देहरा में MP बोले- बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी:महिला प्रधानों को खुद लेने होंगे फैसले, सरकार से हर वर्ग असंतुष्ट

देहरा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय जनता पार्टी ने भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में कांगड़ा-चंबा के सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज मुख्य अतिथि रहे। जसवां-परागपुर के विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि और महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सरिता धीमान समेत सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में हिम ईरा संस्था ने महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई। इसमें नहाने के साबुन, अचार, ऊनी कपड़े और अन्य घरेलू सामान शामिल थे। बीजेपी के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने भी यहां से सामान खरीदा। सांसद राजीव भारद्वाज ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी बढ़ा रही हैं। राजनीति में भी महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अब किसी भी क्षेत्र में सीमित नहीं रखा जा सकता। पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि कई ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान हैं। लेकिन उनके स्थान पर उनके पति निर्णय लेते हैं। यह उचित नहीं है। महिलाओं को खुद अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए। उन्होंने उस महिला प्रधान की सराहना की जिसने घूसखोर बीडीओ को रंगे हाथों पकड़ा था। बिक्रम सिंह ठाकुर बोले- सरकार से हर वर्ग असंतुष्ट पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से प्रदेश के सभी वर्ग असंतुष्ट हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पटवारी, कानूनगो, शिक्षक, पेंशनर्स, एचआरटीसी कर्मचारी और बिजली बोर्ड कर्मी सभी परेशान हैं। उन्होंने कांग्रेस सरकार द्वारा मंदिरों से चढ़ावे के पैसे लेने की नीति की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने मंदिरों से धन संग्रह कर उसे सरकारी योजनाओं में खर्च करने की अधिसूचना जारी की है, जो सनातन संस्कृति पर सीधा हमला है। ज्वालामुखी मंदिर में चढ़ावे के सोने की नथ को रजिस्टर में दर्ज न करने का मामला भी उठाया गया। उन्होंने कहा कि अभी डीसी कांगड़ा इस मामले में जांच कर रहे हैं। जांच में कोताही बरती गई तो वह इस मामले को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि मंदिरों का धन केवल मंदिरों के विकास और आसपास के क्षेत्रों की भलाई के लिए खर्च किया जाना चाहिए, न कि सरकारी योजनाओं में। बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि बीजेपी ने राष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को भव्य रूप से मनाया है। इसी कड़ी में देहरा में भी यह आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में महिलाओं को सशक्त बनाने, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और राजनीति में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के संकल्प के साथ समारोह का समापन किया गया।

Mar 8, 2025 - 17:00
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देहरा में MP बोले- बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी:महिला प्रधानों को खुद लेने होंगे फैसले, सरकार से हर वर्ग असंतुष्ट
देहरा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय जनता पार्टी ने भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्य

देहरा में MP बोले- बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी

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महिला प्रधानों की भूमिका में वृद्धि

देहरा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, स्थानीय सांसद ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी समाज में तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने महिला प्रधानों को सख्त सलाह दी कि उन्हें अपनी आवाज़ को मजबूती से उठाना होगा और सरकारी नीतियों में सक्रिय भागीदारी करनी होगी। इस समय की आवश्यकता है कि वे खुद फैसले लें और अपने समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

सरकारी नीतियों पर असंतोष

सांसद ने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान में हर वर्ग के लोग सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि यह केवल उनके वर्ग के नेताओं की जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि सामूहिक मेहनत और संवाद की आवश्यकता है ताकि सबकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नीति निर्माण में सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।

महिलाओं के सशक्तिकरण में सुधार

महिला प्रधानों की क्षमता का विकास करने के लिए कार्यशालाएं और कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं न केवल अपनी बात रखें, बल्कि उन्हें ठोस कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। तब ही उनके विचार और मुद्दे सही रूप से सरकार तक पहुँच सकेंगे।

निष्कर्ष

देहरा में सांसद का यह बयान न केवल महिलाओं की भूमिका को प्रोत्साहित करता है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद स्थापित करने की आवश्यकता की भी पुष्टि करता है। समाज में बदलाव लाने के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, और महिला प्रधानों को अपनी आवाज़ को प्रभावी ढंग से उठाने के लिए प्रेरित करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

सामाजिक बदलाव और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्यरत संगठनों और नेताओं को यह समझना होगा कि एकजुटता से ही उन्हें अपनी आवाज़ को और मजबूती से उठाने का अवसर मिलेगा।

कीवर्ड

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