चंदौली में 26 मई तक धारा 163 लागू:धार्मिक त्योहारों और परीक्षाओं के मद्देनजर जुलूस-धरना प्रदर्शन पर रोक
चंदौली के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने जनपद में 26 मई तक धारा 163 लागू कर दी है। इस दौरान जुलूस, धरना-प्रदर्शन और सार्वजनिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एसडीएम की अनुमति अनिवार्य होगी। जिलाधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में कई परीक्षाएं होनी हैं। साथ ही महावीर जयंती (10 अप्रैल), डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल), गुड फ्राइडे (18 अप्रैल) और बुद्ध पूर्णिमा (12 मई) जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी आ रहे हैं। इन दिनों असामाजिक तत्वों द्वारा शांति भंग करने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। धारा 163 के तहत कोई भी व्यक्ति तलवार, भाला या बल्लम लेकर नहीं चल सकेगा। सार्वजनिक स्थानों पर पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर भी प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, यह नियम धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च पर लागू नहीं होगा। जिलाधिकारी ने पुलिस अधिकारियों को धारा 163 का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है। नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर का प्रयोग भी एसडीएम की अनुमति से ही किया जा सकेगा।

चंदौली में 26 मई तक धारा 163 लागू: धार्मिक त्योहारों और परीक्षाओं के मद्देनजर जुलूस-धरना प्रदर्शन पर रोक
चंदौली जिले में आगामी धार्मिक त्योहारों और परीक्षाओं के सुचारु संचालन के लिए धारा 163 लागू की गई है। यह कानून 26 मई तक लागू रहेगा, जिससे क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन का यह निर्णय जुलूस, धरना और प्रदर्शन पर रोक लगाने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे सार्वजनिक परिवहन और अन्य गतिविधियों में कोई रुकावट न आए।
धारा 163 का महत्व
धारा 163 का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति खतरें में होती है। चंदौली में यह निर्णय तात्कालिक हालात को देखते हुए लिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे इस अवधि के दौरान शांति बनाए रखें और सार्वजनिक आयोजनों में भाग लेने से बचें।
धार्मिक त्योहारों का समय
चंदौली में विभिन्न धार्मिक त्योहार जैसे ईद, हरियाली तीज आदि का आयोजन होने वाला है। इन त्योहारों के दौरान सामुदायिक आयोजनों का महत्व होता है, लेकिन प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि ये आयोजनों कानून-व्यवस्था के दायरे में रहें। आगे चलकर, प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि वे आवश्यक कदम उठाते रहें ताकि सभी समुदायों में सौहार्द बना रहे।
परीक्षा प्रक्रिया पर असर
छात्रों की परीक्षा प्रक्रिया भी इस अवधि में महत्वपूर्ण है। चंदौली के सभी स्कूल और कॉलेज अब परीक्षा से संबंधित आयोजनों को बिना किसी रुकावट के पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस व्यवस्था से छात्रों को न केवल उनका पाठ्यक्रम पूर्ण करने का अवसर मिलता है, बल्कि उनके मन का तनाव भी कम होता है।
उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें और नियमों का पालन करें। इससे न केवल शांति बनी रहेगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और धार्मिक ताने-बाने को भी बनाए रखा जा सकेगा।
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