जींद का युवक अमेरिका से हुआ डिपोर्ट:5 एजेंट के खिलाफ केस दर्ज, 146 दिन हुआ टॉर्चर, पनामा के होटल में रहा नजरबंद
हरियाणा के जींद जिले का युवक पांच महीने तक 10 से ज्यादा देशों के जंगलों से होते हुए अमेरिका पहुंचा था। लेकिन 12 दिन में ही अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया। पीड़ित ने करीब 146 दिन तक शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना झेली। विदेश भेजने वाले एजेंटों ने 50 लाख रुपए भी हड़प लिए। सफीदों सदर थाना पुलिस ने पांच एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी और इमीग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में सफीदों के गांव साहनपुर निवासी सुमित ने बताया कि उसका संपर्क वर्ष 2024 में पानीपत जिले के कुराना गांव निवासी जितेंद्र तथा उसके साथियों से हुआ था। आरोपियों ने उसे अमेरिका भेजने की बात कही। इसकी एवज में 50 लाख रुपए मांगे गए। वह दो अक्टूबर 2024 को घर से दिल्ली के रास्ते ऐमसडम पहुंचा। एक रात वहीं ठहरने के बाद वह पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचा। यहां से एजेंट के कहने पर वह बस तथा टैक्सी से कोलंबिया पहुंचा। फिर वह ब्राजील, पेरू, ग्यालिनिया से होता हुआ थापालुच्चा पहुंचा। जहां पर सारी पेमेंट आरोपियों को कर दी गई। इसके बाद उसे 20 दिन तक मेक्सिको में रखा गया। बाद में आरोपियों ने उसकी फ्लाइट कैलिफोर्निया की करवा दी। जहां से टैक्सी द्वारा केजवाना पहुंचा, जो अमेरिका के मेक्सिको का बॉर्डर पड़ता है। 8 फरवरी 2025 को अमेरिका की दीवार क्रॉस करवा दी। इसके बाद अमेरिका बॉर्डर पुलिस ने पकड़ा। जहां से उसे सेंनडियांगो चौकी कैलिफोर्निया ले जाया गया। वहां पहुंचते ही उसे डिपोर्ट करने लगे। 14 फरवरी को उसके हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां लगाकर जहाज से पनामा के एक होटल के पास उतार दिया गया। यहां होटल में नजर बंद कर दिया गया और हथकड़ियां तथा बेड़ियां खोल दी गई। यहां करीब 229 लोग बंद थे। एक सप्ताह तक यहां खाने के लिए चावल दिए गए। इसके बाद यहां से इस्तांबुल तुर्की में उन्हें ले जाया गया। यहां से सिविलियन जहाज में बैठाकर दिल्ली भेजा गया। सुमित का कहना है कि 23 फरवरी की रात को वह 12 युवा थे, जो अमेरिका से डिपोर्ट किए गए थे। सुमित का कहना है कि पहला ऐसा जहाज था, जिसमें वह बिना हथकड़ी के आए थे। इंडियन एंबेसी की तरफ से उनकी मदद की गई। खाने में शाकाहारी भोजन दिया गया। पनामा के जिस होटल में वह रुके थे, वहां एक कमरे में 4 युवक थे। उनके पास पासपोर्ट था, इसलिए वह जल्दी आ गए। बाकी लोगों को लाने के लिए इंडियन एंबेसी द्वारा वाइट पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया चल रही है, इसके बाद वह भी वापस आएंगे। सुमित ने बताया कि अभी भी हरियाणा के 50 से ज्यादा युवक पनामा होटल में नजरबंद हैं। सदर थाना सफीदों पुलिस ने सुमित की शिकायत पर गांव कुराना निवासी जितेंद्र, मनप्रीत, पानीपत निवासी गुरमीत कौर, गांव काकौदा निवासी अनिल, सुनील, गांव सिवाहा निवासी प्रवीण दत्ता के खिलाफ धोखाधड़ी, इमीग्रेशन एक्ट समेत विभिन्न भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया है।

जींद का युवक अमेरिका से हुआ डिपोर्ट: 5 एजेंट के खिलाफ केस दर्ज
जींद के एक युवक का हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है, जो बेहद ही चौंकाने वाला मामला है। युवक ने अमेरिका में अपने अनुभव बताते हुए दावा किया कि उसे 146 दिनों तक टॉर्चर किया गया। यह घटना तब सामने आई जब पुलिस ने 5 एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस युवक ने पनामा के एक होटल में नजरबंद रहने का भी जिक्र किया, जहां उसके साथ बहुत बुरा सलूक किया गया।
डिपोर्टेशन की पूरी कहानी
इस युवक का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन उसकी कहानी ने इलाके के लोगों को हैरान कर दिया है। युवक ने बताया कि उसने बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका जाने का निर्णय लिया, लेकिन वहां उसे घोटालेबाज एजेंटों द्वारा ठगा गया। युवक के अनुसार, ये एजेंट उसे पनामा में एक होटल में बंद कर के रखते थे और वहां से भागने की कोशिश करने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई।
टॉर्चर का तरीका
146 दिनों तक युवक को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के टॉर्चर का सामना करना पड़ा। उसे सजा के तौर पर लंबी अवधि तक नजरबंद रखा गया, जबकि उसका पासपोर्ट और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी इन एजेंटों के पास थे। युवक ने कहा कि उसे अपने परिजनों से मिलने नहीं दिया गया और उसे लगातार डराया-धमकाया जाता रहा।
कानूनी कार्रवाई और प्रतिक्रियाएँ
अब, जब युवक अपने देश लौट आया है, तो उसने अपनी आपबीती पुलिस के सामने रखी है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 5 एजेंटों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। यह मामला अब सामाजिक संज्ञान में आ गया है, और स्थानीय निवासियों सहित कई लोग इस घोटाले का विरोध कर रहे हैं।
इस पूरी घटना ने यह साबित कर दिया है कि विदेश जाने के सपने देखने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और ऐसे एजेंटों से बचना चाहिए जो उन्हें धोखा दे सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के घटनाक्रम भारत में आम हो गए हैं। बाहर जाने की चाह में कई लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए उन्होंने सिफारिश की है कि लोग हमेशा सही जांच-पड़ताल और सतर्कता बरतें।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सभी को चाहिए कि वे इस स्थिति से सबक लें और सतर्क रहें। और ऐसे मामलों की सूचना तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें।
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