परप्लेक्सिटी AI ने अमेरिकी टिकटॉक को खरीदने का ऑफर दिया:कंपनी को 300 बिलियन डॉलर में खरीदेगी; 50% हिस्सेदारी सरकार को मिलेगी

अमेरिकी AI कंपनी परप्लेक्सिटी AI ने टिकटॉक के अमेरिकी बिजनेस को खरीदने के लिए एक नया ऑफर दिया है। इसके मुताबिक कंपनी अमेरिकी टिकटॉक की ज्यादातर हिस्सेदारी 300 बिलियन डॉलर (25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा) में खरीदेगी। इसमें कंपनी की 50% हिस्सेदारी अमेरिकी सरकार के पास होगी। हालांकि आधी हिस्सेदारी के बावजूद अमेरिकी सरकार को बोर्ड में जगह नहीं मिलेगी और न ही फैसलों पर वोटिंग का अधिकार होगा। टिकटॉक की चीनी पैरेंट कंपनी बाइटडांस की भी इसमें कुछ हिस्सेदारी बनी रहेगी। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक इस ऑफर में टिकटॉक और परप्लेक्सिटी को मर्ज करने का प्लान है। इसे पिछले हफ्ते पेश किया गया है। इससे पहले परप्लेक्सिटी ने 18 जनवरी को भी एक ऑफर दिया था। हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने इसमें कुछ संशोधन करने के लिए कहा था। इसके बाद इसे दोबारा तैयार किया गया है। चीनी कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी परप्लेक्सिटी AI के ऑफर पर टिकटॉक और चीनी पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। ऑफर के मुताबिक बाइटडांस के पास भी अमेरिकी टिकटॉक की हिस्सेदारी रहेगी। हालांकि उसे अमेरिकी बोर्ड का पूर्ण नियंत्रण स्वीकार करना होगा। पिछले ऑफर में परप्लेक्सिटी ने टिकटॉक के अमेरिकी बिजनेस को कंपनी में विलय करने और निवेशकों को शामिल करने की बात कही थी। उस समय भी बाइटडांस ने इस ऑफर पर कोई रिएक्शन नहीं दिया था। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कहा था कि वे टिकटॉक को खरीदने के लिए कई लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं और अगले 30 दिनों में इसके भविष्य पर कोई न कोई फैसला ले लेंगे। अमेरिका में टिकटॉक पर संकट अमेरिका में टिकटॉक पर बंद होने का संकट है। अप्रैल 2024 में राष्ट्रपति बाइडेन ने एक कानून पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें ये कहा गया था क‍ि टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस को 9 महीने के भीतर ऐप का स्वामित्व किसी अमेरिकी खरीदार को सौंपना होगा और तभी वह अमेर‍िका में अपना अस्‍त‍ित्‍व बचा सकती है। 19 जनवरी को यह समयसीमा खत्म हो गई थी। इससे पहले 17 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध बरकरार रखा था। इसके बाद 19 जनवरी को इसे बंद कर दिया गया था। हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकारी आदेश के बाद इसे 75 दिनों की मोहलत मिल गई। भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास परप्लेक्सिटी AI के CEO परप्लेक्सिटी AI एक सर्च इंजन है जो बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs) का इस्तेमाल करके प्रश्नों के जवाब देती है। भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास इस कंपनी के CEO और सहसंस्थापक हैं। उन्होंने साल 2022 में एंडी कोनविंस्की, डेनिस यारात्स और जॉनी हो के साथ इस कंपनी की स्थापना की थी। श्रीनिवास पहले OpenAI में रिसर्चर के रूप में काम कर चुके हैं और गूगल और डीपमाइंड में रिसर्च इंटर्नशिप भी कर चुके हैं। .......................................... टिकटॉक से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... अमेरिका में टिकटॉक फिलहाल बैन नहीं:कंपनी ने सर्विस रिस्टोर की; ट्रम्प आज बैन को पोस्टपोन करने का आदेश जारी करेंगे चाइनीज शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक (TikTok) पर फिलहाल अमेरिका में बैन नहीं लग रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने शपथ ग्रहण से एक दिन पहले 19 जनवरी को अधिकारियों को टिकटॉक को और समय देने का आदेश दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jan 27, 2025 - 23:00
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परप्लेक्सिटी AI ने अमेरिकी टिकटॉक को खरीदने का ऑफर दिया:कंपनी को 300 बिलियन डॉलर में खरीदेगी; 50% हिस्सेदारी सरकार को मिलेगी
अमेरिकी AI कंपनी परप्लेक्सिटी AI ने टिकटॉक के अमेरिकी बिजनेस को खरीदने के लिए एक नया ऑफर दिया है। इस

परप्लेक्सिटी AI ने अमेरिकी टिकटॉक को खरीदने का ऑफर दिया

परप्लेक्सिटी AI ने अमेरिकी टिकटॉक को खरीदने के लिए एक ऐतिहासिक ऑफर दिया है, जिसमें कंपनी का मूल्य 300 बिलियन डॉलर निर्धारित किया गया है। इस प्रस्ताव के तहत, परप्लेक्सिटी AI 50% हिस्सेदारी अमेरिका की सरकार को भी देने की योजना बना रही है। यह कदम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक संभावित बदलाव का संकेत दे सकता है, और इसे कई दृष्टिकोणों से देखा जा रहा है।

मौजूदा स्थिति और कंपनी का मूल्यांकन

परप्लेक्सिटी AI द्वारा टिकटॉक के अधिग्रहण का यह प्रस्ताव तब आया है जब कंपनी की बाजार में बड़ी चर्चा है। इस अधिग्रहण में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आधी हिस्सेदारी सरकारी संस्थाओं को देने का प्रस्ताव भी किया गया है। इससे यह साफ है कि परप्लेक्सिटी AI अमेरिकन बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तैयार है।

सरकारी हिस्सेदारी का महत्व

इस प्रस्ताव में 50% हिस्सेदारी सरकार को देने का निर्णय कई मायनों में विशेष है। यह न केवल टिकटॉक की संचालन नीतियों पर सरकार की देखरेख बढ़ाएगा, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को भी संबोधित करेगा। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या अमेरिकी सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है या नहीं।

बाजार पर प्रभाव

यदि यह अधिग्रहण सफल होता है, तो इसका अमेरिकी बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है। टेक कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, और यूजर्स को नए फीचर्स तथा सेवाएं मिल सकती हैं। हालांकि, यह भी जरूरी है कि इस तरह के अधिग्रहण में उपयोगकर्ता की सुरक्षा और गोपनीयता को ध्यान में रखा जाए।

फ्यूचर प्रोजेक्शन

परप्लेक्सिटी AI का यह कदम भविष्य में तकनीकी दुनिया में नई क्रांति ला सकता है। जहां एक ओर यह कंपनी की बढ़ती हुई शक्ति को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह डिजिटल प्लेटफार्मों के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

अंत में, यह जरूरी है कि हम इस प्रस्ताव पर नज़र रखें क्योंकि इससे डिजिटल दुनिया का भविष्य तय हो सकता है।

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