखीरा झील के पास शिकारी अक्सर पक्षियों को जहर मिलाकर मारते हैं। ये शिकारी झील में दाने में जहर मिलाकर डाल देते हैं, जिसे खाने के बाद साइबेरियन पक्षी और अन्य पक्षी कुछ देर में मारे जाते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि मोरों की मौत भी इसी तरह हुई है। ग्रामीणों ने दी वन विभाग और प्रशासन को सूचना स्थानीय निवासी जय प्रकाश, राकेश, बिट्टू और अन्य ग्रामीणों ने घटना की जानकारी वन विभाग और प्रशासन को दी। शवों की जांच में तरल पदार्थ के साथ कुछ दानेदार सामग्री मिली, जिससे यह साफ हुआ कि जहर का इस्तेमाल किया गया है। वन विभाग के DFO, विकास यादव ने कहा कि इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है। उनकी टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर मोरों की मौत का सही कारण सामने आएगा।

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हाल ही में गोरखपुर जिले में चार मोरों की रहस्यमयी मौत ने सभी को हैरान कर दिया है। जानकारी के अनुसार, स्थानीय ग्रामीणों ने यह आशंका जताई है कि इन मोरों की मौत शिकारी द्वारा दिए गए जहर के कारण हुई है। वन विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित अधिकारियों ने मृत मोरों की शरीर का परीक्षण करवाने का निर्णय लिया है।
मौत के कारण
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि शिकारियों ने कोई पौष्टिक वस्तु या दवा मिलाकर इसे मोरों के खाने में मिला दिया होगा। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां शिकारी निर्दोष जीवों की जान लेते हैं। इस प्रकार की घटनाओं का प्रमुख कारण प्रकृति के प्रति मानव का अनादर और वन्यजीवों के संरक्षण की कमी है।
वन विभाग की भूमिका
गोरखपुर का वन विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। विभाग ने मृत मोरों के शरीर का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया है। इसके साथ ही, विभाग ने क्षेत्र में शिकारी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए अपनी गश्त बढ़ा दी है। एक अधिकारी ने कहा, "हम आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस तरह की घटनाएँ वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए खतरा हैं। वन्यजीव प्रेमियों ने इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने और संरक्षण के उपायों पर विचार करने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। लोगों ने राज्य सरकार से सख्त कानून बनाने और शिकारी गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की है।
निष्कर्ष
गोरखपुर में चार मोरों की रहस्यमयी मौत ने यह एक बार फिर साबित कर दिया है कि मानव का प्रकृति के प्रति अनादर न केवल वन्यजीवों के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। हमें इस दिशा में जागरूक रहना होगा और इन निर्दोष जीवों की रक्षा के लिए प्रयास करना होगा। Keywords: गोरखपुर मोरों की मौत, मोर की हत्या, शिकारी घटनाएं गोरखपुर, वन विभाग जांच, वन्यजीव संरक्षण, मोर की रहस्यमयी मौत, गोरखपुर में शिकारी, जहर देकर हत्या, गोरखपुर वन्यजीव, स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया.
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