जर्मनी में आम चुनाव- चांसलर शोल्ज हारे:विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी सबसे आगे, 630 में से 208 सीटों पर जीत; किसी पार्टी को बहुमत नहीं
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज आम चुनाव हार गए हैं। उनकी सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी (SDP) 630 सीटों में से सिर्फ 121 सीटें ही जीत पाई है। उसे सिर्फ 16.5% वोट ही मिले हैं। चांसलर शोल्ज ने हार स्वीकार कर ली है। उनकी पार्टी चुनावी नतीजों में तीसरे पायदान पर पहुंच गई है। कंजर्वेटिव विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) पार्टी के गठबंधन ने 208 सीटों पर जीत दर्ज की है। उसे 28.5% वोट हासिल हुए हैं। चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी विजेता कट्टर दक्षिणपंथी पार्टी (AFD) को मिली है। इस पार्टी को 151 सीटों पर जीत मिली है। पार्टी को 20.8% वोट मिले हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार जर्मनी में किसी कट्टरपंथी दक्षिणपंथी पार्टी ने इतनी सीटें जीती हैं। जर्मनी में बहुमत के लिए 315 सीटें चाहिए, और कोई भी पार्टी अकेले यह आंकड़ा छूती नहीं दिख रही। इसलिए गठबंधन सरकार बनना तय माना जा रहा है। AfD ने गठबंधन करने की पेशकश की AfD पार्टी की चांसलर उम्मीदवार एलिस वीडेल ने अपने समर्थकों के साथ जीत का जश्न मनाया है। हालांकि पार्टी चांसलर वीडेल ने कहा कि उन्हें और बेहरत रिजल्ट की उम्मीद थी। AfD के नेता टीनो क्रूपाला ने कहा कि उनकी पार्टी CDU के साथ गठबंधन के लिए बातचीत करने को तैयार है। हालांकि CDU के चांसलर उम्मीदवार फ्रेडरिक मर्ज ने कट्टरपंथी पार्टी AfD के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से साफ इनकार कर दिया है। चुनाव में सेंटर राइट पार्टी CDU की जीत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यह जर्मनी और अमेरिका दोनों के लिए शानदार दिन है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि अमेरिका की तरह जर्मनी के लोग भी एनर्जी और इमिग्रेशन पर सरकार की बेतुकी नीतियों से तंग आ चुके थे। चुनाव में मस्क और रूस का दखल अमेरिकी कारोबारी वे टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक इलॉन मस्क के दखल ने भी चुनाव को दिलचस्प बना दिया। मस्क खुलकर कट्टरपंथी नेता एलिस वीडेल का समर्थन कर रहे थे। दूसरी तरफ चुनाव में रूस का दखल सामने आया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ‘डोपेलगैंगर’ और ‘स्टॉर्म-1516’ जैसे ग्रुप रूस से हजारों बॉट आर्मी के जरिए चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं। ये ग्रुप रोजाना हजारों वीडियोज-फेक न्यूज सोशल मीडिया खासकर एक्स पर पोस्ट कर रहे हैं। ये पोस्ट AFD के समर्थन में हो रहे थे। इनके अलावा रूस से 100 से ज्यादा फर्जी वेबसाइट्स से फेक न्यूज फैलाई जा रही है। तीनों प्रमुख पार्टियों के लिए अवैध प्रवासी बड़ा मुद्दा चुनाव में यूक्रेन जंग, रूस, अर्थव्यवस्था व बजट जैसे मुद्दे छाए रहे। हालांकि, CDU, SPD, AFD के लिए अवैध प्रवासी बड़ा मुद्दा बना। जर्मनी में हालिया आतंकी हमलों को AFD अवैध प्रवासियों से जोड़ मुद्दा बनाया। CDU पार्टी ने सीमाओं को सख्त करने व शरणार्थियों के लिए नागरिकता की शर्तें कड़ी करने की बात कही। SPD भी सीमा सख्ती के पक्ष में रही, लेकिन कुशल प्रवासियों को आने देने की नीति जारी रखना चाहती है।

जर्मनी के आम चुनावों का नतीजा
हाल ही में जर्मनी में हुए आम चुनावों ने देश की राजनीतिक पृष्ठभूमि को तीव्रता से बदल दिया है। चांसलर ओलाफ शोल्ज की पार्टी ने इस बार चुनाव में काफी दबाव महसूस किया, जहां उन्हें विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। कंजर्वेटिव पार्टी ने 630 में से 208 सीटों पर विजय प्राप्त करके एक महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है, लेकिन फिर भी कोई भी पार्टी बहुमत प्राप्त करने में असफल रही।
चांसलर शोल्ज और उनके राजनीतिक भविष्य
चांसलर शोल्ज का कार्यकाल इन चुनावों के बाद निश्चित रूप से कठिन बना होगा। उनकी सरकार का समर्थन घटा है, और उन्हें अब विपक्ष से निपटने के लिए नई रणनीतियाँ अपनानी होंगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शोल्ज को अपनी नीतियों में बदलाव लाकर मतदाताओं का विश्वास वापस जीतने की आवश्यकता है।
कंजर्वेटिव पार्टी की जीत का अर्थ
कंजर्वेटिव पार्टी ने इस चुनाव में जो सफलता पाई है, वह पार्टी की पुनर्जीवित स्थिति को दर्शाती है। पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीतियों में जनहित से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी है, जो कि मतदाताओं को आकर्षित करने में सफल रही। इसके अलावा, विपक्ष के नेताओं ने मतदाताओं को यह संदेश देने में सफल रहे कि वे बेहतर सुरक्षा और आर्थिक नीतियों का प्रस्ताव रख रहे हैं।
फिलहाल की राजनीतिक स्थिति
चुनाव परिणाम ने जर्मन राजनीति में अस्थिरता को जन्म दिया है। किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने के कारण अब गुटबंदी और गठबंधन की राजनीति की ओर बढ़ना जरूरी हो गया है। यह न केवल जर्मनी के लिए, बल्कि पूरे यूरोप के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। विभिन्न पार्टियों के बीच सहयोग के लिए वार्ता अब शुरू की जाएगी, ताकि एक मजबूत और स्थायी सरकार का गठन किया जा सके।
आगे क्या होगा?
आगामी दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि उन पार्टियों के नेता किस प्रकार से एक दूसरे के साथ बातचीत करते हैं। साथ ही, मतदाताओं की प्रतिक्रिया भी काफी महत्वपूर्ण होगी, और यह तय करेगी कि अगली सरकार किस दिशा में जाएगी। कुछ विश्लेषक मानते हैं कि चुनावी नतीजे नए राजनीतिक बदलावों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं। Keywords: जर्मनी आम चुनाव, चांसलर शोल्ज, कंजर्वेटिव पार्टी जीत, जर्मनी चुनाव परिणाम, राजनीतिक अस्थिरता, ओलाफ शोल्ज, जर्मनी सरकार, विपक्षी पार्टी, चुनावी गठबंधन, जर्मनी में चुनाव, जर्मनी का भविष्य, राजनीतिक रणनीतियाँ, जर्मन राजनीति की स्थिति, मतदाता समर्थन, चुनावी रणनीतियाँ.
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