नोएडा में मृत महिला के नाम पर लोन लेकर जालसाजी:5 महीने पर पर्सलन लोन किया गया अप्रूव, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
महिला की मौत होने के पांच महीने बाद जालसाजी से उसके नाम पर पर्सनल लोन स्वीकृत किए जाने का मामला सामने आया है। मृतक महिला के पति की शिकायत पर सेक्टर-126 थाने की पुलिस ने एक नामजद और बैंक के कई अज्ञात कर्मियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। केस न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ है। 2019 में हुई थी महिला की मौत वाजिदपुर गांव निवासी रिंकू चौहान ने बताया कि 2015 में उसकी शादी अनु चौहान के साथ हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही अनु सेक्टर 168 स्थित एक स्कूल में अध्यापिका के रूप में कार्य करने लगी। कुछ महीनों बाद स्कूल के कहने पर अनु चौहान ने सैलरी के लिए एचडीएफसी बैंक में अपना खाता खुलवा लिया। एक अप्रैल 2019 को अनु चौहान का आकस्मिक निधन हो गया। उस समय उसके खाते में 416674 रुपए थे। 15 अप्रैल को स्कूल से वेतन आने के बाद खाते का बैलेंस 439624 हो गया। एटीएम से पैसा निकाला तब चला पता 28 जुलाई 2019 को रिंकू ने एटीएम के द्वारा अपनी पत्नी के खाते से 31 हजार रुपए निकाल लिए। इस दौरान उसे पता चला कि 20 अगस्त को अर्जुन चंद्र सिंह द्वारा चेक से उसकी पत्नी के खाते से 2 लाख 75 हजार जालसाजी करके निकाले गए हैं। तीन सितंबर को शिकायतकर्ता की पत्नी के खाते पर 291902 रुपए का पर्सनल लोन सेक्शन कर दिया गया। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसकी पत्नी की मौत के बावजूद भी उसके नाम पर मिली भगत से लोन पास कर दिया गया। इसके बाद उसकी पत्नी अनु का सारा सेविंग अकाउंट खाली हो गया। ऐसे हुई जालसाजी की जानकारी लोन की किस्त से संबंधित पत्र जब बैंक की तरफ से शिकायतकर्ता के पास भेजा गया तब उसे पूरी जालसाजी की जानकारी हुई। इस मामले में शिकायतकर्ता जब संबंधित बैंक पहुंचा वहां के मैनेजर और कर्मचारी उसे टरकाने में लग गए। इसी दौरान मार्च 2020 में कोविड-19 की महामारी की वजह से लॉकडाउन हो गया। जैसे ही लॉकडाउन खुला तो शिकायतकर्ता ने फिर से बैंक के चक्कर लगाने शुरू कर दिए लेकिन बैंक कर्मियों ने उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं दी। कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा रिंकू चौहान के मुताबिक उसकी पत्नी की मौत के 5 महीने बाद बैंक कर्मियों की साजिश के तहत लोन सेक्शन कर उसके खाते को खाली कर दिया गया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अर्जुन चंद्र सिंह व बैंक कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की शिकायत पीड़ित ने स्थानीय थाने में भी की थी पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में उसने न्यायालय की शरण ली। पुलिस जल्द ही आरोपियों से पूछताछ करने का दावा कर रही है।

नोएडा में मृत महिला के नाम पर लोन लेकर जालसाजी: 5 महीने पर पर्सलन लोन किया गया अप्रूव
नोएडा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें एक मृत महिला के नाम पर लोन लेकर जालसाजी की गई है। इस मामले में अब तक कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं, जो इस जालसाजी के पीछे की गंभीरता को उजागर करती हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
पिछले 5 महीनों से यह मामला जांच का विषय बना हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक व्यक्ति ने मृत महिला के नाम पर पर्सलन लोन लिया। लोन का अप्रूवल भी 5 महीने के लंबे समय बाद किया गया, जो इस मामले को और गंभीर बनाता है। यह जालसाजी ना केवल बैंकिंग नियमों का उललंघन है, बल्कि मानवता के लिए भी एक बड़ा प्रश्न चिह्न खड़ा करता है।
कोर्ट का आदेश और दर्ज मुकदमा
इस मामले की रिकवरी के लिए कोर्ट में भी शिकायत की गई। कोर्ट के आदेश पर अब इस जालसाजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह अदालत का निर्णय इस बात को दर्शाता है कि कानून व्यवस्था अपने स्थान पर है और ऐसे जालसाजों को सजा मिलनी चाहिए।
जालसाजी का मामला और उससे जुड़े तथ्य
जालसाजी की यह घटना आम लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि कैसे धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बिना उचित जांच-पड़ताल के लोन की मंज़ूरी और ऐसे अपराधियों का सक्रिय होना हमारे वित्तीय सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है।
जिस भी व्यक्ति ने यह धोखाधड़ी की है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो सके।
इस जालसाजी मामले के सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
यह सुनने में आया है कि बैंकों को अपने लोन अप्रूवल प्रक्रिया को सख्त करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। मृतकों के नाम पर लोन लेने की कोशिश करने वालों के खिलाफ जरुरी सख्ती को अपनाना चाहिए।
अंततः, यह घटना ना केवल व्यक्तिगत मामलों को प्रभावित करती है, बल्कि समाज में विश्वास को भी कमजोर करती है। इसे रोधने के लिए एकजुट हो कर काम करने की आवश्यकता है।
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