ठंड ने ली किसान की जान:खेत में सिंचाई करते समय हुए बेहोश, अस्पताल ले जाते समय मौत

महोबा में बढ़ती कड़ाके की ठंड ने एक और जान ले ली। श्रीनगर थाना क्षेत्र के सिजवाहा गांव में एक किसान की ठंड से मौत हो गई। 55 वर्षीय भागीरथ, जो पांच बीघा कृषि भूमि के काश्तकार थे, खेत में सिंचाई करते समय ठंड की चपेट में आ गए। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया घटना की जानकारी देते हुए मृतक के भतीजे कमल सिंह राजपूत ने बताया कि जब चाचा सुबह तक घर नहीं लौटे, तो परिजन उनकी तलाश में खेत पहुंचे। वहां उन्हें भागीरथ अचेत अवस्था में मिले और उनके मुंह से लाल झाग निकल रहा था। परिजन तुरंत उन्हें घर लाए और एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि परिजनों का कहना है कि खेत में सिंचाई के दौरान लगी कड़ाके की ठंड ही मौत का कारण है, लेकिन मृत्यु के सटीक कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा। किसान की अचानक मौत से पूरे परिवार में मातम छा गया है।

Jan 17, 2025 - 16:55
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ठंड ने ली किसान की जान:खेत में सिंचाई करते समय हुए बेहोश, अस्पताल ले जाते समय मौत
महोबा में बढ़ती कड़ाके की ठंड ने एक और जान ले ली। श्रीनगर थाना क्षेत्र के सिजवाहा गांव में एक किसा

ठंड ने ली किसान की जान: खेत में सिंचाई करते समय हुए बेहोश, अस्पताल ले जाते समय मौत

हाल ही में एक दुखद घटना ने भारतीय किसानों के बीच चिंता बढ़ा दी है। ठंडक के कारण एक किसान खेत में सिंचाई करते समय बेहोश हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब किसान अपने दैनिक काम में व्यस्त था। अत्यधिक ठंड और कार्य से उत्पन्न शारीरिक थकान ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

किसान की पहचान और स्थिति

किसान की पहचान स्थानीय स्तर पर की गई है और वह क्षेत्र के ही एक गांव का निवासी था। बताया जा रहा है कि किसान में बहुत अधिक समय से काम करने की आदत थी, लेकिन ठंड के मौसम ने उसे कमजोर कर दिया। उसके परिवार वाले इसे एक चेतावनी के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि ये घटनाएं सामान्य होती जा रही हैं, खासकर सर्दियों की ऋतु में।

ठंड के प्रभाव और चेतावनी

विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के सबसे बुरे प्रभावों में से एक है, जिनका सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ता है। ठंडी परिस्थितियों में काम करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय तक खेत में काम करता है, तो वह बेहोश हो सकता है।

सरकार की जिम्मेदारी और समर्थन

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी पर प्रश्न उठाए हैं। किसानों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अधिक जागरूकता और संबंधित उपायों की आवश्यकता है। सहायता सेवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना एक जरूरी कदम है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

किसान की मौत के बाद गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने इस घटना पर चर्चा करते हुए इसे एक गंभीर मुद्दा बताया है। उनका मानना है कि उन्हें अपने जीवन की सुरक्षा के लिए अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

सभी को ठंड में काम करते समय अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए और उचित सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए।

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