ट्रम्प ने विदेशों में भ्रष्टाचार विरोधी कानून खत्म किया:अडाणी पर अमेरिका में इसी के तहत केस दर्ज; मोदी के दौरे से पहले फैसला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने करीब 50 साल पुराने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) को निलंबित कर दिया है। इससे विदेशों में व्यापार के लिए रिश्वत देना अपराध नहीं रहेगा। भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडाणी पर इस कानून के तहत अमेरिका में केस दर्ज किया गया है। जिसमें उन पर भारतीयों अधिकारियों को रिश्वत देने की प्लानिंग का आरोप है। ट्रम्प ने यह फैसला PM मोदी के अमेरिका दौरे से 2 दिन पहले लिया है। रॉयटर्स के मुताबिक ट्रम्प ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को इस कानून के तहत दिए गए फैसलों की समीक्षा करने के लिए गाइडलाइन्स बनाने का निर्देश दिया है। ट्रम्प ने आदेश दिया है कि, न्याय विभाग उन अमेरिकियों पर मुकदमा चलाना रोक दे, जिन पर अन्य देशों में व्यापार जीतने या बनाए रखने के लिए विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है। अडाणी पर अरबों की धोखाधड़ी के आरोप पिछले साल अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप पत्र के मुताबिक अडाणी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई। इसके अलावा आरोपियों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया। यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। आरोपों को डीटेल्स में यहां पढ़ें... क्या है FCPA एक्ट फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) को अमेरिका ने 1977 में लागू किया था। इसके तहत अमेरिका में रजिस्टर्ड कंपनियों को व्यापार और दूसरे मकसद के लिए विदेशों अधिकारियों को रिश्वत देने पर रोक लगा दी गई थी। सोमवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में इस कानून पर रोक जुड़े आदेश पर साइन करते हुए ट्रम्प ने कहा, "इस फैसले से अमेरिका के लिए व्यापार के नए अवसर आएंगे।" ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में भी इस कानून को खत्म करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने इसे भयानक कानून बताते हुए कहा, इस कानून की वजह से दुनिया हम पर हंस रही है। -------------------------------- अडाणी पर दर्ज केस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... आज का एक्सप्लेनर:अगर रिश्वत भारत में दी, तो कार्रवाई अमेरिका में क्यों; अडाणी केस पर वो सब कुछ जो जानना जरूरी 15 मार्च 2024 को ब्लूमबर्ग में गौतम अडाणी की अमेरिकी जांच से जुड़ी एक खबर छपी। तब इसे खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप ने एक बयान में कहा- हमें अपने चेयरमैन के खिलाफ किसी जांच की जानकारी नहीं है। बात वहीं दब गई। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Feb 11, 2025 - 12:59
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ट्रम्प ने विदेशों में भ्रष्टाचार विरोधी कानून खत्म किया:अडाणी पर अमेरिका में इसी के तहत केस दर्ज; मोदी के दौरे से पहले फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने करीब 50 साल पुराने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) को निलंब

ट्रम्प ने विदेशों में भ्रष्टाचार विरोधी कानून खत्म किया: अडाणी पर अमेरिका में इसी के तहत केस दर्ज; मोदी के दौरे से पहले फैसला

हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लागू किए गए एक विवादित निर्णय ने विदेशों में भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों को समाप्त कर दिया है। ये कानून विशेष रूप से उन कंपनियों और व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करते थे जो विदेशों में भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ट्रम्प के इस फैसले ने वैश्विक व्यापारी पैटर्न को प्रभावित किया है, जिसमें भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी पर भी एक संभावित केस दायर किया गया है।

अडाणी पर केस की पृष्ठभूमि

अमेरिका में अडाणी समूह के खिलाफ केस दायर होने की खबर ने भारतीय राजनीति और व्यापार के माहौल को एक नया मोड़ दिया है। इस केस के पीछे कथित तौर पर ट्रम्प के निर्णय का सीधा असर है, जहां विदेशी भ्रष्टाचार से निपटने के उपायों को कमजोर किया गया है। इस विवादास्पद निर्णय से अडाणी समूह को अमेरिकी न्याय प्रणाली में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो कि मोदी सरकार के लिए भी एक बड़ा झटका हो सकता है।

मोदी के दौरे से पहले स्थिति का महत्व

इस केस की सुनवाई मोदी के अमेरिका दौरे से पहले हो रही है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है। इस दौरे के दौरान मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाने की संभावना है, जिसमें व्यापारिक संबंध और भूराजनीति शामिल हैं। अडाणी के खिलाफ केस एक संभावित संवेदनशील बिंदु बनेगा, जिसे मोदी को सुलझाना पड़ेगा।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव

ट्रम्प के निर्णय का अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। यह निर्णय न केवल अमेरिका-भारत संबंधों को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक उद्यमों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में कार्य करेगा। कंपनियां अब प्रत्याशित चुनौती के लिए अपने नीतियों और व्यापार रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन कर सकती हैं।

निष्कर्ष

चाहे यह एक राजनीतिक घटना हो या व्यापारिक चुनौती, यह स्पष्ट है कि ट्रम्प का निर्णय विदेशी भ्रष्टाचार निरोधक उपायों को कमजोर कर रहा है और इसके परिणामस्वरूप अडाणी पर केस, पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में एक महत्वपूर्ण विषय बनकर उभरेगा। यह घटनाक्रम न केवल वर्तमान की स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि भविष्य में भारत-अमेरिका संबंधों के विकास पर भी गहरा असर डालेगा।

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